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गर्भपात के बाद गर्भधारण: समय, स्वास्थ्य और सलाह

CK Birla Hospital
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गर्भपात या मिसकैरेज (miscarriage) किसी भी महिला के जीवन का एक ऐसा समय होता है, जब उसे अपनों की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, क्योंकि इस दौरान यह अनुभव अत्यंत दुखद और दर्दनाक अनुभव के साथ उत्पन्न होती है। कई महिलाएं गर्भपात के बाद इस सवाल से जूझती हैं कि क्या वह फिर से गर्भधारण कर पाएंगी या नहीं। यदि हां, तो इसका सही समय क्या होगा। 

ऐसे में सही जानकारी और मार्गदर्शन अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यदि आपने भी गर्भपात का अनुभव किया है और पुनः गर्भधारण करने का विचार कर रही हैं, तो यह लेख आपके लिए है। इस ब्लॉग में हम आपको गर्भपात के बाद गर्भधारण के संबंध में सभी महत्वपूर्ण जानकारी, सावधानियां और डॉक्टरी सलाह के बारे में बताएंगे, जिससे आप मानसिक रूप से खुद को तैयार कर पाएंगे और हैप्पी फैमिली बना पाएंगे। गर्भपात के बाद फिर से गर्भधारण करने का विचार कर रहे हैं? हम आपके इस प्रश्न का उत्तर जानते हैं। हमारे अनुभवी डॉक्टर से मिलें और इलाज लें।

गर्भपात क्यों होता है?

गर्भपात (मिसकैरेज) (miscarriage – why does a miscarriage happen?), गर्भधारण के पहले 20 हफ्तों में होने वाला एक प्राकृतिक बच्चेदानी का नुकसान है। इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे कि – 

गर्भपात के बाद आपके शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है

गर्भपात के बाद शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।

  • ब्लीडिंग (bleeding): यदि गर्भपात पहले तिमाही में हुआ है, तो रक्तस्राव आमतौर पर एक सप्ताह के भीतर रुक जाता है। लेकिन यदि गर्भपात दूसरी तिमाही में हुआ है, तो रक्तस्राव अधिक समय तक जारी रह सकता है।
  • हार्मोनल बदलाव (hormonal change): रक्तस्राव के बाद, आपके हार्मोन सामान्य स्थिति में लौट आते हैं और पीरियड्स साइकिल (period cycle – period jaldi laane ke upay) फिर से शुरू हो जाते हैं। पहले कुछ महीनों में पीरियड्स साइकिल अनियमित (irregular periods) हो सकते हैं।
  • ओवुलेशन (ovulation): गर्भपात के बाद, ओवुलेशन दो हफ्तों में भी वापस आ सकते हैं और अधिकतर महिलाएं तीन महीने में सामान्य पीरियड्स साइकिल में लौट आती हैं।

गर्भपात के बाद ठीक होने में कितना समय लगता है?

मिसकैरेज के बाद शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह से ठीक होने में समय लगता है। शारीरिक रूप से, यदि गर्भपात के बाद कोई मेडिकल प्रक्रिया जैसे गर्भपात के बाद गर्भाशय की सफाई (D&C) की आवश्यकता नहीं पड़ती है, तो शरीर सामान्यतः कुछ हफ्तों में ही ठीक हो जाता है। औसतन, गर्भपात के बाद ठीक होने में कम से कम 1 से 3 महीने तक का समय लग सकता है, लेकिन यह समय हर महिला के लिए अलग हो सकता है।

आपके हार्मोनल स्तर को सामान्य होने में भी कुछ समय लगता है, और इसके बाद आपके पीरियड्स साइकिल को फिर से नियमित होने में कुछ समय और लग सकता है।

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गर्भपात के बाद खुद का ख्याल कैसे रखें?

गर्भपात के बाद सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप खुद का ख्याल कैसे रख सकते हैं? इसके लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय इस प्रकार है –

  • आराम और विश्राम: शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह से ठीक होने के लिए पर्याप्त आराम करें।
  • स्वस्थ आहार (healthy diet): अच्छा और संतुलित आहार (balanced diet in hindi) लें, जिसमें फल, सब्जियां, प्रोटीन और आयरन युक्त आहार शामिल हो।
  • मनोबल बनाए रखें: यह किसी भी महिला के लिए एक भावनात्मक समय हो सकता है, इसलिए अपने परिवार और दोस्तों से सहायता प्राप्त करें।
  • वजन और शारीरिक स्वास्थ्य: यदि आपको वजन घटाने या शारीरिक स्वास्थ्य की कोई समस्या है, तो डॉक्टर से परामर्श लें और उनसे पूछें कि आप इसे कैसे मैनेज कर सकते हैं।
  • डॉक्टर से नियमित परामर्श: डॉक्टर से समय-समय पर संपर्क में रहें और अपनी सेहत की स्थिति की खास तौर पर निगरानी करें।

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गर्भपात के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए?

