पीरियड मिस होने के कारण और घरेलू उपाय
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पीरियड मिस तथा अनियमित माहवारी होना क्या है?
पीरियड्स मिस होना (इर्रेगुलर पीरियड्स) कोई बड़ी समस्या नहीं है, लेकिन कुछ मामलों में यह किसी गंभीर बीमारी या समस्या की ओर एक इशारा हो सकता है। आमतौर पर पीरियड मिसिंग प्रॉब्लम का सबसे बड़ा कारण गर्भावस्था यानी प्रेगनेंसी होती है। अगर मासिकधर्म की अनियमितता आपको परेशान कर रही है तो आपको विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए।
तनाव भी पीरियड मिस होने का एक मुख्य कारण कारण हो सकता है। आमतौर पर पीरियड साइकिल 28 दिनों का होता है जो हर महीने इतने दिन के अंतर पर चलता रहता है। जब पीरियड का समय एक महीने में लंबा और दूसरे महीने में छोटा होता है तो उसे अनियमित पीरियड माना जाता है। पीरियड समय पर लाने यानी उसे नियमित करने के उपाय मौजूद हैं। मासिक धर्म अनियमतता के विषय में विस्तार से समझने के लिए इस ब्लॉग को अवश्य पूरा पढ़ें।
विशेषज्ञ का मानना है की कुछ समस्याओं का उपचार भी पीरियड्स मिस होने का कारण बन सकते हैं जिसमें मुख्य रूप से हाइपोथायरायडिज्म का इलाज और पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर का इलाज शामिल है। अगर आप पीरियड न आने के कारण और उपाय के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो यह ब्लॉग आपके लिए ख़ास है। इस ब्लॉग में हम पीरियड लाने के ख़ास घरेलू उपाय यानी नुस्खों के बारे में बात करेंगे।
पीरियड मिस तथा अनियमित माहवारी के कारण क्या-क्या हो सकते हैं?
पीरियड मिस होने या लेट आने के अनेक कारण होते हैं। अगर आप गर्भधारण का प्लान नहीं बना रही हैं और उसके बाद भी आपके पीरियड्स में अनियमितता है तो इसके निम्न कारण हो सकते हैं:-
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तनाव
तनाव एक महिला के शरीर को कई तरह से प्रभावित करता है जिससे पीरियड्स में अनियमितता भी शामिल है। तनाव के कारण महिला के शरीर में GnRH हार्मोन की मात्रा कम होती है जिसके कारण ओवुलेशन नहीं होता है या पीरियड्स नहीं आते हैं।
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डेली रूटीन में बदलाव
डेली रूटीन में बदलाव जैसे कि नाइट शिफ्ट में काम करना, शहर से बाहर जाना, या घर में किसी की शादी या कोई फंक्शन के दौरान सोने, जागने, खाने-पीने की रूटीन में बदलाव आने के कारण भी पीरियड्स देर से आ सकते हैं।
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ब्रेस्टफीडिंग
कुछ मामलों में ब्रेस्टफीडिंग के दौरान महिलाओं को समय पर पीरियड्स नहीं आते हैं। लेकिन जैसे ही वह ब्रेअस्फीडिंग बंद करती हैं उनके पीरियड्स दोबारा नियमित हो जाते हैं।
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बीमारी
किसी लंबी बीमारी या अचानक से हुई सर्दी, खांसी या बुखार के कारण पीरियड्स में देरी हो सकती है। हालांकि, यह कुछ समय के लिए होता है। जैसे ही यह समस्या दूर होती है पीरियड फिर से नियमित हो जाते हैं।
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बर्थ कंट्रोल पिल्स
बर्थ कंट्रोल पिल्स का सेवन करने से पीरियड साइकिल में बदलाव आता है जिसके परिणामस्वरूप पीरियड्स देर से आने लगते हैं। इन सबके अलावा भी पीरियड लेट आने के दूसरे कारण हो सकते हैं जैसे कि:-
- पीसीओएस होना
- ज्यादा व्यायाम करना
- हार्मोन में असंतुलन होना
- प्रोलैक्टिन का स्तर बढ़ना
- डायबिटीज या थायरॉइड होना
ऊपर दिए गए कारणों के अलावा अनियमित माहवारी के अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे कि:
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पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम होना:
इसे आम बोलचाल की भाषा में पीसीओएस कहते हैं जो हार्मोन में असंतुलन होने के कारण पैदा होता है। विशेषज्ञ का कहना है कि पीसीओएस के कारण पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं।
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गर्भाशय (यूटेरिन) के फाइब्रॉइड होना:
गर्भाशय में फाइब्रॉइड होने एक गंभीर स्थिति है जिसका समय पर उपचार होना आवश्यक है। फाइब्रॉइड से ग्रसित महिला में पीरियड्स अनियमित होने का खतरा अधिक होता है।
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ओवेरियन सिस्ट का निर्माण होना:
ओवेरियन सिस्ट को पीरियड्स में अनियमितता का अन्य मुख्य कारण माना जाता है। अगर एक महिला को ओवेरियन सिस्ट है तो उसके पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं।
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हाइपोथायरायडिज्म विकार होना:
हाइपोथायराइडिज्म होने पर महिला के शरीर के रक्तप्रवाह में पर्याप्त थायराइड हार्मोन नहीं होता है और उसका चयापचय धीमा हो जाता है। इस विकार के कारण भी महिला को इर्रेगुलर पीरियड्स अनुभव हो सकता है।
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शुगर का ज्यादा बढ़ जाना:
शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ने को मेडिकल भाषा में डायबिटीज कहते हैं। यह एक गंभीर समस्या है जिससे पीड़ित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। महिला में शुगर बढ़ने पर उसके पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं।
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अंडाशय का नष्ट हो जाना:
अंडाशय नष्ट होना अनियमित पीरियड्स अन्य कारणों में से एक है। जब किसी महिला का अंडाशय नष्ट हो जाता है तो उसके पीरियड्स में अनियमितता आ सकती है।
मासिक धर्म अनियमितता के अनेक कारण हो सकते हैं। आपके अनियमित मासिक धर्म का सटीक कारण क्या है यह जांच के बाद विशेषज्ञ ही बता सकते हैं।
अनियमित माहवारी के लक्षण क्या है?
