गले में दर्द का कारण, लक्षण और उपचार (Gale Mein Dard)
गले में दर्द बैक्टीरिया और वायरस के कारण होता है। गले में दर्द सामान्य समस्याओं के साथ-साथ कुछ गंभीर बीमारियों के कारण भी हो सकता है। मौसम बदलने पर गले में गई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं। गले में दर्द होना उनमें सबसे सामान्य है।
गले में दर्द के अनेक लक्षण होते हैं। इसका इलाज कई तरह से किया जा सकता है। अगर गले में दर्द का कारण सर्दी, जुकाम या कोई सामान्य समस्या है तो उसका उपचार घरेलू नुस्खों और दवाओं से किया जा सकता है।
गले में तेज दर्द या गले में लंबे समय से हो रहे दर्द को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ऐसी स्थिति में जल्द से जल्द एक ईएनटी डॉक्टर से मिलकर गले में दर्द के सटीक कारण का पता लगाकर उसका उचित इलाज कराना चाहिए।
अगर आपके गले में दर्द की शिकायत रहती है तो यह ब्लॉग आपके लिए महत्वपूर्ण है। आइए इस ब्लॉग में हम Gale Me Dard के कारण, लक्षण और उपचार के बारे में विस्तारपूर्वक जानने की कोशिश करते हैं।
गले में दर्द से संबंधित कुछ मुख्य बिंदुएं:-
- बच्चों में गले में दर्द का खतरा अधिक होता है
- धूम्रपान करने से गले में दर्द का खतरा होता है
- साइनस संक्रमण गले में दर्द का कारण बन सकता है
- धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के संपर्क में आने से गले में दर्द हो सकता है
- जिसकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है उसे गले में दर्द होने का खतरा अधिक होता है।
- अस्पताल, स्कुल या ऑफिस जैसी जगहों में वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण आसानी से फैल सकते हैं जो आगे गले में दर्द का कारण बन सकते हैं।
- जिस व्यक्ति को मौसमी एलर्जी और धूल या फफूंदी से एलर्जी होती है उन्हें गले में दर्द होने की संभावना अधिक होती है।
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गले में दर्द के प्रकार (Types of Sore Throat)
गले में दर्द को मुख्य रूप से तीन भागों में विभजित किया गया है। आमतौर पर गले में दर्द को उसके प्रभावित हिस्से के आधार पर निर्धारित किया जाता है।
गले में दर्द के तीन प्रकार निम्न हैं:-
- फेरिंजाइटिस:- यह मुंह के पीछे वाले गले के क्षेत्र में होता है।
- टॉन्सिलाइटिस:- इस स्थिति में गले के टॉन्सिल में सूजन हो जाती है।
- लैरिंजाइटिस:- इससे पीड़ित होने पर गले की कंठनली में सूजन और लालिमा आ जाती है।
डॉक्टर लक्षणों के आधार पर जांच करने का सुझाव देते हैं। जांच की मदद से डॉक्टर गले में दर्द के सटीक कारण की पुष्टि करते हैं। उसके बाद, गले में दर्द का उपचार शुरू होता है।
गले में दर्द के लक्षण (Throat Pain Symptoms)
गले में दर्द के कई लक्षण हो सकते हैं। आमतौर पर गले में दर्द का लक्षण उसके कारण पर निर्भर करता है। गले में दर्द के कारण के आधार पर, गले में दर्द के लक्षण में बदलाव आ सकता है।
गले में दर्द के मुख्य लक्षणों में गले में खुजली, गले में खराश, खान-पान की चीजों को निगलने में दर्द, बोलते समय गले में दर्द और गले का सुखना आदि शामिल हैं।
इन सबके अलावा भी गले में दर्द के दूसरे कई लक्षण हो सकते हैं जैसे कि:-
- गले में खराश होना
- गले में सनसनी होना
- टॉन्सिल में सूजन होना
- आवाज में कर्कशता होना
