क्या आप रात में अचानक कान में उठने वाला दर्द से परेशान हैं? क्या कभी आपके साथ ऐसा हुआ है कि आपका बच्चा रात को रोते हुए उठे और रोने के दौरान वह अपना कान पकड़े। इस समय पेरेंट की हालत ऐसी होती है कि वह न ही कुछ कर पाते हैं और न ही समझ पाते हैं कि उनके बच्चे के साथ ऐसा क्यों हो रहा है। चलिए कान दर्द के बारे में बात करते हैं, जो हर साल न जाने कितने लोगों का दैनिक जीवन प्रभावित कर रहे हैं।
डब्ल्यूएचओ (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में करीब 7% आबादी किसी न किसी तरह की सुनाई देने की समस्या से परेशान है, और इनमें सबसे बड़ा कारण कान का संक्रमण (Infection) और दर्द है। दुर्भाग्य से ज्यादातर लोग इसे मामूली समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, जो कभी नहीं करना चाहिए। यदि आप या आपका बच्चा अभी तकलीफ में है, तो बिना देर किए हमारे अनुभवी ईएनटी विशेषज्ञ से मिलें और इलाज लें।
कान हमारे शरीर का वह भाग है, जो हमें हमारे आस-पास की चीजों को सुनने में बहुत मदद करता है। हमारा कान मुख्य रूप से तीन भाग में बंटा हुआ है – अंदरूनी नली, पर्दा (Eardrum) और बाहरी कान। अंदरूनी नली और पर्दा (Eardrum) हमारे कान के सबसे संवेदनशील भाग है, जो किसी भी संक्रमण, चोट या ब्लॉकेज से प्रभावित हो सकते हैं। इसके कारण हमारे कान में दर्द शुरू हो जाता है, जिसे मेडिकल भाषा में ओटेलगिया (Otalgia) कहा जाता है।
भारत में हर 10 में से 3 बच्चे ओटिस मीडिया- Otitis media (मध्य कान का संक्रमण) से पीड़ित हैं। यह समस्या बच्चों में अधिक देखी जाती है, क्योंकि बच्चों की यूस्टेचियन ट्यूब – eustachian tube (कान के मध्य भाग को गले तक जोड़ने वाली ट्यूब) पतली होती है और सर्दी-जुकाम के कारण वह जल्दी बंद भी हो जाती है। यही ब्लॉकेज कान में दर्द, भारीपन और संक्रमण को जन्म दे सकता है।
अक्सर जब कान की समस्या के साथ हमारे पास कोई पेशेंट आता है, तो वह हमसे सिर्फ एक ही प्रश्न पूछता है कि कान दर्द क्यों होता है? इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। चलिए कुछ प्रमुख कारणों के बारे में जानते हैं –
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कान दर्द स्वयं एक मुख्य लक्षण है, लेकिन इसके साथ-साथ कुछ और भी लक्षण होते हैं, जिन्हें हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। ध्यान रखें, यदि आपको भी इन लक्षणों का अनुभव हो, तो सावधान रहें –
कई बार हम कान के दर्द को सामान्य दर्द की दवा जैसे कि पेरासिटामोल खा कर कम करने का प्रयास करते हैं। वह उस दिन के लिए आपको राहत देगा, लेकिन अगले दिन फिर से आपको दर्द होने लगेगा। कुछ समय के बाद वह एक गंभीर संक्रमण का भी रूप ले सकता है। इस स्थिति में एक अनुभवी ईएनटी विशेषज्ञ (ENT Doctors at CK Birla Hospital) स्थिति के अनुसार आपको एंटीबायोटिक दवाएं दे सकते हैं। यदि स्थिति अधिक गंभीर होगी, तो सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है।
कान दर्द कोई ऐसी बीमारी नहीं है, जिसके लिए आप तत्काल स्थिति में आराम के लिए कुछ नहीं कर सकते हैं। हालांकि कुछ आसान और प्रभावी घरेलू उपाय हैं, जिनसे आपको कुछ समय के लिए आराम मिल सकता है, जैसे कि –
यदि दर्द लगातार हो रहा है और इसकी तीव्रता भी बढ़ती जा रही है, या फिर इसमें मवाद आ रहा है, तो डॉक्टर से मिलें और तुरंत इलाज लें। वह कान दर्द के इलाज के तौर पर आपको इयर ड्रॉप (ear drops) का सुझाव दे सकते हैं।
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बच्चों में कान दर्द एक खतरनाक स्थिति है, क्योंकि वह यह नहीं बता सकते हैं कि दर्द क्यों और कहां हो रहा है। यदि इस स्थिति का इलाज नहीं होता है, तो यह एक गंभीर बीमारी का कारण भी बन सकता है। यदि वह अपना कान पकड़ कर रोते हैं या फिर उनके कान से मवाद निकल रहा है, तो आप निम्न उपायों को अपना सकते हैं –
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हम हमेशा कहते हैं कि बचाव इलाज से बेहतर है। आप निम्न उपायों का पालन कर कान दर्द की स्थिति को ही उत्पन्न होने से रोक सकते हैं –
यह 5 संकेत मिले, तो तुरंत ईएनटी विशेषज्ञ से संपर्क करें –
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कान दर्द कोई छोटी समस्या नहीं है। इसे नजरअंदाज करना खतरे से खाली नहीं है। सही वक्त पर डॉक्टर की सही सलाह, घरेलू उपाय और उपयुक्त इलाज आपको आसानी से राहत दिला सकता है। याद रखें — कान स्वस्थ तो सुनाई साफ!
अगर आप या आपका बच्चा कान दर्द से परेशान है, तो बिना देर किए अपना परामर्श सत्र बुक करें (book an appointment) और इलाज लें।
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क्या कान में संक्रमण से पर्दा फट सकता है?
हाँ, यदि कान के संक्रमण का इलाज नहीं होता है, तो इसके कारण कान का पर्दा फट सकता है। इसके कारण सुनने की शक्ति पर स्थायी असर पड़ सकता है।
क्या कान दर्द से बहरापन हो सकता है?
यदि बार-बार संक्रमण होता है और सही इलाज नहीं मिलता है तो व्यक्ति की हमेशा के लिए सुनने की शक्ति जा सकती है। कई बड़ी-बड़ी स्वास्थ्य एजेंसी मानते हैं कि सभी मामलों में से 60% मामले जल्दी इलाज से आसानी से ठीक हो सकते हैं।