सर्वाइकल (गर्भाशय ग्रीवा) कैंसर क्या है – कारण, लक्षण, जांच और इलाज (Cervical Cancer in Hindi)
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सर्वाइकल (गर्भाशय ग्रीवा) कैंसर क्या है – Cervical Cancer in Hindi
जब शरीर की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं तो कैंसर का जन्म होता है। कैंसर का नाम हमेशा उस हिस्से के आधार पर तय किया जाता है जहाँ वह शुरू होता है – भले ही बाद में वह शरीर के दूसरे हिस्सों में फैलता हो।
जब कैंसर गर्भाशय ग्रीवा में होता है तो उसे सर्वाइकल कैंसर या गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर कहते हैं। गर्भाशय ग्रीवा को अंग्रेजी में सर्विक्स कहते हैं। यह योनि को गर्भाशय के ऊपरी भाग से जोड़ता है।
दुनियाभर में महिलाओं में होने वाले कैंसर में सर्वाइकल कैंसर सबसे आम प्रकार का कैंसर है। शोध के मुताबिक, यह कैंसर मध्य जीवन में अधिक होता है। लगभग आधी महिलाएं जिनमें सर्वाइकल कैंसर का निदान किया गया है – उनकी उम्र 35-55 वर्ष के बीच है।
सर्वाइकल (गर्भाशय ग्रीवा) कैंसर के प्रकार (Types of Cervical Cancer in Hindi)
जांच की मदद से सर्वाइकल कैंसर के प्रकार की पुष्टि करने में मदद मिलती है। कैंसर के प्रकार और गंभीरता के आधार पर डॉक्टर उपचार, उसकी तकनीक और पद्धति का चयन करते हैं। सर्वाइकल कैंसर के मुख्यत दो प्रकार होते हैं:
- स्क्वॉमस सेल कैंसर
- ग्रंथिकर्कटता या एडिनोकार्सिनोमा
गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइकल) कैंसर के चरण (Stages of Cervical Cancer in Hindi)
टेस्ट के परिणाम के आधार पर यह तय किया जाता है कि सर्वाइकल कैंसर किस स्टेज में है। स्टेज से डॉक्टर को यह समझने में मदद मिलती हैं कि कैंसर किस हद तक फैला है। सर्वाइकल कैंसर के निम्न स्टेज हैं:
- स्टेज 0 – इस दौरान, सर्विक्स में कैंसरयुक्त कोशिकाएं नहीं होती हैं, लेकिन कुछ जैविक परिवर्तन हो चुके होते हैं जिससे भविष्य में कैंसर होने का खतरा होता है। इसे कार्सिनोमा इन सीटू या सर्वाइकल इंट्राएपिथेलियल नियोप्लाजिया कहते हैं।
- स्टेज 1 – इस स्थिति में कैंसर सर्विक्स में ही मौजूद होता है।
- स्टेज 2 – कैंसर सर्विक्स के आसपास के उत्तकों में फ़ैल जाता है। लेकिन श्रोणि की लाइनिंग (परत) या योनि के निचले भाग तक नहीं पहुंचा होता है।
- स्टेज 3 – कैंसर योनि के निचले हिस्से और या श्रोणि की लाइनिंग तक पहुँच चुका होता है।
- स्टेज 4 – कैंसर आँतों, मूत्राशय या अन्य अंगों जैसे कि फेफड़ों तक पहुँच जाता है।
सर्वाइकल (गर्भाशय ग्रीवा) कैंसर के कारण (Causes of Cervical Cancer in Hindi)
जब कोशिकाएं असामान्य होकर अनियंत्रित रूप से विभाजित होने और बढ़ने लगती हैं तो कैंसर की समस्या पैदा होती है। सामान्य कोशिकाएं एक निर्धारित समय के बाद मर जाती हैं, लेकिन असामान्य कोशिकाएं मरती नहीं हैं और समय के साथ विभाजित होती रहती हैं।
जब असामान्य कोशिकाएं एक जगह एकत्रित होती हैं तो ट्यूमर बनता है। सर्विक्स में असामान्य कोशिकाओं के बनने की स्थिति को सर्वाइकल कैंसर कहते हैं। हालाँकि, कुछ ऐसे कारक हैं जो सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं। इसमें शामिल हैं:
- ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) से ग्रसित होना
- असुरक्षित यौन संबंध बनाना
- सिगरेट का सेवन करना
- प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होना
- लंबे समय तक तनाव से ग्रस्त होना
- बहुत छोटी उम्र में गर्भधारण करना
- लंबे समय तक गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन करना