अनियमित माहवारी यानी अनियमित पीरियड्स के लक्षण के लक्षणों में असामान्य गर्भाशय रक्तस्राव के साथ-साथ निम्न भी शामिल हो सकते हैं, जैसे कि:
- संभोग के बाद रक्तस्राव होना
- पीरियड्स के बीच ब्लीडिंग या स्पॉटिंग होना
- आपकी अवधि के दौरान भारी रक्तस्राव होना
- रजोनिवृत्ति तक पहुंचने के बाद रक्तस्राव होना
- मासिक धर्म का रक्तस्राव जो सामान्य से अधिक समय तक रहता है होना
डॉक्टर से कब मिलें?
अगर अपने अवधि शुरू कर दी है, लेकिन कुछ समय के लिए एक भी पीरियड नहीं हुए हैं (लगभग 3 से 6 महीने) के लिए, आपको अपनी अवधि के बीच, सेक्स के बाद या रजोनिवृत्ति के बाद ब्लीडिंग होती है, आप अपने मासिक धर्म के साथ अनियमितताओं का अनुभव करती हैं तोई आपको जल्द से जल्द अपने डॉक्टर मिलना चाहिए।
पीरियड्स न होने तथा अनियमित माहवारी के नुकसान
पीरियड्स न होने के अनेक नुकसान हो सकते हैं। हालांकि, उपचार की मदद से इनसे बचा जा सकता है। पीरियड्स न आने पर निम्न नुकसान हो सकते हैं:-
- प्रजनन क्षमता में कमी आना
- हड्डियां कमजोर होना
- मोटे लोगों में दिल संबंधित संमस्याओं का खतरा बढ़ना
- एथलीट महिलाओं को उम्र के साथ ऑस्टियोआर्थराइटिस का खतरा बढ़ना
- कुछ मामलों में गर्भाशय के कैंसर का खतरा बढ़ना
- पीरियड मिस होने के बाद ब्लीडिंग होना होना
- पीरियड मिस होने के बाद वाइट डिस्चार्ज होना
- पीरियड मिस होने पर कमर दर्द होना
अगर आपके पीरियड्स लेट आते हैं तो आपको तुरंत एक अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करने की आवश्यकता है।
अनियमित पीरियड्स या अनियमित माहवारी को नॉर्मल करने के घरेलू उपचार
पीरियड लेट आना या अनियमित पीरियड को नॉर्मल करना आसान है। कुछ खास घरेलू उपाय मौजूद हैं जिनकी मदद से पीरियड मिस होने या पीरियड लेट आने की समस्या को दूर किया जा सकता है। अनियमित पीरियड को नार्मल करने के लिए निम्न घरेलू उपाय अपनाए जा सकते हैं:-
- एक गिलास दूध में एक चम्मच हल्दी मिलाकर रात में सोने से पहले इसका सेवन करें
- पीरियड मिस होने पर घरेलू उपाय के रूप में आप एक कप पानी में अदरक का एक छोटा सा टुकड़ा डालकर उसे अच्छी तरह उबालें और फिर उस पानी में स्वाद अनुसार शहद या नमक और काली मिर्च डालकर एक महीने तक दिन में 3 बार उसका सेवन करें
- एक गिलास दूध में आधा चम्मच दालचीनी मिलाकर उसका सेवन करें
- रात के समय एक गिलास पानी में सौंफ डालकर छोड़ दें फिर अगली सुबह उसे छानकर पानी को पी जाएं
- अनानास का सेवन भी अनियमित पीरियड्स को नियमित करने में मददगार साबित हो सकता है।
इन सबके अलावा, मासिक धर्म अनियमितता के घरेलू नुस्खे में कच्चा पपीता का सेवन भी शामिल है। इसलिए इसका भी सेवन किया जा सकता है। इस बात का खास ध्यान रखें कि पीरियड को नॉर्मल करने की नियत से किसी भी खाद्य पदार्थ का सेवन करने से पहले डॉक्टर की राय लेना आवश्यक है।
पीरियड लाने का उपाय बताइये?
