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कान दर्द का तुरंत इलाज: कारण, लक्षण और घेरलू उपाय

CK Birla Hospital
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Key Takeaways 

  • कान में दर्द संक्रमण या रुकावट का संकेत हो सकते हैं, जिसे नजरअंदाज न करें।
  • सर्दी-जुकाम, वैक्स या पानी जमना, पर्दा फटना, दांत/गले का संक्रमण, ईयरबड्स का ज्यादा उपयोग इसके मुख्य कारण है।
  • कान में चुभन, भारीपन, सुनाई न देना, मवाद निकलना, तेज बुखार, बच्चे का बार-बार कान पकड़ना या रोना, इसके मुख्य लक्षण हैं।
  • कुछ घरेलू उपायों से आपको राहत मिल सकती है।
  • अगर बच्चा लगातार रो रहा है या कान से मवाद आ रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
  • बचाव के लिए कुछ टिप्स, जिनसे आप इससे बचाव कर सकते हैं।
  • यदि दर्द 2–3 दिन रहे, सुनाई कम दे, मवाद या बदबू आए, या बच्चा खाना छोड़ दे, तो तुरंत परामर्श लें।

क्या आप रात में अचानक कान में उठने वाला दर्द से परेशान हैं? क्या कभी आपके साथ ऐसा हुआ है कि आपका बच्चा रात को रोते हुए उठे और रोने के दौरान वह अपना कान पकड़े। इस समय पेरेंट की हालत ऐसी होती है कि वह न ही कुछ कर पाते हैं और न ही समझ पाते हैं कि उनके बच्चे के साथ ऐसा क्यों हो रहा है। चलिए कान दर्द के बारे में बात करते हैं, जो हर साल न जाने कितने लोगों का दैनिक जीवन प्रभावित कर रहे हैं। 

डब्ल्यूएचओ (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में करीब 7% आबादी किसी न किसी तरह की सुनाई देने की समस्या से परेशान है, और इनमें सबसे बड़ा कारण कान का संक्रमण (Infection) और दर्द है। दुर्भाग्य से ज्यादातर लोग इसे मामूली समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, जो कभी नहीं करना चाहिए। यदि आप या आपका बच्चा अभी तकलीफ में है, तो बिना देर किए हमारे अनुभवी ईएनटी विशेषज्ञ से मिलें और इलाज लें। 

कान दर्द क्या है?

कान हमारे शरीर का वह भाग है, जो हमें हमारे आस-पास की चीजों को सुनने में बहुत मदद करता है। हमारा कान मुख्य रूप से तीन भाग में बंटा हुआ है – अंदरूनी नली, पर्दा (Eardrum) और बाहरी कान। अंदरूनी नली और पर्दा (Eardrum) हमारे कान के सबसे संवेदनशील भाग है, जो किसी भी संक्रमण, चोट या ब्लॉकेज से प्रभावित हो सकते हैं। इसके कारण हमारे कान में दर्द शुरू हो जाता है, जिसे मेडिकल भाषा में ओटेलगिया (Otalgia) कहा जाता है। 

भारत में हर 10 में से 3 बच्चे ओटिस मीडिया- Otitis media (मध्य कान का संक्रमण) से पीड़ित हैं। यह समस्या बच्चों में अधिक देखी जाती है, क्योंकि बच्चों की यूस्टेचियन ट्यूब – eustachian tube​ (कान के मध्य भाग को गले तक जोड़ने वाली ट्यूब) पतली होती है और सर्दी-जुकाम के कारण वह जल्दी बंद भी हो जाती है। यही ब्लॉकेज कान में दर्द, भारीपन और संक्रमण को जन्म दे सकता है।

कान दर्द के कारण – Kan Me Dard Kyu Hota Hai

अक्सर जब कान की समस्या के साथ हमारे पास कोई पेशेंट आता है, तो वह हमसे सिर्फ एक ही प्रश्न पूछता है कि कान दर्द क्यों होता है? इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। चलिए कुछ प्रमुख कारणों के बारे में जानते हैं – 

