पीरियड्स एक ऐसी समस्या है, जो अधिक आ जाए, कम आए, या फिर न आए, तो इन तीनों ही स्थिति में महिलाओं को परेशानी होती है। चलिए इन तीनों पहलू में से सबसे पहले समझते हैं पीरियड्स कम आने के नुकसान क्या है। पीरियड्स का कम आना या रुक-रुक कर आना एक ऐसी स्थिति है, जो किसी भी व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान कर सकता है। यदि आप इसका सामना कर रहे हैं, तो आप इसमें अकेले नहीं है। भारत में कई महिलाएं इस समस्या का सामना करती हैं, लेकिन अक्सर इसे नजरअंदाज कर दिया जाता है, जो कभी नहीं करना चाहिए।
यदि आप जानना चाहते हैं, कि इसे कैसे ठीक किया जा सकता है, तो इस ब्लॉग में मौजूद जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। पीरियड्स साइकिल में किसी भी प्रकार के बदलाव की स्थिति में आप हमारे अनुभवी डॉक्टर से मिलें और समझें कि ऐसा क्यों हो रहा है।
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पीरियड्स में कोई भी बदलाव, जैसे कम रक्त हानि, या समय पर न आना, अनियमित पीरियड्स का संकेत हो सकता है। यह किसी भी उम्र में हो सकता है और हार्मोनल असंतुलन (hormonal imbalance), तनाव (stress-mansik swasthya ke zaruri upay) या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण हो सकता है।
लाइट पीरियड्स या स्कैंटी पीरियड्स एक ऐसी स्थिति है जिसमें महिलाओं को हल्के पीरियड्स (light periods) आते हैं या फिर बहुत कम ब्लीडिंग होती है। आमतौर पर, मासिक धर्म के दौरान कुल रक्त हानि का लगभग 5 से 80 मिलीलीटर होता है। लाइट पीरियड में यह मात्रा 5 मिलीलीटर से भी कम हो सकती है।
इस स्थिति को चिकित्सा शब्दों में ओलिगोमेनोरिया (Oligomenorrhea) कहा जाता है, जिसका मतलब है कि महिला के पीरियड्स नियमित रूप या हल्का आना। अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनियाभर में 15-25% महिलाएं अनियमित पीरियड्स से प्रभावित हैं, जो उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल सकते हैं।
यदि आपके पीरियड्स रुक-रुक कर आते हैं या कम होते हैं, तो इसके कई कारण हो सकते हैं। चलिए सभी कारणों को एक-एक करके समझते हैं –
पीरियड्स का कम आना महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर संकेत हो सकता है। आइए जानते हैं कि पीरियड्स के कम आने से होने वाले कुछ प्रमुख नुकसान क्या हो सकते हैं –
पीरियड्स का कम आना प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। जब भी पीरियड्स साइकिल में अनियमितता (irregular period causes & home remedies) होती है, तो इसका मतलब यह हो सकता है कि ओवुलेशन (अंडाणु का त्याग) भी ठीक से नहीं हो रहा है, जो प्रजनन स्वास्थ्य में समस्या को दर्शाता है।
जब शरीर में हार्मोन का संतुलन बिगड़ता है, तो यह पीरियड्स के साथ-साथ अन्य शारीरिक समस्याओं को भी जन्म दे सकता है। एस्ट्रोजन (estrogen-how to increase in hindi) और प्रोजेस्टेरोन (progesterone) जैसे महत्वपूर्ण हार्मोन के असंतुलन से हड्डियां कमजोर (weakening of bones) हो जाती है, और ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) (हड्डियों का रोग) का खतरा भी बढ़ सकता है। इस रोग की स्थिति में हड्डियां अपना आकार खो देती हैं।
