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  5. एस्ट्रोजन हार्मोन कैसे बढ़ाये
CK Birla Hospital
Category:
June 25, 2024Author:
Dr. Abhay Ahluwalia
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एस्ट्रोजन, महिलाओं में पाए जाने वाला हार्मोन है, जो मुख्य रूप से महिलाओं में प्रजनन और यौन विकास का कार्य करता है। आसान भाषा में इन्हें महिला सेक्स हार्मोन भी कहा जाता है। इस हार्मोन का निर्माण हर माह महिलाओं के अंडाशय द्वारा कोलेस्ट्रॉल से होता है। एस्ट्रोजन रक्त के माध्यम से सभी अंगों और ऊतकों तक पहुंचता है और लिवर में एंजाइमों द्वारा इसका चयापचय होता है। 

एस्ट्रोजन क्या है?

जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया है कि एस्ट्रोजन महिलाओं में पाया जाने वाला महत्वपूर्ण हार्मोन है, जिसका कार्य महिला के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना है। एस्ट्रोजन का मुख्य कार्य महिलाओं के विकास, प्रजनन स्वास्थ्य, मासिक धर्म चक्र विनियमन, हड्डी के स्वास्थ्य, और हृदय संबंधी समस्याओं को दूर करना है। 

एस्ट्रोजन के प्रकार

एस्ट्रोजन महिलाओं में मुख्य हार्मोन है, जो उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। यह महिलाओं के गर्भाशय, स्तन, और अन्य शारीरिक अंगों के विकास और देखभाल में अहम भूमिका निभाता है। एस्ट्रोजन के कई प्रकार होते हैं जैसे – 

  • एस्ट्रोन:

    यह एक प्रकार का एस्ट्रोजन है, जो प्राकृतिक रूप से शरीर में उत्पन्न होता है। यह मुख्य रूप से फैट सेल्स द्वारा उत्पन्न होता है और महिलाओं के बाद में उत्पन्न तक बढ़ता है।

  • एस्ट्राडियोल:

    यह एक और प्रकार का एस्ट्रोजन है जो युवा महिलाओं में पाया जाता है। यह गर्भाशय के विकास और मासिक धर्म को नियमित करने में मदद करता है।

  • एस्ट्रियोल:

    यह एक और प्रमुख एस्ट्रोजन है, जो बाल्यावस्था के दौरान उत्पन्न होता है। यह महिलाओं के शारीरिक विकास में अहम भूमिका अदा करते हैं।

पुरुषों और महिलाओं में एस्ट्रोजन

एस्ट्रोजन मुख्य रूप से महिलाओं में पाए जाने वाला हार्मोन है, लेकिन यह पुरुषों में भी मौजूद होता है। पुरुषों का सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरोन है जो उनके शारीरिक विकास, और स्वाभाविक हार्मोनल संतुलन के लिए महत्वपूर्ण कार्य करता है। हालांकि पुरुषों में भी एस्ट्रोजन होता है और यदि उनका स्तर अनियंत्रित हो जाए तो व्यक्ति को निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है – 

  • बांझपन
  • स्तंभन दोष
  • बड़े स्तन, जिसे चिकित्सा भाषा में गाइनेकोमेस्टिया कहा जाता है।

एस्ट्रोजन असंतुलन

एस्ट्रोजन के स्तर में संतुलन की कमी के कारण कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इस प्रकार के असंतुलन के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं – 

  • अनियमित या पीरियड का मिस होना
  • मासिक धर्म के दौरान हल्का या भारी रक्त हानि
  • रात को पसीना, या बेचैनी
  • स्तन और गर्भाशय में गैर-कैंसरयुक्त गांठ
  • मूड में बदलाव और नींद की समस्या
  • वजन बढ़ना, मुख्य रूप से कूल्हों, जांघों और कमर पर चर्बी
  • कम यौन इच्छा
  • योनि का सूखापन
  • थकान 
  • अवसाद और चिंता की भावना
  • शुष्क त्वचा या ड्राई स्किन

इनमें से कुछ लक्षण मेनोपॉज की तरफ संकेत देते हैं, इसलिए लक्षण महसूस होने पर तुरंत हमारे महिला स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें। एस्ट्रोजन असंतुलन के कारण अन्य स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं जैसे ऑस्टियोपोरोसिस, हृदय रोग, और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं, इसलिए समय पर इसका प्रबंधन बहुत ज्यादा आवश्यक होता है। 

हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी)

हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी में महिलाओं के उन हार्मोन को रिप्लेस किया जाता है, जिसका निर्माण मेनोपॉज के दौरान बंद हो जाता है। इस थेरेपी का प्रयोग अक्सर डॉक्टर तभी करते हैं, जब रजोनिवृत्ति या फिर मेनोपॉज के लक्षण दिखने लगते हैं। 

इस थेरेपी के कई लाभ हैं जैसे लो एस्ट्रोजन लेवल के कारण महिलाओं की हड्डियों को नुकसान होता है। इस थेरेपी की मदद से स्थिति में काफी हद तक सुधार हो सकता है।

हालांकि, हार्मोन थेरेपी के कुछ जोखिम और जटिलताएं भी होती हैं, इसलिए डॉक्टर के साथ अच्छे से परामर्श लें, इलाज के सभी पहलुओं को समझें और जानें कि इस थेरेपी का आपके शरीर पर क्या प्रभाव पड़ने वाले हैं। इसके अतिरिक्त थेरेपी के साथ-साथ समय समय पर चिकित्सा परामर्श भी बहुत ज्यादा अनिवार्य होता है। 