- बार-बार गर्भधारण करना (आमतौर पर तीन से ज्यादा बच्चों को जन्म देना)
- यौन संचारित बीमारियां जैसे कि क्लैमाइडिया, सुजाक या उपदंश से पीड़ित होना
सर्वाइकल (गर्भाशय ग्रीवा) कैंसर के लक्षण (Symptoms of Cervical Cancer in Hindi)
आमतौर पर सर्वाइकल कैंसर की शुरुआत में इसके लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। लेकिन जैसे-जैसे यह गंभीर रूप लेता है – लक्षण दिखाई देने शुरू हो जाते हैं। सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:
- योनि से असामान्य ब्लीडिंग होना
- योनि से अनियमित ब्लीडिंग होना
- संभोग के दौरान दर्द महसूस होना
इन सबके अलावा, सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित महिला खुद में दूसरे भी लक्षणों को अनुभव कर सकती है। अगर आप खुद में नीचे दिए गए लक्षणों को अनुभव करती हैं तो आपको तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए:
- योनि से असामान्य ब्लीडिंग (खासकर दो नियमित पीरियड्स के बीच)
- संभोग के बाद योनि से खून आना
- संभोग के समय योनि में तेज दर्द होना
- पेशाब के दौरान तेज दर्द अनुभव होना
- पेल्विक दर्द जो पीरियड से संबंधित नहीं है
- पेल्विक एक्ज़ाम या मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग होना
- योनि से भारी या असामान्य रक्तस्राव होना (यह पानी जैसा या गाढ़ा हो सकता है और इससे तेज बदबू आती है)
हालाँकि, ये लक्षण स्वास्थ्य संबंधित दूसरी समस्याओं के कारण भी हो सकते हैं। समय पर उचित जांच और उपचार से सर्वाइकल कैंसर को दूर किया जा सकता है।
सर्वाइकल (गर्भाशय ग्रीवा) कैंसर की जांच कैसे करे (Diagnosis of Cervical Cancer in Hindi)
सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती स्टेज में इसका निदान होने पर उपचार के सफल होने की संभावना अधिक होती है। इस बीमारी का निदान करने के लिए डॉक्टर आमतौर पर कुछ जांचों का सुझाव देते हैं।
एचपीवी डीएनए टेस्टिंग के दौरान, इस बात की पुष्टि की जाती है कि महिला किसी प्रकार के एचपीवी संक्रमण से ग्रसित तो नहीं है। इस दौरान, सर्विक्स की कोशिकाओं को जमा करके प्रयोगशाला में जाँच के लिए भेजा जाता है।
अगर कोई महिला खुद में सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों को अनुभव करती है या पैप स्मीयर टेस्ट में असामान्य कोशिकाएं दिखती हैं तो अन्य जांच का सुझाव दिया जाता है जिनमें निम्न शामिल हो सकते हैं:
- बायोप्सी
- कॉल्पोस्कोपी
- कोन बायोप्सी
- एलएलईटीजेड
- ब्लड टेस्ट
- सीटी स्कैन
- एमआरआई
- पेल्विक अल्ट्रासाउंड
- एनेस्थीसिया के प्रभाव में योनि और सर्विक्स की जाँच
गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइकल) कैंसर का इलाज (Treatment For Cervical Cancer in Hindi)
सर्वाइकल कैंसर का उपचार मुख्यतः चार तरह से किया जा सकता है जिसमें सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी, कीमोथेरेपी और टार्गेटेड थेरेपी शामिल हैं। हालांकि, कुछ मामलों में कैंसर की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए इन उपचारों में से दो या अधिक को एक साथ किया जा सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. सर्वाइकल कैंसर का सबसे प्रमुख कारण क्या है?
सर्वाइकल कैंसर के प्रमुख कारणों में ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी), सिगरेट का सेवन, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली, गंभीर तनाव, छोटी उम्र में गर्भधारण करना और यौन संचारित बीमारियां शामिल हैं। हालांकि, इसके अन्य कारण भी हो सकते हैं।