पीरियड्स में अनियमितता (irregular periods) या कम आना मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकता है। इसके कारण लगातार यह चिंता बनी रहती है कि पीरियड्स क्यों नहीं आ रहे, क्या यह कोई गंभीर बीमारी का संकेत है? यह चिंता और तनाव को बढ़ा सकता है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। महिलाओं में इससे डिप्रेशन (depression) (mental health treatment) और चिंता के स्तर में वृद्धि हो सकती है।
कुछ रिसर्च में यह साबित भी हुआ है कि जिन महिलाओं के पीरियड्स कम आते हैं या नहीं आते, उनमें दिल की बीमारियों (heart disease) का खतरा अधिक हो सकता है। हार्मोनल असंतुलन का सीधा असर शरीर के रक्त वाहिकाओं पर भी हो सकता है, जिससे हृदय संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
यदि पीरियड्स कम आते हैं, तो इसका एक प्रमुख कारण ओवुलेशन (ovulation) में गड़बड़ी भी हो सकती है। इससे गर्भधारण में समस्या उत्पन्न हो सकती है, क्योंकि महिलाओं को स्वस्थ और नियमित ओवुलेशन की आवश्यकता होती है। लंबे समय तक अनियमित पीरियड्स के कारण गर्भवती होने की संभावना भी कम हो सकती है।
क्या आप जानना चाहते हैं कि पीरियड्स को नियमित कैसे किया जाए? चलिए कुछ उपायों के बारे में जानते हैं, जिससे आपको लाभ मिल सकता है –
यदि आपके हल्के पीरियड्स हल्के या उनमें अनियमितता का सामना कर रहे हैं, तो कुछ घरेलू उपाय आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं –
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यदि आपके पीरियड्स लगातार कम या अनियमित हो रहे हैं, तो आपको डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। विशेषकर निम्नलिखित स्थितियों में परामर्श बहुत अधिक महत्वपूर्ण हो जाते हैं –
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यदि आप पीरियड्स में किसी प्रकार की समस्या का सामना कर रही हैं, तो इसे हल्के में न लें। यह आपके शरीर में हार्मोनल असंतुलन या अन्य गंभीर समस्याओं का संकेत हो सकता है। सही समय पर डॉक्टर से परामर्श और उचित उपचार से आप इस समस्या का समाधान पा सकती हैं। जीवनशैली में छोटे बदलाव करके आप पीरियड्स को नियमित और स्वस्थ बना सकते हैं। हालांकि इस स्थिति के बेहतर इलाज के लिए हम आपको सलाह देंगे कि कम से कम एक बार आप हमारे अनुभवी एवं श्रेष्ठ विशेषज्ञों से मिले और परामर्श लें।
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अनियमित पीरियड्स को रेगुलर कैसे करें?
संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और तनाव को कम करना अनियमित पीरियड्स को रेगुलर करने में मदद कर सकते हैं।
पीरियड्स अनियमित क्यों होते हैं?
हार्मोनल असंतुलन, तनाव, वजन में बदलाव, और PCOS जैसी समस्याओं के कारण पीरियड्स में अनियमितता हो सकती है।
पीरियड ना आने से कौन सी बीमारी हो सकती है?
पीरियड्स का ना आना हार्मोनल असंतुलन, थायरॉयड समस्या, या PCOS जैसी बीमारियों का संकेत हो सकता है।
पीरियड्स कम से कम कितने दिन आना चाहिए?
पीरियड्स का सामान्य प्रवाह 3 से 7 दिनों तक होता है। अगर इससे कम दिन पीरियड्स आते हैं, तो यह अनियमितता का संकेत हो सकता है।
क्या एनीमिया से पीरियड्स कम आ सकते हैं?
हां, एनीमिया से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जिससे पीरियड्स में कमी आ सकती है। एनीमिया वह स्थिति है, जिसमें शरीर में रक्त की कमी हो जाती है।
1 महीने से पीरियड ना आए तो क्या करें?
अगर 1 महीने तक पीरियड्स नहीं आते हैं, तो यह हार्मोनल असंतुलन या अन्य समस्या का संकेत हो सकता है। डॉक्टर से संपर्क करें। हालांकि पीरियड मिस होना प्रेगनेंसी का भी संकेत हो सकता है, जो कि एक परिस्थितिजन्य स्थिति है।