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पीरियड कम आने के नुकसान: कारण, प्रभाव और इलाज

CK Birla Hospital
Category:
Gynaecology
July 10, 2025Author:
Dr Alka Gupta
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पीरियड्स एक ऐसी समस्या है, जो अधिक आ जाए, कम आए, या फिर न आए, तो इन तीनों ही स्थिति में महिलाओं को परेशानी होती है। चलिए इन तीनों पहलू में से सबसे पहले समझते हैं पीरियड्स कम आने के नुकसान क्या है। पीरियड्स का कम आना या रुक-रुक कर आना एक ऐसी स्थिति है, जो किसी भी व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान कर सकता है। यदि आप इसका सामना कर रहे हैं, तो आप इसमें अकेले नहीं है। भारत में कई महिलाएं इस समस्या का सामना करती हैं, लेकिन अक्सर इसे नजरअंदाज कर दिया जाता है, जो कभी नहीं करना चाहिए। 

यदि आप जानना चाहते हैं, कि इसे कैसे ठीक किया जा सकता है, तो इस ब्लॉग में मौजूद जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। पीरियड्स साइकिल में किसी भी प्रकार के बदलाव की स्थिति में आप हमारे अनुभवी डॉक्टर से मिलें और समझें कि ऐसा क्यों हो रहा है।

लाइट पीरियड्स क्या है? (what are light periods in hindi)

पीरियड्स में कोई भी बदलाव, जैसे कम रक्त हानि, या समय पर न आना, अनियमित पीरियड्स का संकेत हो सकता है। यह किसी भी उम्र में हो सकता है और हार्मोनल असंतुलन (hormonal imbalance), तनाव (stress-mansik swasthya ke zaruri upay) या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण हो सकता है।

लाइट पीरियड्स या स्कैंटी पीरियड्स एक ऐसी स्थिति है जिसमें महिलाओं को हल्के पीरियड्स (light periods) आते हैं या फिर बहुत कम ब्लीडिंग होती है। आमतौर पर, मासिक धर्म के दौरान कुल रक्त हानि का लगभग 5 से 80 मिलीलीटर होता है। लाइट पीरियड में यह मात्रा 5 मिलीलीटर से भी कम हो सकती है।

इस स्थिति को चिकित्सा शब्दों में ओलिगोमेनोरिया (Oligomenorrhea) कहा जाता है, जिसका मतलब है कि महिला के पीरियड्स नियमित रूप या हल्का आना। अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनियाभर में 15-25% महिलाएं अनियमित पीरियड्स से प्रभावित हैं, जो उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल सकते हैं।

पीरियड रुक-रुक कर आना के कारण (causes of light periods in hindi)

यदि आपके पीरियड्स रुक-रुक कर आते हैं या कम होते हैं, तो इसके कई कारण हो सकते हैं। चलिए सभी कारणों को एक-एक करके समझते हैं – 

  • हार्मोनल असंतुलन (hormonal imbalance): शरीर में हार्मोन के असंतुलन के कारण पीरियड्स में अनियमितता देखने को मिलती है। शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन का संतुलन बिगड़ने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हो सकती है। 
  • पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS): इस स्वास्थ्य समस्या में अंडाशय में छोटे सिस्ट बन जाते हैं, जिससे ओव्यूलेशन प्रभावित होते हैं और पीरियड्स के समय में गड़बड़ी आती है।
  • तनाव और मानसिक स्वास्थ्य (stress & mental health): मानसिक तनाव हार्मोनल असंतुलन को बढ़ावा देते हैं, जिससे पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं।
  • वजन में बदलाव (weight change): अत्यधिक वजन घटाना या बढ़ाना हार्मोन को प्रभावित करता है, जिससे पीरियड्स में गड़बड़ी हो सकती है।
  • थायरॉयड की समस्या (thyroid in women): थायरॉयड में असंतुलन भी पीरियड्स के नियमित होने में रुकावट डाल सकते हैं।

पीरियड्स कम आने के नुकसान (problems due to light periods in hindi)