  • सर्दी-जुकाम से संक्रमण: जब सर्दी-जुकाम लंबे वक्त तक ठीक नहीं होते हैं, तो कान की नली में सूजन आ जाती है। वायरस या बैक्टीरिया (bacteria) वहीं फंसकर संक्रमण बढ़ाते हैं, जो बार-बार कान के दर्द का कारण भी बनते हैं।
  • कान में वैक्स या पानी जमा होना: कई बार नहाते वक्त या स्विमिंग के दौरान कान में पानी चला जाता है और अंदर फंस जाता है। इससे बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। वैक्स (earwax) भी ज्यादा जमा हो जाए तो ब्लॉकेज से दर्द शुरू हो सकता है। कम मात्रा में वैक्स हमारे कान के लिए लाभदायक साबित हो सकते हैं क्योंकि वह बाहर की वस्तुओं को हमारे कान में घुसने नहीं देता है। 
  • कान का पर्दा फटना: बहुत जोर से छींकने, तेज आवाज या चोट लगने से कान का पर्दा फट सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के डेटा के अनुसार, भारत में हर साल करीब 10 लाख लोग पर्दा फटने की समस्या से जूझते हैं।
  • गले-दांत की बीमारी: कई बार टॉन्सिल (tonsil ke karan, lakshan aur ilaj) का संक्रमण या दांत में कैविटी का दर्द भी कान तक पहुंचता है क्योंकि नर्व आपस में जुड़ी होती हैं।
  • बाहरी चीज़ का कान में फंसना: बच्चे खेलते हुए अक्सर मोती, बीज, छोटी चीज़ें कान में डाल देते हैं। इससे अंदरूनी स्किन में घाव हो सकता है और इससे दर्द भी बढ़ सकता है।
  • ईयरबड्स और हेडफोन: आजकल युवाओं में लंबे वक्त तक ईयरबड्स लगाने का प्रचलन है, जिससे कान में पसीना, वैक्स का जमाव बढ़ जाता है और संक्रमण तेजी से बढ़ता है। कई मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, 60% सुनने की समस्या असावधानी से इस्तेमाल किए ऐसे प्रोडक्ट के कारण होती है। 

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कान दर्द के लक्षण – Kan Dard Ke Lakshan

कान दर्द स्वयं एक मुख्य लक्षण है, लेकिन इसके साथ-साथ कुछ और भी लक्षण होते हैं, जिन्हें हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। ध्यान रखें, यदि आपको भी इन लक्षणों का अनुभव हो, तो सावधान रहें – 

  • कान के अंदर तेज चुभन या हल्का दर्द होना।
  • सुनाई देने में समस्या।
  • कान में भारीपन महसूस होना।
  • कान से पानी या पस बनना।
  • गले में दर्द या बुखार (throat pain causes & treatment in hindi)
  • बच्चों का चिड़चिड़ापन, कान पकड़ना, और रात में नींद टूटना।

कई बार हम कान के दर्द को सामान्य दर्द की दवा जैसे कि पेरासिटामोल खा कर कम करने का प्रयास करते हैं। वह उस दिन के लिए आपको राहत देगा, लेकिन अगले दिन फिर से आपको दर्द होने लगेगा। कुछ समय के बाद वह एक गंभीर संक्रमण का भी रूप ले सकता है। इस स्थिति में एक अनुभवी ईएनटी विशेषज्ञ (ENT Doctors at CK Birla Hospital) स्थिति के अनुसार आपको एंटीबायोटिक दवाएं दे सकते हैं। यदि स्थिति अधिक गंभीर होगी, तो सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है।

कान दर्द का घरेलू इलाज – Kan Dard Ka Gharelu Upay

कान दर्द कोई ऐसी बीमारी नहीं है, जिसके लिए आप तत्काल स्थिति में आराम के लिए कुछ नहीं कर सकते हैं। हालांकि कुछ आसान और प्रभावी घरेलू उपाय हैं, जिनसे आपको कुछ समय के लिए आराम मिल सकता है, जैसे कि – 

  • लहसुन का तेल: लहसुन में प्राकृतिक एंटीबायोटिक (antibiotic) गुण होते हैं। 2-3 लहसुन की कलियां सरसों के तेल में पकाएं, छानकर गुनगुना करके 2 बूंद कान में डालें।
  • प्याज का रस: प्याज को कद्दूकस कर उसका रस निकालें, हल्का गर्म करें और 2 बूंद डालें। प्याज में भी सूजन को कम करने वाले गुण होते हैं, लेकिन इसे भी सीमित मात्रा में उपयोग करें।
  • जैतून का तेल (Olive Oil): थोड़ा सा जैतून का तेल गुनगुना करके ड्रॉपर से डाल सकते हैं। इससे कान में किसी भी प्रकार का ब्लॉकेज और सूजन को आसानी से कम किया जा सकता है।
  • तुलसी-नीम: तुलसी या नीम की पत्तियों को पीसकर उनका रस निकालें और 1-2 बूंद को उनके कान में डालें। इन्हें आप प्राकृतिक रूप से कीटाणुओं को मारने वाले तत्व भी कह सकते हैं।
  • गर्म सेंक: गरम पानी की बोतल या गरम तौलिया कान के पास रख सकते हैं। इससे सूजन में राहत मिलती है।
  • Steam Therapy: नाक और कान की ब्लॉकेज को खोलने के लिए भाप लेना बेहद असरदार साबित हो सकता है।

