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गुदा कैंसर का निदान कैसे किया जाता है?

गुदा कैंसर का निदान कैसे किया जाता है?
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जब जीन्स की बनावट में आनुवंशिक बदलाव (जेनेटिक म्यूटेशन) आता है तो कोशिकाएं सामान्य से असामान्य हो जाती है जो आगे जाकर कैंसर का कारण बनती हैं। जब गुदा की नली में मौजूद कोशिकाओं में आनुवंशिक बदलाव आता है तो इसे मेडिकल की भाषा में गुदा का कैंसर यानी एनल कैंसर कहते हैं।

गुदा कैंसर की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए इसे चार चरणों में बांटा गया है। सिटी स्कैन, एमआरआई और पेट का स्कैन करके डॉक्टर गुदा कैंसर के चरण का पता लगाते हैं। कैंसर के अनेक कारण हो सकते हैं जैसे कि:

  • एनल सेक्स करना 
  • उम्र 50 से अधिक होना
  • शराब और सिगरेट का सेवन करना
  • अनेक लोगों के साथ यौन संबंध बनाना
  • ह्यूमन पैपिलोमा वायरस से संक्रमित होना
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता कम करने वाली दवाओं का सेवन करना
  • सर्वाइकल कैंसर, वलवर कैंसर या वैजाइनल कैंसर का इतिहास होना

गुदा कैंसर होने पर आप खुद में अनेक लक्षणों को अनुभव कर सकते हैं जिसमें मुख्य रूप से मलाशय यानी रेक्टम या गुदा से खून निकलना, गुदा के आस-पास के क्षैत्र में दर्द महसूस होना, गुदा की नली में असामान्य मांस बढ़ना और गुदा में खुजली एवं असहजता महसूस करना आदि शामिल हैं।

अगर आप ऊपर दिए गए किसी भी लक्षण को खुद में अनुभव करते हैं तो बिना देरी किए कैंसर विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए ताकि समय पर इसका निदान और उपचार करके इस बीमारी को हमेशा के लिए दूर किया जा सके।

गुदा के कैंसर का निदान

गुदा कैंसर के चरण और गंभीरता की पुष्टि करने के लिए डॉक्टर गुदा के कैंसर का निदान करते हैं। निदान की इस प्रक्रिया में निम्न जांच शामिल हो सकते हैं:

  • डिजिटल रेक्टल एक्जाम

इस जांच के दौरान, डॉक्टर एक दस्ताना पहनते हैं, अपनी उंगली को लुब्रिकेंट से चिकना करके उसे रेक्टम यानी मलाशय के अंदर प्रवेश करते हैं। उसके बाद, गुदा की नली और रेक्टम की असामान्यताओं की पुष्टि करते हैं। गुदा का कैंसर होने पर डॉक्टर रेक्टम में कुछ असामान्य मांस का बढ़ा हुआ टुकड़ा महसूस कर सकते हैं।

  • एनोस्कोपी

इस जांच के दौरान डॉक्टर एनोस्कोप नामक मेडिकल उपकरण का इस्तेमाल करके गुदा की नली और रेक्टम के आंतरिक हिस्सों की असामान्यताओं की जांच करते हैं। एनोस्कोपी के दौरान डॉक्टर एनोस्कोप नामक मेडिकल उपकरण का इस्तेमाल करते हैं। एनोस्कोप एक पतली ट्यूब की तरह होता है जिसका एक छोर पर छोटा सा कैमरा और लाइट लगा होता है।

  • अल्ट्रासाउंड

गुदा में कैंसर का निदान करने के लिए डॉक्टर अल्ट्रासाउंड भी करते हैं। अल्ट्रासाउंड के दौरान डॉक्टर गुदा के आंतरिक हिस्सों की तस्वीर प्राप्त करते हैं जिससे उन्हें गुदा की असामान्यताओं को समझने में मदद मिलती है।

  • बायोप्सी

ऊपर दिए गए जांचों में गुदा में असामान्यताएं पाने पर डॉक्टर उत्तकों का एक टुकड़ा निकालकर बायोप्सी जांच करने के लिए लैब में भेजते हैं। माइक्रोस्कोप की मदद से जांच करके इस बात की पुष्टि की जा सकती है उस उत्तक में कैंसर होगा या नहीं।

गुदा में कैंसर के चरण, गंभीरता और मरीज की उम्र एवं समग्र स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर अन्य जांच करने का भी सुझाव दे सकते हैं। जांच के परिणाम, गुदा कैंसर के चरण और मरीज की समग्र स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर उपचार के प्रकार और पद्धति का चयन करते हैं।

अगर आप खुद में गुदा कैंसर के लक्षणों का अनुभव करते हैं या आपको इस बात का शक है कि आपको गुदा कैंसर है तो आप हमारे कैंसर विशेषज्ञ के साथ परामर्श कर अपनी बीमारी का सटीक जांच और उपचार करा सकते हैं।

कैंसर विशेषज्ञ का मानना है कि समय पर गुदा में कैंसर का निदान होने पर उपचार के सफल होने की संभावना बढ़ जाती है। हमारे विशेषज्ञ के साथ अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए आप इस पेज के ऊपर दिए गए फोन नंबर या बुक अपॉइंटमेंट फॉर्म का उपयोग कर सकते हैं।

क्या गुदा कैंसर का इलाज संभव है?

हाँ. समय पर गुदा कैंसर का उचित जांच करके सटीक और सफल इलाज संभव है। लेकिन अगर यह अपने आखिरी चरण में चला जाए और लक्षण गंभीर रूप ले लें तो उपचार में बाधाएं पैदा हो सकती हैं। विशेषज्ञ का कहना है कि गुदा कैंसर के लक्षण अनुभव होने पर जल्द से जल्द कैंसर विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए ताकि इसकी गंभीर जटिलताओं के खतरे को कम या ख़त्म किया जा सके।

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