Trust img

Home >Blogs >नार्मल ओवरी सिस्ट साइज – ओवेरियन सिस्ट के प्रकार और आकार
CK Birla Hospital

नार्मल ओवरी सिस्ट साइज – ओवेरियन सिस्ट के प्रकार और आकार

Gynaecology | by Dr Deepika Aggarwal on Aug 8, 2025

Share :

Table of Contents

  1. ओवेरियन सिस्ट क्या है? (What is Ovarian Cyst?)
  2. नार्मल ओवरी सिस्ट का साइज क्या होता है? (What is the size of normal ovary cyst?)
  3. ओवेरियन सिस्ट के प्रकार (Types of Ovarian Cyst)
    1. फंक्शनल सिस्ट (Functional Cysts)
    2. फॉलिक्युलर सिस्ट (Follicular Cyst)
    3. कॉर्पस ल्यूटियम सिस्ट (Corpus Luteum Cyst)
  4. अन्य प्रकार की ओवेरियन सिस्ट (Other types of ovarian cyst)
    1. सिस्टैडेनोमा (Cystadenoma)
    2. डर्माइड सिस्ट (Dermoid Cyst/Teratoma)
    3. एंडोमेट्रियोमा (Endometrioma)
  5. कैंसर से जुड़ी सिस्ट (Ovarian Cancer Cysts)
  6. ओवरी सिस्ट के कारण (Causes of ovarian cyst)
  7. ओवरी सिस्ट के आकार का प्रभाव (Effect of different ovary cyst size)
    1. 1. छोटे आकार की सिस्ट (2 सेमी तक)
    2. 2. मध्यम आकार की सिस्ट (3–5 सेमी)
    3. 3. बड़े आकार की सिस्ट (5 सेमी से ऊपर)
  8. क्या आकार से कैंसर का खतरा बढ़ता है?
  9. ओवरी सिस्ट का इलाज और उपचार (Treatment of Ovarian Cyst)
    1. 1. पेल्विक जांच (Pelvic Exam)
    2. 2. ट्रांसवेजिनल अल्ट्रासाउंड (Transvaginal Ultrasound)
    3. 3. ब्लड टेस्ट CA-125 टेस्ट
    4. 4. MRI या CT स्कैन
    5. 5. दवाइयों से इलाज
    6. 6. लैप्रोस्कोपी (Laparoscopy)
    7. 7. लैपरोटॉमी (Laparotomy)
    8. 8. एंडोमेट्रियोमा के लिए लैप्रोस्कोपी
  10. ओवेरियन सिस्ट से जुड़ी सामान्य मिथक और सच्चाई (Myths & Facts About Ovarian Cyst)
  11. निष्कर्ष
  12. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नोत्तर (FAQs Related to Ovarian Cyst)

Key Takeaways: 

  1. अगर आपके पेट के निचले हिस्से और कमर में हल्का दर्द बना रहता है, पेट में भारीपन महसूस होता है, पीरियड लेट होते हैं, यूरिन बार-बार महसूस होती है, तो आपकी ओवरी में सिस्ट हो सकता है। 
  2. आमतौर पर रेगुलर पीरियड वाली महिलाओं को जीवन में एक बार ओवेरियन सिस्ट हो सकता है और यह कई तरह का होता है। 
  3. कुछ सिस्ट में दर्द भी नहीं होता है और बिना इलाज के ठीक हो जाता है। लेकिन डरमॉइड, एंडोमेट्रियोमा या कैंसरयुक्त सिस्ट जैसे प्रकार में दर्द होता है।
  4. आमतौर पर बड़ी सिस्ट को निकालने के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ती है। सर्जरी का निर्णय डॉक्टर्स आमतौर पर पेल्विक एग्जाम, अल्ट्रासाउंड और CA-125 ब्लड टेस्ट जैसी जांचों को करवाकर करते हैं। 
  5. अधिकतर सिस्ट कैंसर रहित होते हैं और इससे प्रेगनेंसी प्रभावित नहीं होती है। 