पीरियड्स का कम आना महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर संकेत हो सकता है। आइए जानते हैं कि पीरियड्स के कम आने से होने वाले कुछ प्रमुख नुकसान क्या हो सकते हैं – 

  • प्रजनन स्वास्थ्य पर असर:

    पीरियड्स का कम आना प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। जब भी पीरियड्स साइकिल में अनियमितता (irregular period causes & home remedies) होती है, तो इसका मतलब यह हो सकता है कि ओवुलेशन (अंडाणु का त्याग) भी ठीक से नहीं हो रहा है, जो प्रजनन स्वास्थ्य में समस्या को दर्शाता है।

  • हार्मोनल असंतुलन का खतरा:

    जब शरीर में हार्मोन का संतुलन बिगड़ता है, तो यह पीरियड्स के साथ-साथ अन्य शारीरिक समस्याओं को भी जन्म दे सकता है। एस्ट्रोजन (estrogen-how to increase in hindi) और प्रोजेस्टेरोन (progesterone) जैसे महत्वपूर्ण हार्मोन के असंतुलन से हड्डियां कमजोर (weakening of bones) हो जाती है, और ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) (हड्डियों का रोग) का खतरा भी बढ़ सकता है। इस रोग की स्थिति में हड्डियां अपना आकार खो देती हैं।

  • मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव:

    पीरियड्स में अनियमितता (irregular periods) या कम आना मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकता है। इसके कारण लगातार यह चिंता बनी रहती है कि पीरियड्स क्यों नहीं आ रहे, क्या यह कोई गंभीर बीमारी का संकेत है? यह चिंता और तनाव को बढ़ा सकता है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। महिलाओं में इससे डिप्रेशन (depression) (mental health treatment) और चिंता के स्तर में वृद्धि हो सकती है।

  • हृदय रोगों का खतरा:

    कुछ रिसर्च में यह साबित भी हुआ है कि जिन महिलाओं के पीरियड्स कम आते हैं या नहीं आते, उनमें दिल की बीमारियों (heart disease) का खतरा अधिक हो सकता है। हार्मोनल असंतुलन का सीधा असर शरीर के रक्त वाहिकाओं पर भी हो सकता है, जिससे हृदय संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

  • गर्भावस्था में मुश्किलें:

    यदि पीरियड्स कम आते हैं, तो इसका एक प्रमुख कारण ओवुलेशन (ovulation) में गड़बड़ी भी हो सकती है। इससे गर्भधारण में समस्या उत्पन्न हो सकती है, क्योंकि महिलाओं को स्वस्थ और नियमित ओवुलेशन की आवश्यकता होती है। लंबे समय तक अनियमित पीरियड्स के कारण गर्भवती होने की संभावना भी कम हो सकती है।

पीरियड्स को रेगुलर कैसे करें? (how to regular periods in hindi)

क्या आप जानना चाहते हैं कि पीरियड्स को नियमित कैसे किया जाए? चलिए कुछ उपायों के बारे में जानते हैं, जिससे आपको लाभ मिल सकता है – 

  • संतुलित आहार (balanced diet in hindi): आयरन (iron rich foods), प्रोटीन (protein rich diet list in hindi), फाइबर (fiber) और विटामिन B12 (vitamin b12 deficiency in hindi) से भरपूर आहार लें। यह हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
  • व्यायाम (exercise): हल्का व्यायाम, जैसे योग (yoga) या चलना, शरीर को स्वस्थ रखता है और पीरियड्स को नियमित करता है।
  • मानसिक शांति (mental peace): तनाव (stress) को कम करने के लिए ध्यान और योग करते रहें। इसके साथ -साथ मेडिटेशन को भी अपने दैनिक जीवन का भाग बनाएं।
  • वजन नियंत्रण (weight management): स्वस्थ वजन बनाए रखने से हार्मोन संतुलित रहते हैं, जिससे पीरियड्स नियमित हो सकते हैं। इसके लिए आप बीएमआई (BMI Calculator) को भी रेफर कर सकते हैं।
  • संपूर्ण नींद: पर्याप्त नींद से हार्मोनल संतुलन में सुधार होता है।

