Call Now Whatsapp Call Back

पीसीओडी का कारण, लक्षण और उपचार (PCOD in Hindi)

Share

पीसीओडी का क्या मतलब होता है?

पीसीओडी फुल फॉर्म ‘पॉलिसिस्टिक ओवरी डिजीज’ होता है जिसे आम बोलचाल की भाषा में पीसीओडी कहते हैं। यह महिलाओं को प्रभावित करने वाली एक कॉमन समस्या है जो मुख्य रूप से हार्मोन में असंतुलन के कारण होती है। पीसीओडी से पीड़ित महिला के शरीर में पुरुष हार्मोन यानी एण्ड्रोजन का स्तर बढ़ जाता है एवं अंडाशय पर सिस्ट बनने लगते हैं। पीसीओडी में प्रेगनेंसी हासिल करना एक महिला के लिए थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

पीसीओडी के कारण

पीसीओडी के अनेक कारण हो सकते हैं, लेकिन निम्नलिखित को इसके मुख्य कारणों में गिना जाता है:

  • अस्वस्थ जीवनशैली
  • निष्क्रिय जीवनशैली
  • खान-पान में लापरवाही
  • शारीरिक गतिविधि नहीं करना
  • पीरियड्स में असंतुलन होना
  • पोषक तत्वों से भरपूर भोजन नहीं करना
  • आनुवंशिक कारण
  • शरीर में इंसुलिन की मात्रा अधिक होना
  • अचानक से वजन बढ़ना यानी मोटापा होना
  • सिगरेट और शराब का अत्यधिक सेवन करना

पीसीओडी के लक्षण

पीसीओडी के लक्षण पर ध्यान देकर इसे गंभीर रूप लेने से रोका जा सकता है। पीसीओडी के लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:

  • पीरियड्स अनियमित होना
  • शरीर पर एक्स्ट्रा बाल आना
  • बाल झड़ना
  • श्रोणि में दर्द होना
  • वजन बढ़ना
  • मुहांसे आना
  • बांझपन की शिकायत होना
  • त्वचा तैलीय होना
  • ब्लड प्रेशर बढ़ना
  • दूसरे हार्मोन में असंतुलन होना
  • नींद नहीं आना
  • थकान महसूस करना
  • सिर में दर्द होना
  • मूड में अचानक बदलाव आना

अगर आप ऊपर दिए गए लक्षणों को खुद में अनुभव करती हैं तो जल्द से जल्द स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए। उपचार शुरू होते ही आप खुद में पीसीओडी ठीक होने के लक्षण अनुभव करना शुरू कर सकती हैं।

पीसीओडी मेडिकल जांच

विशेष रूप से पीसीओडी का मेडिकल जांच यानी निदान करने के लिए कोई ख़ास एक परीक्षण नहीं है। डॉक्टर आपके लक्षणों, दवाओं और किसी भी अन्य चिकित्सा स्थितियों की चर्चा के साथ शुरू कर सकते हैं। डॉक्टर आपके मासिक धर्म और वजन में किसी भी बदलाव के बारे में भी पूछ सकते हैं। साथ ही, शारीरिक परीक्षा में अतिरिक्त बालों के विकास, इंसुलिन प्रतिरोध और मुँहासे के संकेतों की जाँच की जा सकती है।

पीसीओडी टेस्ट के लिए डॉक्टर निम्न जांचों का सुझाव दे सकते हैं:

  • पैल्विक जांच: पैल्विक परीक्षा के दौरान, डॉक्टर द्रव्यमान, वृद्धि या अन्य परिवर्तनों के लिए आपके प्रजनन अंगों की जाँच कर सकते हैं।
  • रक्त परीक्षण: रक्त परीक्षण हार्मोन के स्तर को माप सकते हैं। साथ ही, आपके अन्य रक्त परीक्षण हो सकते हैं, जैसे उपवास कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर। एक ग्लूकोज सहिष्णुता परीक्षण आपके शरीर की चीनी (ग्लूकोज) की प्रतिक्रिया को माप सकता है।
  • अल्ट्रासाउंड: एक अल्ट्रासाउंड आपके अंडाशय की उपस्थिति और आपके गर्भाशय के अस्तर की मोटाई की जांच कर सकता है। आपकी योनि में एक घूमने वाला उपकरण (ट्रांसड्यूसर) रखा जाता है। ट्रांसड्यूसर ध्वनि तरंगों का उत्सर्जन करता है जिन्हें कंप्यूटर स्क्रीन पर छवियों में अनुवादित किया जाता है।

अगर आपको पीसीओडी टेस्ट के दौरान इस समस्या का निदान होता है तो डॉक्टर कुछ ख़ास उपचार, डाइट, और जीवनशैली में बदलाव आदि का सुझाव देते हैं।

पीसीओडी की जटिलताएं

समय पर पीसीओडी को नियंत्रित नहीं करने यह दूसरी अनेक समस्याओं का कारण बन सकता है। पीसीओडी की जटिलताओं में शामिल हैं:

  • बांझपन की शिकायत होना
  • गर्भपात या समय से पहले जन्म होना
  • उपापचय की समस्या होना
  • गर्भाशय से असामन्य रक्तस्राव होना
  • चिंता या अवसाद से ग्रस्त होना
  • दुर्लभ मामलों में ब्रेस्ट कैंसर होना
  • टाइप 2 डायबिटीज या प्रीडायबिटीज होना
  • एंडोमेट्रियल कैंसर होना (गर्भाशय के अस्तर का कैंसर)
  • मेटाबोलिक सिंड्रोम का खतरा होना
  • गर्भकालीन मधुमेह और प्री-एक्लेमप्सिया होना