गर्भपात के बाद संबंध बनाने का समय महिलाओं की स्थिति और उनके स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। यदि गर्भपात के बाद आपको कोई शरीर में जटिलता नहीं होती है, तो डॉक्टर सामान्यतः 2 से 4 सप्ताह के बाद यौन संबंध बनाने की अनुमति दे सकते हैं। इसके साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। यदि आपके परिवार में किसी को भी इस स्थिति से गुजरना पड़ा है, तो उनका साथ ज़रूर दें। यह समय इसलिए भी जरूरी है ताकि संक्रमण से बचा जा सके और शरीर को ठीक से आराम मिल सके। यहां डॉक्टरी सलाह बहुत ज़रूरी है। 

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गर्भपात के कितने दिन बाद गर्भधारण की संभावना होती है?

गर्भपात के बाद गर्भधारण की संभावना तुरंत हो सकती है, क्योंकि ओव्यूलेशन (ovulation) गर्भपात के कुछ ही दिनों के बाद हो सकता है। यदि आपका चक्र नियमित है और कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या नहीं है, तो आप आसानी से गर्भधारण कर सकती हैं।
हालांकि, डॉक्टर सामान्य: गर्भपात के बाद कम से कम 1 से 3 महीने का समय देने की सलाह देते हैं, ताकि शरीर को ठीक से तैयार किया जा सके और हार्मोनल असंतुलन को ठीक किया जा सके।

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गर्भपात के बाद गर्भधारण के समय बरती जाने वाली सावधानियां

जब गर्भपात के बाद प्रेगनेंसी टेस्ट पॉजिटिव आ जाए, तो आपको कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए जैसे कि – 

  • मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें (mental health): मानसिक रूप से पूरी तरह से तैयार होना जरूरी है। यदि आप मानसिक रूप से दुरुस्त रहेंगे, तो आपका बच्चा भी स्वस्थ रहेगा।
  • स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं (healthy lifestyle): ताजे फल, सब्जियां, पर्याप्त पानी और नियमित हल्का व्यायाम करें। इससे आप खुद को और अपने बच्चे को भी स्वस्थ रखते हैं। 
  • डॉक्टर से परामर्श: गर्भधारण से पहले डॉक्टर से पूरी जांच करवाएं और समझें कि पिछले असफल गर्भधारण में कहां समस्या आई थी। 
  • जन्म नियंत्रण उपायों का उपयोग करें: यदि आप तुरंत गर्भधारण नहीं करना चाहतीं, तो गर्भनिरोधक उपायों (contraceptions) का पालन करें। प्रयास करें कि इस दौरान आप हार्मोनल दवाओं से बचें और डॉक्टर से बात करते रहें।

गर्भपात से बचने के उपाय

गर्भधारण करने के बाद मिसकैरेज से बचना बहुत जरूरी होता है। इस दौरान कुछ बातों का पालन कड़ाई से करना पड़ता है जैसे कि – 

  • स्वस्थ जीवनशैली: एक स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम से आपका शरीर मजबूत रहेगा और मिसकैरेज की संभावना कम से कम होगी। 
  • स्मोकिंग और शराब से बचें: इनका गर्भधारण पर नकारात्मक असर पड़ता है। जो महिलाएं धूम्रपान और शराब का सेवन करती हैं, उनके बच्चों का स्वास्थ्य गंभीर रूप से प्रभावित होता है। 
  • गर्भपात से पहले चिकित्सकीय जांच करवाएं: किसी भी स्वास्थ्य समस्या को समय रहते पहचान कर उसका इलाज करवाएं।

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गर्भपात के बाद ओवुलेशन के संकेत

जब आप गर्भपात के बाद गर्भधारण के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार हो जाएं, तो अपने शरीर के हार्मोनल परिवर्तन और ओवुलेशन के दिन को समझना महत्वपूर्ण है। इससे आपको और आपके साथी को गर्भवती होने की सबसे अच्छी संभावना वाले समय में संबंध बनाने में मदद मिलती है।