रेगुलर पीरियड्स वाली महिलाओं में ओवेरियन सिस्ट होना एक आम बात है। स्त्री रोग विशेषज्ञों के अनुसार, महिलाओं को अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार इस समस्या का सामना करना पड़ता है। यह सिस्ट एक तरह की तरल पदार्थ से भरी थैली होती है, जो ओवरी के अंदर या उसकी सतह पर बनती है। ओवरी यूट्रस के दोनों ओर स्थित होती है और आकार में छोटी और अंडाकार होती है। ये महिला हार्मोन जैसे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का निर्माण करते हैं और हर महीने एक एग रिलीज करते हैं, जो पीरियड साइकिल का हिस्सा होता है। 

अधिकांश ओवेरियन सिस्ट नॉर्मल पीरियड साइकिल के कारण बनती हैं और आमतौर पर नुकसानदायक नहीं होती हैं। कई महिलाओं को पता भी नहीं चलता है, क्योंकि ये बिना किसी लक्षण के कुछ हफ्तों में अपने आप ठीक भी हो जाती हैं। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि हर सिस्ट एक जैसा ही हो। कुछ सिस्ट पूरी तरह से नॉर्मल और पेनलेस होते हैं, लेकिन कुछ मामलों में ये सिस्ट तेज दर्द, ब्लीडिंग या कैंसर जैसी गंभीर स्थिति का कारण भी बन सकते हैं। इसलिए महिलाओं को यह समझना जरूरी होता है कि ओवेरियन सिस्ट क्या है, ये क्यों बनती हैं और इनके लक्षण क्या हो सकते हैं और कब आपको स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है। 

ओवेरियन सिस्ट क्या है? (What is Ovarian Cyst?)

ओवेरियन सिस्ट, आमतौर पर ओवरी के अंदर या उसकी सतह पर बनने वाली तरल पदार्थ से भरी थैली होती है। महिलाओं के शरीर में दो ओवरी होती हैं, जो यूट्रस के दोनों ओर होती हैं। हर ओवरी का आकार लगभग बादाम जितना होता है। इन्हीं ओवरी में एग्स बनते हैं और हर महीने पीरियड्स के दौरान बाहर निकलते हैं। ओवेरियन सिस्ट होना आम बात है, कई मामलों में यह पेनलेस होते हैं और कुछ हफ्तों या महीनों में अपने आप ठीक भी हो जाते हैं। लेकिन, कुछ मामलों में सिस्ट मुड़ सकती है या फट सकती है, जिससे तेज दर्द या गंभीर समस्या हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि महिलाओं को समय-समय पर पेल्विक जांच करवाते रहना चाहिए। आप चाहें तो हमारी स्त्री रोग विशेषज्ञ (Gynaecologist) से सलाह लेकर जांच करवा सकती हैं। 

नार्मल ओवरी सिस्ट का साइज क्या होता है? (What is the size of normal ovary cyst?)

आमतौर पर महिलाओं की ओवरी में बनने वाली ओवेरियन सिस्ट अलग-अलग आकार की होती हैं। इनका आकार इस बात पर निर्भर करता है कि सिस्ट किस प्रकार की है और शरीर में कितने टाइम से मौजूद है। अधिकतर ओवेरियन सिस्ट छोटी होती हैं और इनका आकार लगभग 3 सेंटीमीटर यानी 1 इंच से कम होता है। ऐसे छोटे सिस्ट हानिरहित होते हैं और बिना इलाज के अपने आप ठीक हो सकते हैं। 

फंक्शनल सिस्ट जो पीरियड साइकिल के दौरान बनती हैं, अक्सर 2 से 3 सेंटीमीटर की होती हैं, ये नॉर्मल होती हैं और बिना इलाज के अपने आप ठीक हो सकती हैं। लेकिन अगर सिस्ट का आकार 5 सेंटीमीटर यानी लगभग 2 इंच या उससे ज्यादा हो, तो आप हमारी स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क कर सकती हैं। वहीं, कुछ सिस्ट का आकार 10 सेंटीमीटर या उससे ज्यादा का होता है, तो यह दर्दभरी और समस्याएं पैदा करने वाली होती हैं। कई बार सर्जरी की भी जरूरत पड़ती है। 

इसे भी पढ़ें: जानिए प्रेगनेंसी में संबंध बनाना चाहिए या नहीं ?

