गर्भपात या बच्चे गिरने का अनुभव किसी भी महिला के लिए भावनात्मक और शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इस क्षति से उबरने के साथ-साथ, कई महिलाएं अपने स्वास्थ्य, शरीर में होने वाले बदलावों और खासकर गर्भपात के बाद होने वाले पीरियड्स को लेकर चिंतित रहती हैं। मासिक धर्म चक्र (Menstrual cycle) अक्सर एक महिला के प्रजनन स्वास्थ्य (woman’s reproductive health) को दर्शाता है, और गर्भपात के बाद इसका वापस आना इस बात का संकेत है कि शरीर धीरे-धीरे ठीक हो रहा है और संतुलन हासिल कर रहा है।
इस ब्लॉग में, हम जानेंगे कि गर्भपात के बाद शरीर में क्या होता है, पीरियड्स वापस आने में आमतौर पर कितना समय लगता है, देरी का क्या मतलब हो सकता है, और रिकवरी सुनिश्चित करने के लिए क्या सावधानी बरतनी चाहिए।
गर्भपात या गर्भपात के बाद, शरीर में कई हार्मोनल और शारीरिक बदलाव होते हैं। प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन (progesterone and estrogen) का स्तर, जो गर्भावस्था के दौरान बढ़ता है, अचानक कम होने लगता है। यह हार्मोनल बदलाव गर्भाशय को गर्भावस्था के ऊतकों को छोड़ने का संकेत देता है, जिससे रक्तस्राव (bleeding) होती है।
गर्भपात के बाद कुछ सामान्य बदलावों में शामिल हैं:
ये शरीर की प्राकृतिक रिकवरी का हिस्सा हैं, लेकिन उचित देखभाल और आराम ज़रूरी है।
औसतन, गर्भपात के बाद एक महिला का मासिक धर्म आमतौर पर 4 से 6 हफ़्तों के भीतर वापस आ जाता है। हालाँकि, समय इन कारकों के आधार पर भिन्न हो सकता है:
ज़्यादातर महिलाओं के लिए, पहला मासिक धर्म चक्र सामान्य से ज़्यादा भारी या हल्का हो सकता है, और प्रवाह अनियमित हो सकता है। शरीर को हार्मोन्स को नियंत्रित करने में समय लगता है, इसलिए धैर्य रखना ज़रूरी है।
गर्भपात के बाद मासिक धर्म में 6 हफ़्तों से ज़्यादा देरी होना कोई असामान्य बात नहीं है। कुछ संभावित कारणों में शामिल हैं:
अगर 8 हफ़्तों के अंदर मासिक धर्म वापस नहीं आता है, तो स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लेने की सलाह दी जाती है।
स्वास्थ्य लाभ महिला के स्वास्थ्य, गर्भावस्था के चरण और गर्भपात प्राकृतिक था या चिकित्सीय, इस पर निर्भर करता है। सामान्यतः
डॉक्टर आमतौर पर गर्भपात के बाद यौन संबंध (Sexual intercourse) फिर से शुरू करने से पहले कम से कम 2 से 3 सप्ताह तक प्रतीक्षा करने की सलाह देते हैं। इससे संक्रमण का खतरा कम होता है और गर्भाशय ठीक से ठीक हो पाता है। हालाँकि, प्रत्येक मामला अलग होता है, इसलिए संभोग फिर से शुरू करने से पहले चिकित्सकीय परामर्श आवश्यक है।
गर्भपात के 2 सप्ताह बाद, यहाँ तक कि पहली माहवारी से पहले भी, जैविक रूप से गर्भधारण करना संभव है। हालाँकि, डॉक्टर दूसरी गर्भावस्था की योजना बनाने से पहले कम से कम 3 महीने तक प्रतीक्षा करने की सलाह देते हैं। इससे गर्भाशय और शरीर पूरी तरह से स्वस्थ हो जाता है और अगली गर्भावस्था में जटिलताओं की संभावना कम हो जाती है।
इसे भी पढ़ें: प्रेगनेंसी के दौरान पेट में दर्द होने के कारण और इलाज
गर्भपात के बाद स्वास्थ्य लाभ में पौष्टिक आहार महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कुछ अनुशंसित आहार संबंधी दिशानिर्देशों में शामिल हैं:
स्वास्थ्य लाभ में सहायता के लिए डॉक्टर आयरन, फोलिक एसिड और मल्टीविटामिन जैसे सप्लीमेंट भी लिख सकते हैं।
1. गर्भपात के बाद पहला मासिक धर्म कितना दर्दनाक हो सकता है?