एस्ट्रोजन के प्राकृतिक स्रोत

एस्ट्रोजन को बढ़ाने के लिए कुछ प्राकृतिक स्रोत हैं, जिन्हें अपने आहार में जोड़ने से बहुत मदद मिलेगी। निम्नलिखित खाद्य पदार्थ के सेवन से एस्ट्रोजन के स्तर को प्राकृतिक रूप से बढ़ाने में मदद मिलेगी – 

  • सोया उत्पाद:

    सोए उत्पाद को एस्ट्रोजन का एक अच्छा स्रोत माना जाता है। इसके साथ-साथ इसमें विटामिन ई, फाइटोएस्ट्रोजेन, और आइसोफ्लेवोंस होते हैं, जो शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर को बढ़ाते हैं। सोया उत्पादों में टोफू, सोया मिल्क, सोया दूध, और सोया बीन्स शामिल हैं।

  • ब्रोकोली:

    ब्रोकोली एस्ट्रोजन का एक और प्राकृतिक स्रोत है, जो एस्ट्रोजन की आपूर्ति में मदद करता है। इसकी सहायता से एस्ट्रोजन के स्तर को संतुलित करने में मदद करता है।

  • बैंगन:

    बैंगन भी एक अच्छा स्रोत है, जिससे शरीर को एस्ट्रोजन की आपूर्ति में मदद मिलती है। इसमें फाइटोएस्ट्रोजेन होता है, जो एस्ट्रोजन के स्तर को बढ़ा सकता है।

  • गोभी:

    गोभी भी एस्ट्रोजन की मात्रा बढ़ाने के लिए एक प्राकृतिक स्रोत है। इसमें सल्फोराफेन होता है, जो एस्ट्रोजन के स्तर को संतुलित करने में मदद करता है।

एस्ट्रोजेन और मानसिक स्वास्थ्य

एस्ट्रोजन का मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव बहुत गहरा होता है। इसके कारण महिलाओं में कुछ मानसिक समस्याएं उत्पन्न होती हैं जैसे – 

  • व्यवहार में बदलाव
  • नींद
  • अवसाद
  • चिंता
  • अधिक तनाव 

यह सारी समस्याएं एक व्यक्ति को किसी एक कार्य पर फोकस करने में परेशानी होती है। इसलिए एस्ट्रोजन के स्तर को संतुलित रखना मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है।

एस्ट्रोजन से सम्बंधित हालिया शोध और खोज

हाल फिलहाल में कई रिसर्च हुए हैं, जो बताते हैं कि एस्ट्रोजन का संतुलित होना हमारे शरीर के लिए कितना महत्वपूर्ण है जैसे – 

  • मानसिक स्वास्थ्य: एक अध्ययन में पाया गया है कि एस्ट्रोजन के स्तर को संतुलित रखने से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह महिलाओं के मूड स्विंग्स, अवसाद, और चिंताओं को कम कर सकता है।
  • हृदय स्वास्थ्य: एक अध्ययन में पाया गया है कि एस्ट्रोजन के स्तर को संतुलित रखने से हृदय स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। यह हृदय रोगों की संभावना को कम कर सकता है।
  • ऑस्टियोपोरोसिस: एक अध्ययन में पाया गया है कि एस्ट्रोजन के स्तर को संतुलित रखने से ऑस्टियोपोरोसिस की संभावना को कम किया जा सकता है। ऑस्टियोपोरोसिस एक हड्डी रोग है, जिसमें हड्डियों की कार्यक्षमता कम हो जाती है और इससे हड्डियों का टूटने का खतरा बढ़ जाता है।
  • वजन का नियंत्रण: एक अध्ययन में पाया गया है कि एस्ट्रोजन का नियंत्रित स्तर वजन को भी नियंत्रित करने में मदद करता है। इसकी सहायता से ओबेसिटी की समस्या से भी छुटकारा मिल सकता है।
  • स्तन कैंसर: कुछ शोधों में पाया गया है कि एस्ट्रोजन के स्तर को संतुलित रखने से स्तन कैंसर की संभावना को कम किया जा सकता है। वहीं एस्ट्रोजन के बढ़ते स्तर के कारण स्तन कैंसर की संभावना बढ़ सकती है, इसलिए इसे संतुलित स्तर पर रखना महत्वपूर्ण होता है।

निष्कर्ष

संक्षेप में कहा जाए तो एस्ट्रोजेन के संतुलित स्तर को बनाए रखना स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से यह महिलाओं के लिए बहुत ज्यादा आवश्यक है। एस्ट्रोजन शरीर के विभिन्न कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जैसे प्रजनन स्वास्थ्य, हड्डी, हृदय, और मानसिक स्वास्थ्य। आपको व्यक्तिगत मार्गदर्शन के लिए एक अच्छे डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। 

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

एस्ट्रोजन स्तर कम होने पर क्या होता है?

कम एस्ट्रोजन स्तर से शरीर में अधिक गर्मी, मूड स्विंग, योनि का सूखापन, और ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

क्या एस्ट्रोजन स्तर अधिक हो सकता है?

हां, अधिक एस्ट्रोजन स्तर से स्तन कैंसर और रक्त के थक्के जैसी कुछ स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं।

क्या मैं एस्ट्रोजन स्तर को प्राकृतिक रूप से संतुलित कर सकती हूँ?

स्वस्थ जीवन शैली जैसे नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, और तनाव प्रबंधन से एस्ट्रोजन के स्तर को संतुलित करने में मदद मिल सकती है।