पीरियड को लाने के उपाय में जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाना, डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियों और फलों को शामिल करना, सिगरेट, शराब और अन्य नशीली चीजों से दूर रहना और परेशानी बढ़ने पर डॉक्टर से परामर्श करना शामिल है। पीरियड मिस होने पर घरेलू उपाय के साथ-साथ डॉक्टर कुछ ख़ास दवाओं के सेवन का सुझाव दे सकते हैं। आपके लिए क्या बेहतर है इस बारे में डॉक्टर से बात करें।
माहवारी न होने तथा अनियमित माहवारी की समस्या से बचने के उपाय
माहवारी न होने की समस्या से बचने के लिए आप आप निम्न बातों का पालन कर सकती हैं:-
- सोने और जागने का समय तय करें
- संतुलित खाना खाएं
- पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं
- अपनी डेली रूटीन को फॉलो करें
- फास्ट फूड और कोल्ड ड्रिंक्स से बचें
- रोजाना हल्का-फुल्का व्यायाम करें
- अपने वजन को फिट रखें
- तनाव से बचें
- वो काम करें जिससे आपको ख़ुशी मिलती है
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
लेट पीरियड कब मिस्ड पीरियड बन जाता है?
देरी से पीडियाद आने का मतलब है कि यह उस दिन से 5 या उससे अधिक दिन बाद शुरू नहीं हुआ है जिस दिन आपने इसके शुरू होने की उम्मीद की थी। मिस्ड पीरियड का मतलब है कि आपकी आखिरी अवधि की शुरुआत के बाद 6 या अधिक हफ्तों तक आपके मासिक धर्म का प्रवाह नहीं हुआ है।
अनियमित पीरियड्स से कौन सा रोग होता है?
अनियमित पीरियड्स से अनेक रोग होते हैं जिसमें मुख्य रूप से पीसीओएस शामिल है। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम में, आपके अंडाशय बड़ी मात्रा में एण्ड्रोजन बनाते हैं, जो एक प्रकार का हार्मोन है। यह हार्मोन ओव्यूलेशन को रोकता या देरी करता है, जिससे अनियमित पीरियड्स होते हैं। पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं का मासिक धर्म पूरी तरह से बंद हो सकता है।
अनियमित पीरियड कितने दिन के होते हैं?
मासिक धर्म आमतौर पर चार से सात दिनों तक रहता है और लगभग हर 28 दिनों में होता है। अनियमित मासिक धर्म के उदाहरणों में ऐसी अवधियाँ शामिल हैं जो 21 दिनों से कम या 35 दिनों से अधिक होती हैं, लगातार तीन या अधिक मासिक धर्म नहीं होना, और मासिक धर्म प्रवाह जो सामान्य से अधिक भारी या हल्का होता है।
पीरियड कितने दिनों तक लेट हो सकता है?
यदि आपके मासिक धर्म चक्र को प्रभावित करने वाली कोई ज्ञात स्थिति नहीं है, तो आपकी अवधि आपके सामान्य चक्र के आधार पर, आपकी अंतिम अवधि के 21 से 35 दिनों के भीतर शुरू हो जानी चाहिए। नियमित अवधि भिन्न हो सकती है। यदि आपका नियमित चक्र 28 दिनों का है और 29वें दिन भी आपकी अवधि नहीं हुई है, तो आपकी अवधि को आधिकारिक तौर पर देर से माना जाता है।
पीरियड रेगुलर करने के लिए क्या खाएं?
आपका आहार पीरियड्स सहित विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य स्थितियों से निपटने में सहायक हो सकता है। कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जो बिना ज्यादा मेहनत किए या गोलियां खाए आपके पीरियड्स को नियमित यानी रेगुलर करने में मदद कर सकते हैं। इसमें मुख्य रूप से निम्न शामिल हैं:
- अदरक
- कच्चा पपीता
- दालचीनी
- एलोविरा
- हल्दी
- अनन्नास
- अजमोद
अनियमित पीरियड्स में क्या नहीं खाना चाहिए?
पीरियड्स अनियमित होने पर मक्खन, क्रीम, बेकन और आलू चिप्स जैसे संतृप्त वसा से बचें; नमक और कैफीन को सीमित करें।