पीसीओडी का उपचार

पीसीओडी का इलाज संभव है। हालाँकि, पीसीओडी एक हार्मोनल समस्या है, इसलिए इसका उपचार लंबा चलता है। पीसीओडी का उपचार कई तरह से किया जा सकता है। डॉक्टर पीसीओडी के कारकों के आधार पर उपचार प्रक्रिया का चयन करते हैं।

पीसीओडी प्रॉब्लम ट्रीटमेंट के लिए सबसे पहले डॉक्टर मरीज को जीवनशैली में सकारात्मक सुधार लाने और अपने खान-पान पर ध्यान देने का सुझाव देते हैं। मासिक धर्म चक्र को ठीक और ओवुलेशन में सुधार करने के लिए डॉक्टर कुछ दवाएं निर्धारित करते हैं। साथ ही, कुछ खास व्यायाम की मदद से वजन कम करने का सुझाव देते हैं। आपके लिए बेस्ट पीसीओडी का उपचार क्या है इस बारे में डॉक्टर से बात करें।

पीसीओडी से बचाव

कुछ बातों को ध्यान में रखकर पीसीओडी की रोकथाम की जा सकती है। इसमें मुख्य रूप से शामिल हैं:

  • हाई कोलेस्टेरोल, हाई फैट और हाई कार्बोहाइड्रेट से परहेज करना
  • नियमित रूप से व्यायाम करना
  • समय पर दवाओं का सेवन करना
  • शराब और सिगरेट के सेवन से बचना
  • अपनी वजन का खास ध्यान रखना
  • अधिक तैलीय और मसालेदार चीजों से दूर रहना

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

पीसीओएस और पीसीओडी में क्या अंतर है?

पीसीओडी को बीमारी नहीं कहा जाता है, क्योंकि इसे जीवनशैली और डाइट में सकारात्मक बदलाव लाकर ठीक किया जा सकता है जबकि पीसीओएस एक मेटाबोलिक विकार है। पीसीओएस की तुलना में पीसीओडी ज्यादा कॉमन है।

पीसीओडी को जड़ से खत्म कैसे करें?

फिलहाल पीसीओडी का परमानेंट उपचार उपलब्ध नहीं है, लेकिन कुछ उपायों की मदद से इसके लक्षणों को दूर कर महिला एक नॉर्मल जीवन जी सकती है।

क्या पीसीओडी में प्रेग्नेंट हो सकते हैं?

पीसीओडी में प्रेगनेंट होना संभव है, लेकिन काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि पीसीओडी से पीड़ित महिला की ओवरी में अंडे ठीक तरह से नहीं बनते हैं और नाही अंडे की क्वालिटी एवं आकार उचित होती है।

पीसीओडी की समस्या क्यों आती है?

पीसीओडी एक हार्मोनल समस्या है जो हार्मोन में असंतुलन होने के कारण होती है। अस्वस्थ जीवनशैली और गलत खान-पान के कारण हार्मोनल समस्याएं पैदा होती हैं जो पीसीओडी को जन्म दे सकती हैं।

पीसीओडी कितने दिन में ठीक होता है?

विशेषज्ञ के मुताबिक, पीसीओडी का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन ज्यादातर महिलाएं अपेक्षाकृत सामान्य और सक्रिय जीवन जी सकती हैं। इसके लिए एक सक्रिय जीवनशैली और स्वास्थ्य प्रबंधन की आवश्यकता है। प्रत्येक लक्षण, जैसे कि अनियमित मासिक धर्म, चेहरे के बाल, वजन बढ़ना, मुँहासे और बांझपन, को व्यक्तिगत रूप से संबोधित किया जाता है।

पीसीओडी में पीरियड्स क्यों नहीं आते?

पीसीओडी से पीड़ित महिला के शरीर में हार्मोनल असंतुलन होता है जिसके कारण उसके पीरियड्स में अनियमितता आती है। नतीजतन, पीरियड्स पहले आ जाते हैं, या देर से आते हैं या कई बार नहीं भी आते हैं। ऐसे में विशेषज्ञ से तुरंत परामर्श करना चाहिए।

पीसीओडी में कौन से फल खाने चाहिए?

अपने पीसीओडी डाइट प्लान में रोजाना फल को जरूर शामिल करें। आप अपने आहार में लाल अंगूर, चेरी, ब्लूबेरी, ब्लैकबेरी, स्ट्रॉबेरी और सेब जैसे फलों को शामिल कर सकते हैं। ये फल ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) में कम होते हैं, जो इंसुलिन संवेदनशीलता के लिए सहायक होते हैं।

पीसीओडी में क्या न खाएं?

पीसीओडी से छुटकारा पाने के लिए इन खाद्य पदार्थों से करें परहेज:

  • परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट स्रोतों में केक, पेस्ट्री और सफेद ब्रेड आदि
  • तला हुआ भोजन और फास्ट फूड जैसे पिज्जा और बर्गर, मोमोज आदि
  • कार्बोनेटेड पेय पदार्थ, जैसे सोडा और ऊर्जा पेय आदि
  • प्रसंस्कृत मांस, जैसे कि सलामी, सॉसेज और हॉट डॉग, लंच मांस आदि
Request a Call Back X
Submit
By clicking Proceed, you agree to our Terms and Conditions and Privacy Policy

Do you have a question?

Get in touch with us

Submit
By clicking Proceed, you agree to our Terms and Conditions and Privacy Policy

Get in touch with us

Call Now