- आवाज धीमी होना
- बार-बार छींक आना
- खांसी होना
- लालिमा होना
- सांस लेने में दिक्कत होना
- दर्द के कारण बुखार आना
- कान के निचले हिस्से में दर्द होना
- गर्दन की ग्रंथियों में सूजन और दर्द होना
अगर आप गले में दर्द के साथ-साथ ऊपर दिए गए लक्षणों को भी अनुभव करते हैं तो आपको तुरंत एक ईएनटी विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
गले में दर्द के कारण – Sore Throat Causes
गले में दर्द कई कारणों से होता है। आमतौर पर गले में दर्द का कारण सर्दी, जुकाम और फ्लू वाले वायरस होते हैं। कुछ मामलों में गले में दर्द का कारण बैक्टीरिया भी हो सकता है, हालांकि, यह काफी कम मामलों में देखने को मिलता है।
गले में दर्द के निम्न कारण हो सकते हैं:-
- खसरा
- चिकन पॉक्स
- क्रुप
- मोनोन्यूक्लिओसिस
- स्ट्रेप थ्रोट
- काली खांसी
- डिप्थीरिया
- धूल या धुंआ की एलर्जी
- शुष्क हवा के कारण गले में सूखापन
- तंबाकू, केमिकल या प्रदुषण के संपर्क में आना
- मांसपेशियों में खिंचाव
- गर्ड विकार होना
ऊपर दिए गए कारणों के अलावा एचआईवी संक्रमण और गले, जुबान या कंठनली में किसी प्रकार का कैंसर भी गर्दन में दर्द का कारण हो सकता है।
गले में दर्द से बचाव के तरीके – Prevention of Sore Throat
गले में दर्द का बचाव कर इस समस्या से आसानी से बचा जा सकता है। गले में दर्द अधिकतर मामलों में वायरस या बैक्टीरिया के कारण होता है। साफ-सफाई पर खास ध्यान देकर गले में दर्द होने के खतरे / संभावना को कम किया जा सकते है।
अगर आप खुद को गले में दर्द से बचाना चाहते हैं तो निम्न बातों का पालन कर सकते हैं:-
- कुछ भी काम करने के बाद और खाना खाने से पहले हाथों को अच्छी तरह धोएं
- खान-पान की चीजें और बर्तनों को एक दूसरे के साथ शाझा न करें
- खांसते या छींकते समय मुंह को रूमाल या टिश्यू से ढक दें
- साबुन, हैंड वॉश और ऐल्कोहॉल वाले सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें
- अगर कोई व्यक्ति बीमार है तो उसके करीब जाने से बचें
- घर से बाहर निकलते और यात्रा करते समय मास्क पहनना न भूलें
- नशीली चीजें जैसे कि शराब, सिगरेट आदि का सेवन न करें
- सार्वजनिक फोन, पानी पीने का नल और एस्केलेटर का हैंड रेल आदि को छूने से बचें
- घर में इस्तेमाल की जाने वाली चीजें जैसे कि टीवी रिमोट, टेलीफोन आदि को सैनिटाइजर से साफ करें
- इन सब की मदद से आप खुद को और अपने घर वालों को गले में दर्द के खतरे से बचा सकते हैं।
गले में दर्द का परीक्षण – Diagnosis of Sore Throat
गले में दर्द का परीक्षण करके डॉक्टर इसके सटीक कारण का पता लगाते हैं। गले में दद का निदान करने के लिए डॉक्टर सबसे पहले आपके लक्षणों के बारे में कुछ प्रश्न पूछते हैं। टोर्च की मदद से आपके गले के अंदर देखकर सूजन, लालिमा की पुष्टि करते हैं।
आपके गर्दन के अंदर दोनों तरफ देखकर डॉक्टर इस बात का पता लगाते हैं कि आपकी ग्रंथियों में सूजन है या नहीं। स्ट्रेप थ्रोट की समस्या होने पर डॉक्टर थ्रोट कल्चर टेस्ट करने का सुझाव देते हैं। इस जांच के दौरान डॉक्टर गले के पिछले हिस्से में स्वैब की मदद से सैम्पल लेकर उसमें बैक्टीरिया की मौजूदगी की जांच करते हैं।