ओवेरियन सिस्ट के प्रकार (Types of Ovarian Cyst)

ओवेरियन सिस्ट कई प्रकार के होते हैं और उनका कारण अलग-अलग हो सकता है। 

फंक्शनल सिस्ट (Functional Cysts)

  • ये सिस्ट सबसे नॉर्मल और पेनलेस होती हैं। 
  • जब ओवरी में एग निकलने की प्रक्रिया (ओव्यूलेशन) के दौरान कुछ बदलाव होते हैं। 
  • इन सिस्ट का मतलब होता है कि आपकी ओवरी ठीक से काम कर रही है।
  • आमतौर पर 60 दिनों के भीतर अपने आप यह सिस्ट ठीक हो जाती हैं और इलाज की जरूरत नहीं पड़ती है। वैसे तो फंक्शनल सिस्ट दो तरह की होती हैं। 

फॉलिक्युलर सिस्ट (Follicular Cyst)

हर महीने ओवरी में एक फॉलिकल नाम की छोटी थैली बनती है जो एक एग रिलीज करती है। अगर फॉलिकल एग छोड़ने में असफल रहती है, तो वह तरल पदार्थ से भरकर सिस्ट बन जाती है। इसे फॉलिक्युलर सिस्ट कहा जाता है। 

कॉर्पस ल्यूटियम सिस्ट (Corpus Luteum Cyst)

जब फॉलिकल एग रिलीज कर देता है, तो वह एक हार्मोन बनाने वाली संरचना बनाता है, जिसे कॉर्पस ल्यूटियम कहते हैं। अगर प्रेगनेंसी नहीं होती है, तो यह आमतौर पर घुल जाता है, लेकिन कभी-कभी यह लिक्विड से भरकर सिस्ट बन सकता है। 

इसे भी पढ़ें: पीरियड्स के कितने समय बाद सम्बन्ध बनाना चाहिए

अन्य प्रकार की ओवेरियन सिस्ट (Other types of ovarian cyst)

आपको बता दें कि सभी सिस्ट पीरियड्स के कारण नहीं बनती हैं। कुछ सिस्ट शरीर में अन्य वजहों से बनती हैं और कुछ खतरनाक भी हो सकती हैं, इसलिए आपको स्त्री रोग विशेषज्ञ से नियमित जांच करानी चाहिए। 

सिस्टैडेनोमा (Cystadenoma)

सिस्टैडेनोमा सिस्ट ओवरी के बाहरी सतह पर बनती है और इसमें तरल पदार्थ या गाढ़ा चिपचिपा पदार्थ भरा होता है। 

डर्माइड सिस्ट (Dermoid Cyst/Teratoma)

ये सिस्ट अलग तरह की होती हैं, जिसमें स्किन, बाल भी शामिल हो सकते हैं। हालांकि ये अजीब होती हैं लेकिन ये कैंसररहित होती हैं। 

एंडोमेट्रियोमा (Endometrioma)

ये सिस्ट पीरियड ब्लड से भरी होती हैं और अक्सर  एंडोमेट्रियोसिस नामक बीमारी से जुड़ी होती है। इसमें यूट्रस की तरह की कोशिकाएं ओवरी के बाहर विकसित होने लगती हैं। 

इसे भी पढ़ें: पीरियड जल्दी लाने के घरेलु उपाय

कैंसर से जुड़ी सिस्ट (Ovarian Cancer Cysts)

कैंसरयुक्त सिस्ट अक्सर ठोस होती हैं और इनका साइज धीरे-धीरे बढ़ता जाता है। इस तरह की सिस्ट मेनोपॉज के बाद ज्यादा देखी जाती हैं और इनकी जांच और इलाज बेहद जरूरी होती है। 

ओवरी सिस्ट के कारण (Causes of ovarian cyst)

कई बार छोटी साइज की ओवेरियन सिस्ट में किसी भी तरह के लक्षण नहीं दिखाई देते हैं और महिलाओं को पता भी नहीं चल पाता है। लेकिन अगर सिस्ट थोड़ी बड़ी हो जाए, तो कुछ लक्षण आपको दिखाई दे सकते हैं। जैसे कि-

ओवरी सिस्ट के आकार का प्रभाव (Effect of different ovary cyst size)