पीरियड्स को नियमित करने के लिए घरेलू उपाय (home remedies for light periods in hindi)

यदि आपके हल्के पीरियड्स हल्के या उनमें अनियमितता का सामना कर रहे हैं, तो कुछ घरेलू उपाय आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं – 

  • घरेलू उपाय: अदरक, हल्दी और दालचीनी का सेवन रक्त प्रवाह को बढ़ा सकता है और पीरियड्स को नियमित कर सकता है। इनका सेवन नियमित मात्रा में ही रखें।
  • तनाव कम करें: योग और प्राणायाम से मानसिक और शारीरिक तनाव कम हो सकता है, जिससे पीरियड्स नियमित हो सकते हैं।
  • हार्मोनल संतुलन: हार्मोनल असंतुलन होने पर डॉक्टर से सलाह लेकर उपचार करवाएं। इसके लिए वह कुछ हार्मोनल दवाएं भी दे सकते हैं।

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पीरियड्स कम आने पर डॉक्टर से कब संपर्क करें? (when to see doctor for light periods in hindi)

यदि आपके पीरियड्स लगातार कम या अनियमित हो रहे हैं, तो आपको डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। विशेषकर निम्नलिखित स्थितियों में परामर्श बहुत अधिक महत्वपूर्ण हो जाते हैं – 

  • यदि पीरियड्स 3 महीने से ज्यादा देरी से आ रहे हैं।
  • यदि पीरियड्स के दौरान अत्यधिक दर्द या रक्त हानि हो रही है।
  • यदि गर्भधारण में समस्या हो रही है।
  • यदि मानसिक शांति से संबंधित कोई परेशानी हो रही है।

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निष्कर्ष

यदि आप पीरियड्स में किसी प्रकार की समस्या का सामना कर रही हैं, तो इसे हल्के में न लें। यह आपके शरीर में हार्मोनल असंतुलन या अन्य गंभीर समस्याओं का संकेत हो सकता है। सही समय पर डॉक्टर से परामर्श और उचित उपचार से आप इस समस्या का समाधान पा सकती हैं। जीवनशैली में छोटे बदलाव करके आप पीरियड्स को नियमित और स्वस्थ बना सकते हैं। हालांकि इस स्थिति के बेहतर इलाज के लिए हम आपको सलाह देंगे कि कम से कम एक बार आप हमारे अनुभवी एवं श्रेष्ठ विशेषज्ञों से मिले और परामर्श लें।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs Around Light Periods)

अनियमित पीरियड्स को रेगुलर कैसे करें?

संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और तनाव को कम करना अनियमित पीरियड्स को रेगुलर करने में मदद कर सकते हैं।

पीरियड्स अनियमित क्यों होते हैं?

हार्मोनल असंतुलन, तनाव, वजन में बदलाव, और PCOS जैसी समस्याओं के कारण पीरियड्स में अनियमितता हो सकती है।

पीरियड ना आने से कौन सी बीमारी हो सकती है?

पीरियड्स का ना आना हार्मोनल असंतुलन, थायरॉयड समस्या, या PCOS जैसी बीमारियों का संकेत हो सकता है।

पीरियड्स कम से कम कितने दिन आना चाहिए?

पीरियड्स का सामान्य प्रवाह 3 से 7 दिनों तक होता है। अगर इससे कम दिन पीरियड्स आते हैं, तो यह अनियमितता का संकेत हो सकता है।

क्या एनीमिया से पीरियड्स कम आ सकते हैं?

हां, एनीमिया से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जिससे पीरियड्स में कमी आ सकती है। एनीमिया वह स्थिति है, जिसमें शरीर में रक्त की कमी हो जाती है।

1 महीने से पीरियड ना आए तो क्या करें?

अगर 1 महीने तक पीरियड्स नहीं आते हैं, तो यह हार्मोनल असंतुलन या अन्य समस्या का संकेत हो सकता है। डॉक्टर से संपर्क करें। हालांकि पीरियड मिस होना प्रेगनेंसी का भी संकेत हो सकता है, जो कि एक परिस्थितिजन्य स्थिति है।