गले में दर्द का जांच करने के लिए डॉक्टर दूसरे भी अनेक जांच कर सकते हैं और यह काफी हद तक आपके गले में दर्द की गंभीरता पर निर्भर करता है। जांच के परिणाम आने के बाद डॉक्टर इलाज के प्रकार का चयन कर गले में दर्द का उपचार शुरू करते हैं।
गले के दर्द को ठीक करने के लिए उपचार/इलाज – Sore Throat Treatment
गले में दर्द का उपचार कई तरह से किया है। गले में दर्द का उपचार पूर्ण रूप से इसके कारण और गंभीरता पर निर्भर करता है। अगर गले में दर्द का कारण वायरल संक्रमण है तो इसके उपचार की जरूरत नहीं पड़ती है, क्योंकि आमतौर पर यह 4-8 दिनों के अंदर अपने आप ही ठीक हो जाता है।
अगर गले में दर्द का कारण वैक्टीरिया है तो इसका उपचार करने के लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक्स दवाएं निर्धारित करते हैं। कुछ मामलों में आप गले के दर्द का उपचार करने के लिए ओवर-द-काउंटर दवाओं का भी सेवन कर सकते हैं।
बच्चों में गले में दर्द होने पर डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाओं का ही सेवन करना चाहिए। बच्चों में गले में दर्द होने पर बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी दवा का सेवन करना नुकसानदायक साबित हो सकता है।
गले में दर्द का कारण गंभीर बीमारी जैसे कि टॉन्सिलाइटिस या साइनोसिएट होने पर डॉक्टर सर्जरी का सहारा भी ले सकते हैं। अंतत गले में दर्द का उपचार इसके कारणों पर निर्भर करता है।
गले में दर्द में परहेज़ – इन् चीजों को डाइट शामिल ना करे
गले में दर्द होने पर आपको कुछ चीजों को नहीं खाना चाहिए। अगर आपके गले में दर्द है तो आपको निम्न चीजों से परहेज करना चाहिए:-
- चिप्स
- टोस्ट
- कुरकुरे
- अखरोट
- कच्ची सब्जियां
- मिर्च
- जायफल
- गर्म सॉस
- शराब
- सिगरेट
- गुटखा
- तंबाकू
- कोल्ड ड्रिंक्स
- टमाटर का रस और चटनी
- मसालेदार और अधिक नमकीन चीजें
- खट्टे फल और उनका रस जैसे कि संतरा या उसका जूस आदि
ऊपर दि गई खान-पान की चीजों का सेवन गले में दर्द की समस्या को और बदतर बना सकता है। इसलिए गले में दर्द होने पर इन सबसे परहेज करना चाहिए।
गले में दर्द में क्या खाना चाहिए – What to eat if you have Sore Throat?
गले में दर्द होने पर आप खान-पान की कुछ चीजों को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। ये सभी गले में दर्द को कम करने में काफी फायदेमंद साबित होते हैं।
- चिकन सूप
- दूध में हल्दी
- शहद
- अदरक
- चाय
- दही
- तले हुए अंडे
- अनार का रस
- केला
- सेज (एक प्रकार की जड़ी)
- जमी हुई खान-पान की चीजें
- आलू, गाजर और गोभी की अच्छी तरह पकाई गई सब्जियां
निष्कर्ष
मौसम बदलने पर सर्दी-जुकाम के साथ गले में दर्द होना स्वाभाविक है। अगर इसका कारण एलर्जी या कोई सामान्य समस्या है तो यह बिना उपचार के कुछ दिनों के अंदर अपने आप ही ठीक हो जाता है।
गले में दर्द का घरेलू इलाज/उपचार भी किया जा सकता है, लेकिन अगर गले में दर्द का कारण कोई गंभीर समस्या या बीमारी है या यह लंबे समय से है तो इस स्थिति में ईएनटी डॉक्टर से मिलकर गले के दर्द का उचित जांच और इलाज कराना आवश्यक है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
गले में बहुत ज्यादा दर्द हो तो क्या करें?
गले में बहुत तेज दर्द किसी गंभीर समस्या की ओर इशारा हो सकता है। इसलिए इस स्थिति में आपको जल्द से जल्द एक ईएनटी डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।