यदि दर्द लगातार हो रहा है और इसकी तीव्रता भी बढ़ती जा रही है, या फिर इसमें मवाद आ रहा है, तो डॉक्टर से मिलें और तुरंत इलाज लें। वह कान दर्द के इलाज के तौर पर आपको इयर ड्रॉप (ear drops) का सुझाव दे सकते हैं।

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बच्चों के लिए कान दर्द का तुरंत इलाज – Kan Dard Ka Turant Ilaj Bachon Ke Liye

बच्चों में कान दर्द एक खतरनाक स्थिति है, क्योंकि वह यह नहीं बता सकते हैं कि दर्द क्यों और कहां हो रहा है। यदि इस स्थिति का इलाज नहीं होता है, तो यह एक गंभीर बीमारी का कारण भी बन सकता है। यदि वह अपना कान पकड़ कर रोते हैं या फिर उनके कान से मवाद निकल रहा है, तो आप निम्न उपायों को अपना सकते हैं – 

  • प्याज या लहसुन के ड्रॉप आपके लिए सुरक्षित माने जा सकते हैं।
  • यदि आप डॉक्टर को दिखाते हैं और फिर उसके बाद आपके कान में दर्द होता है, तो वह आपको कुछ इयर ड्रॉप (ear drops for ear pain) का सुझाव दे सकते हैं, जिसका उपयोग आप तुरंत करें।
  • बच्चे के कान में ठंडा पानी न जाने दें।
  • बच्चे का नाक बंद न रहने दे।
  • कान में कोई ऐसी चीज ना डालें जो नुकीली हो।
  • यदि बच्चा बहुत ज्यादा रो रहा है, तो बिना देर किए डॉक्टर से मिलें।

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कान दर्द से बचाव के उपाय – Kan Dard Se Bachav

हम हमेशा कहते हैं कि बचाव इलाज से बेहतर है। आप निम्न उपायों का पालन कर कान दर्द की स्थिति को ही उत्पन्न होने से रोक सकते हैं – 

  • नहाने या स्विमिंग के दौरान कान में प्लग या रुई जरूर लगाएं। इससे कान में पानी नहीं जाएगा।
  • कान की सफाई ध्यान से करें। सफाई के लिए नुकिली वस्तु या फिर बाल की क्लिप का उपयोग न करें।
  • बच्चों को सर्दी-जुकाम ज्यादा दिनों तक न रहने दें। यदि है, तो डॉक्टर से मिल कर इलाज लें।
  • ईयरफोन का ज्यादा और तेज इस्तेमाल न करें।
  • बच्चों की वैक्सीन (vaccination for children) और बैलेंस्ड डाइट (balanced diet in hindi) का खास ख्याल रखें क्योंकि यह इम्यूनिटी (कौन-कौन से सुपरफूड्स आपकी इम्यूनिटी बढ़ा सकते हैं?) बढ़ाते है।

कब डॉक्टर से मिलना जरूरी है? (When to see the doctor for ear pain)

यह 5 संकेत मिले, तो तुरंत ईएनटी विशेषज्ञ से संपर्क करें – 

  • दर्द 2-3 दिन में कम ना हो
  • सुनाई देना कम हो जाए
  • कान से मवाद, खून या गंदी महक आना 
  • गर्दन अकड़ जाए या तेज बुखार हो
  • बच्चा लगातार रोये या खाना छोड़ दे

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निष्कर्ष: अब दर्द को न टालें

कान दर्द कोई छोटी समस्या नहीं है। इसे नजरअंदाज करना खतरे से खाली नहीं है। सही वक्त पर डॉक्टर की सही सलाह, घरेलू उपाय और उपयुक्त इलाज आपको आसानी से राहत दिला सकता है। याद रखें — कान स्वस्थ तो सुनाई साफ!

अगर आप या आपका बच्चा कान दर्द से परेशान है, तो बिना देर किए अपना परामर्श सत्र बुक करें (book an appointment) और इलाज लें।

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अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (Faqs around ear pain in hindi)

क्या कान में संक्रमण से पर्दा फट सकता है?

हाँ, यदि कान के संक्रमण का इलाज नहीं होता है, तो इसके कारण कान का पर्दा फट सकता है। इसके कारण सुनने की शक्ति पर स्थायी असर पड़ सकता है।

क्या कान दर्द से बहरापन हो सकता है?

यदि बार-बार संक्रमण होता है और सही इलाज नहीं मिलता है तो व्यक्ति की हमेशा के लिए सुनने की शक्ति जा सकती है। कई बड़ी-बड़ी स्वास्थ्य एजेंसी मानते हैं कि सभी मामलों में से 60% मामले जल्दी इलाज से आसानी से ठीक हो सकते हैं।