गर्भपात के बाद ओवुलेशन का पता लगाने के लिए कुछ संकेत निम्नलिखित हैं – 

  • ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) में वृद्धि: LH का स्तर ओवुलेशन से 10-12 घंटे पहले चरम पर पहुंचता है। यह सबसे उर्वर्य दिन होता है, जब LH का स्तर उच्चतम होता है।
  • बेसल बॉडी तापमान (BBT) में परिवर्तन: ओवुलेशन से पहले शरीर का तापमान थोड़ा गिरता है और फिर ओवुलेशन के बाद बढ़ता है। इसे नियमित रूप से ट्रैक कर के ओवुलेशन की पहचान की जा सकती है।
  • दर्द या ऐंठन (cramps): ओवुलेशन के दौरान कुछ महिलाओं को निचले पेट में हल्का दर्द या ऐंठन महसूस हो सकती है।
  • अन्य लक्षण: गर्भाशय ग्रीवा के बलगम में परिवर्तन, सेक्स ड्राइव में वृद्धि और हल्की स्पॉटिंग भी ओवुलेशन के सामान्य लक्षण हैं।

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निष्कर्ष

इस ब्लॉग की मदद से हम यह समझ चुके हैं कि गर्भपात के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी होती है? गर्भपात के बाद गर्भधारण करना संभव है, लेकिन इसके लिए मानसिक, शारीरिक और चिकित्सा तैयारी की आवश्यकता होती है। यदि आप गर्भधारण करने का विचार कर रही हैं, तो खुद का ख्याल रखना और डॉक्टर से परामर्श करना बेहद महत्वपूर्ण है। सही जानकारी और मार्गदर्शन से आप एक स्वस्थ गर्भावस्था की दिशा में कदम बढ़ा सकती हैं। आज ही अपने डॉक्टर से संपर्क करें और गर्भधारण की प्रक्रिया को सुरक्षित और स्वस्थ बनाने के लिए विशेषज्ञ की सलाह प्राप्त करें।

इसके अतिरिक्त आपके मन में प्रेगनेंसी या फिर मिसकैरेज के संबंध में कोई सवाल या फिर चिंता है, तो आप हमारे अनुभवी एवं सर्वश्रेष्ठ डॉक्टर से मिलें (Best Obstetrician & Gynaecologist) और इलाज लें। 

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

गर्भपात के बाद मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल कैसे रखें?

गर्भपात के बाद मानसिक स्वास्थ्य के लिए आराम करें, खुद को समय दें, परिवार और दोस्तों से समर्थन प्राप्त करें, और जरूरत महसूस होने पर पेशेवर काउंसलिंग लें।

क्या गर्भपात के बाद गर्भधारण करने में कोई जोखिम है?

यदि आपने पहले गर्भपात किया है, तो सामान्यतः जोखिम अधिक नहीं होता है। लेकिन कई मिसकैरेज के बाद डॉक्टर से जांच करवाना महत्वपूर्ण है, ताकि स्वास्थ्य की स्थिति सही हो।

गर्भपात के बाद शरीर को फिर से सामान्य बनाने के लिए क्या उपाय करें?

स्वस्थ आहार, पर्याप्त आराम, पानी की अधिक मात्रा, हल्का व्यायाम और मानसिक शांति को प्राथमिकता देकर शरीर को फिर से स्वस्थ किया जा सकता है। इन उपायों के बाद ही आप फिर से गर्भधारण करने के लिए तैयार हो सकते हैं।

क्या गर्भपात के बाद सभी महिलाएं जल्दी गर्भवती हो सकती हैं?

हर महिला का शरीर अलग होता है, इसलिए गर्भपात के बाद गर्भधारण का समय भी अलग-अलग होता है। किसी को जल्दी हो सकती है, जबकि कुछ महिलाओं को अधिक समय लग सकता है।

गर्भपात के बाद स्वस्थ गर्भधारण के लिए कौन सी जांच करवानी चाहिए?

यदि दो या दो से अधिक मिसकैरेज हुए हैं, तो डॉक्टर से क्रोमोसोम टेस्ट (Chromosomal tests), हार्मोन टेस्ट (hormone levels) और गर्भाशय से संबंधित टेस्ट {uterus-related tests (like ultrasound)} करवाना चाहिए, ताकि सही कारण का पता चल सके।