गर्भपात के बाद पहला मासिक धर्म कभी-कभी हार्मोनल परिवर्तनों और गर्भाशय के ठीक होने के कारण ज़्यादा भारी और दर्दनाक हो सकता है। ऐंठन होना सामान्य है, लेकिन अगर दर्द ज़्यादा हो, तो डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।
2. क्या गर्भपात के तुरंत बाद मासिक धर्म नियमित हो जाता है?
हमेशा नहीं। इसमें 2-3 चक्र लग सकते हैं। मासिक धर्म के फिर से नियमित होने के लिए कई चरणों से गुज़रना पड़ता है। कुछ महिलाओं को कुछ महीनों तक हल्का या ज़्यादा मासिक धर्म का अनुभव होता है।
3. अगर गर्भपात के बाद मासिक धर्म नहीं होता है, तो क्या यह दूसरी गर्भावस्था का संकेत हो सकता है?
हाँ। चूँकि ओव्यूलेशन पहले मासिक धर्म से पहले हो सकता है, इसलिए मासिक धर्म का न आना नई गर्भावस्था का संकेत हो सकता है। गर्भावस्था परीक्षण इसकी पुष्टि कर सकता है।
4. क्या गर्भपात के तुरंत बाद दोबारा गर्भधारण की योजना बनाना सुरक्षित है?
हालाँकि गर्भधारण तुरंत संभव है, लेकिन डॉक्टर स्वस्थ गर्भावस्था और पूरी तरह से ठीक होने के लिए दोबारा कोशिश करने से पहले 3 महीने इंतज़ार करने की सलाह देते हैं।
5. क्या गर्भपात के बाद मासिक धर्म के दौरान दर्द और ऐंठन सामान्य है?
हाँ, हल्के से मध्यम ऐंठन आम हैं। हालाँकि, तेज़ दर्द, बुखार, या दुर्गंधयुक्त स्राव संक्रमण का संकेत हो सकता है और इसकी जाँच करवानी चाहिए।
6. गर्भपात के बाद पहला मासिक धर्म कितने दिनों तक चल सकता है?
शरीर की रिकवरी के आधार पर पहला मासिक धर्म सामान्य से ज़्यादा, अक्सर 7 से 10 दिनों तक चल सकता है।
7. क्या गर्भपात के बाद आयरन और पोषक तत्वों की खुराक लेना ज़रूरी है?
हाँ। पूरक रक्त की कमी को पूरा करने और समग्र स्वास्थ्य लाभ में सुधार करने में मदद करते हैं। डॉक्टर अक्सर आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन की खुराक लेने की सलाह देते हैं।
गर्भपात के बाद मासिक धर्म का वापस आना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो शरीर के ठीक होने का संकेत देती है। हालाँकि ज़्यादातर महिलाओं को 4-6 हफ़्तों के भीतर मासिक धर्म शुरू हो जाता है, लेकिन कुछ महिलाओं को हार्मोनल या शारीरिक कारणों से इसमें देरी हो सकती है। इस दौरान उचित आराम, पोषण और चिकित्सकीय मार्गदर्शन बेहद ज़रूरी है।
गर्भपात के बाद स्वास्थ्य लाभ सिर्फ़ शारीरिक ही नहीं, बल्कि भावनात्मक भी होता है। चिकित्सकीय देखभाल के साथ-साथ, परिवार और दोस्तों का भावनात्मक समर्थन इस सफ़र को आसान बना सकता है। हमेशा अपने शरीर की सुनें, अगर मासिक धर्म में देरी हो रही है तो पेशेवर सलाह लें और दूसरी गर्भावस्था की योजना बनाने से पहले ठीक होने के लिए समय निकालें।
Written and Verified by:
Similar Gynaecology Blogs
Request a call back