अक्सर ओवरी सिस्ट का असर इस बात पर निर्भर करता है कि उसका साइज कितना है। 

1. छोटे आकार की सिस्ट (2 सेमी तक)

आमतौर पर यह फंक्शनल सिस्ट होती हैं और यह पीरियड्स के दौरान बनती हैं। कुछ हफ्तों में अपने आप ठीक भी हो जाती हैं। इसमें दर्द नहीं होता है और इलाज की जरूरत नहीं पड़ती है। आमतौर पर ये फंक्शनल सिस्ट होती हैं।

2. मध्यम आकार की सिस्ट (3–5 सेमी)

मीडियम साइज की सिस्ट में हल्का दर्द, पेट भारी लगने जैसी समस्याएं महसूस हो सकती हैं। इसकी पुष्टि के लिए आप हमारी स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क कर सकती हैं और अल्ट्रासाउंड जांच के बाद उचित इलाज करवा सकती हैं। 

3. बड़े आकार की सिस्ट (5 सेमी से ऊपर)

इस साइज की सिस्ट में दर्द, सूजन, यूरिन पास करने में तकलीफ और पेट में हमेशा भारीपन बना रहना महसूस हो सकता है। इस तरह की सिस्ट मुड़ और फट सकती है, जिससे तेज दर्द पैदा हो सकता है। वहीं, अगर सिस्ट का साइज 10 सेमी से अधिक का है, तो सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। 

क्या आकार से कैंसर का खतरा बढ़ता है?

आमतौर पर अधिकतर ओवेरियन सिस्ट कैंसररहित (non-cancerous) होती हैं। लेकिन मेनोपॉज (menopause) के बाद अगर बड़ी और ठोस सिस्ट बनती हैं, तो डॉक्टर बायोप्सी करके चेक करते हैं कि सिस्ट में कैंसर है या नहीं। 

इसे भी पढ़ें: प्रेगनेंसी टेस्ट के घरेलू उपाय

ओवरी सिस्ट का इलाज और उपचार (Treatment of Ovarian Cyst)

ओवरी में सिस्ट है या नहीं इसके लिए सबसे पहले डॉक्टर कुछ जांचें करवाते हैं और जांच के बाद डायग्नोसिस करते हैं। 

1. पेल्विक जांच (Pelvic Exam)

ओवरी में सिस्ट है या नहीं इसके लिए सबसे पहले पेल्विक जांच कराई जाती है, जिसकी मदद से डॉक्टर यह समझने की कोशिश करते हैं कि आपके पेट की निचले हिस्से में कोई सिस्ट है या नहीं।

2. ट्रांसवेजिनल अल्ट्रासाउंड (Transvaginal Ultrasound)

यह एक खास तरह का अल्ट्रासाउंड होता है, जिसमें एक छोटी सी डिवाइस को वजाइना के जरिए अंदर डाला जाता है जिससे ओवरी की साफ इमेज मिलती है। इसकी मदद से डॉक्टर चेक करते हैं कि सिस्ट तरल पदार्थ से भरी है या ठोस है, सिस्ट का साइज, जगह और स्ट्रक्चर कैसा है। 

3. ब्लड टेस्ट CA-125 टेस्ट

अगर डॉक्टर को किसी सिस्ट में कैंसर का शक होता है, तो वह CA-125 टेस्ट करवाते हैं। इस टेस्ट से पता चलता है कि शरीर में CA-125 नामक प्रोटीन कितना है, जो कुछ कैंसर को बढ़ावा दे सकता है। आमतौर पर स्त्री रोग विशेषज्ञ मेनोपॉज के बाद की महिलाओं के लिए यह जांच जरूर लिखती हैं। 

4. MRI या CT स्कैन

अगर ओवरी में सिस्ट बड़ी है, तो डॉक्टर MRI (Magnetic Resonance Imaging) या CT (Computed Tomography) स्कैन करवाने की सलाह देते हैं। इससे बॉडी के अंदर की बारीक जांच हो जाती है और तस्वीर साफ हो जाती है कि सिस्ट की सर्जरी करनी है या दवाओं से ठीक किया जा सकता है। 

5. दवाइयों से इलाज

अगर सिस्ट की वजह से हल्का दर्द हो रहा होता है, तो डॉक्टर आइबुप्रोफेन या अन्य दर्द निवारक दवाएं लेने की सलाह देते हैं। इसके अलावा, गर्म पानी से पेट की सिंकाई करने से भी राहत मिल सकती है। 

6. लैप्रोस्कोपी (Laparoscopy)

जब सिस्ट का साइज छोटा और मीडियम होता है और उसमें कैंसर का कोई संकेत नहीं होता है, तो यह सर्जरी की जाती है। इसमें पेट में छोटे-छोटे चीरे लगाकर सिस्ट को बाहर किया जाता है। 

7. लैपरोटॉमी (Laparotomy)

जब सिस्ट का साइज 10 सेमी से ज्यादा का होता है और उसमें कैंसर की संभावना होती है, तो यह ट्रेडिशनल सर्जरी की जाती है। इसमें पेट में बड़ा चीरा लगाया जाता है और सिस्ट को निकाला जाता है। 

8. एंडोमेट्रियोमा के लिए लैप्रोस्कोपी

जब सिस्ट में पीरियड का खून भर जाता है, तो लैप्रोस्कोपी सर्जरी की जाती है। 

इसे भी पढ़ें: महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के कारण, प्रभाव और इलाज

ओवेरियन सिस्ट से जुड़ी सामान्य मिथक और सच्चाई (Myths & Facts About Ovarian Cyst)

 

मिथक (myths about ovarian cyst) सच्चाई (facts about ovarian cyst)
सभी तरह के ओवेरियन सिस्ट इनफर्टिलिटी का कारण बनते हैं।  अधिकांश फंक्शनल सिस्ट फर्टिलिटी को प्रभावित नहीं करते हैं। 
सिस्ट का मतलब हमेशा कैंसर होता है।  उम्र और कुछ लक्षणों के साथ कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
सिस्ट को हटाने के लिए सर्जरी की जरूरत होती है।  कई मामलों में सिस्ट 1 से 3 महीनों में ठीक हो जाता है। 
सर्जरी हमेशा लैपरोटॉमी (Laparotomy)ही होती है। 

सिस्ट हमेशा दर्द देते हैं। 

अधिकांश सर्जरी लैप्रोस्कोपी होती हैं, जिसमें पेट में छोटे चीरे लगाकर सिस्ट को बाहर निकाला जाता है। 
सिस्ट हमेशा दर्द देते हैं।  केवल बड़े आकार के, फटे या मुड़े हुए सिस्ट ही दर्द का कारण बनते हैं। 

 

इसे भी पढ़ें: गर्भपात के बाद गर्भधारण: समय, स्वास्थ्य और सलाह

निष्कर्ष

महिलाओं के पीरियड्स साइकिल के दौरान ओवेरियन सिस्ट होना आम बात है। ये सिस्ट ओवरी में पानी या तरल पदार्थ से भरी छोटी-छोटी थैली होती हैं। सिस्ट अलग-अलग प्रकार और आकार की होती हैं। कुछ सिस्ट बड़ी और दर्दभरी होती हैं। ऐसे में महिलाओं को बिना देर किए स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। समय रहते जांच और सही इलाज से ओवेरियन सिस्ट के बढ़ने से रोका जा सकता है।

क्या ओवेरियन सिस्ट से भविष्य में गर्भवती होने में परेशानी होगी?

कई बार ओवेरयिन सिस्ट होने पर भी अधिकांश महिलाएं प्रेगनेंट हो सकती हैं। दरअसल कई सिस्ट इतने छोटे होते हैं कि वह प्रेगनेंसी को प्रभावित नहीं करते हैं। 

क्या ओवेरियन सिस्ट कैंसर का कारण बन सकता है?

नहीं, हर तरह के ओवेरियन सिस्ट कैंसर का कारण नहीं होते हैं। कुछ सिस्ट कैंसर रहित होते हैं।

क्या ओवेरियन सिस्ट को रोकने का कोई तरीका है?

ओवेरेयिन सिस्ट को रोकने का कोई विशिष्ट तरीका नहीं है। लेकिन, आप हमारे स्त्री रोग विशेषज्ञ से नियमित पेल्विक जांच करवाकर अपनी ओवरी में होने वाले बदलाव को पता कर सकती हैं। 

Share :

Written and Verified by: