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वल्वा का कैंसर क्या है: कारण, लक्षण और इलाज (Vulvar Cancer in Hindi)

vulvar cancer
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वल्वा का कैंसर क्या है – What is Vulvar Cancer in Hindi

वल्वा कैंसर को वल्वर कैंसर (Vulvar Cancer in Hindi) भी कहते हैं। यह महिला जननांग के सबसे बाहरी सतह को प्रभावित करता है जो मूत्रमार्ग और योनि को घेरती है जिसमें लेबिया और क्लिटोरिस शामिल हैं।

जननांग का सबसे बाहरी हिस्सा प्रजनन अंगों की रक्षा करता है। आसान भाषा में कहें तो, जननांग का बाहरी हिस्सा महिला की प्रजनन अंगों के लिए रक्षा कवच है। वल्वा कैंसर छोटी गांठ या घाव जैसा दिख सकता है।

साथ ही, उसमें तेज खुजली भी हो सकती है। हालांकि, वल्वा कैंसर एक सामान्य प्रकार का कैंसर नहीं है, लेकिन शुरुआती चरण में इसका उचित निदान करके और प्रभावशाली उपचार किया जा सकता है।

वल्वा कैंसर के प्रकार – Types of Vulvar Cancer in Hindi

वल्वा कैंसर को पांच भागों में बांटा गया है जिसमें निम्न शामिल हैं:

  1. स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा: यह त्वचा यानी स्किन की सबसे बाहरी परत पर होने वाला कैंसर है। स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा को इसकी शुरुआत में समझना बेहद मुश्किल है।
  2. वेरुकस कार्सिनोमा: यह स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा का ही प्रकार है जो एक मस्से की तरह धीरे-धीरे विकसित होता है।
  3. एडेनोकार्सिनोमा: जब शरीर में बलगम (Mucus) बनाने वाली ग्रंथियां (Glands) सेल का निर्माण करने लगती हैं तो इस स्थिति को एडेनोकार्सिनोमा का नाम दिया जाता है।
  4. सारकोमा: जब उत्तक एक-दूसरे से जुड़ने लगते हैं तो वहां बनने वाले ट्यूमर को सारकोमा कहते हैं। इसे दुर्लभ कैंसर माना जाता है।
  5. वलवर मेलेनोमा: उम्र अधिक होने पर वलवर मेलेनोमा शरीर के दूसरे अंगों में भी हो सकता है। इस स्थिति को मेटास्टेसिस कहते हैं।

वल्वा का कैंसर क्यों होता है – Causes of Vulvar Cancer in Hindi

शरीर में मौजूद कोशिकाएं जब तेजी से बढ़ने लगती हैं तो गांठ या ट्यूमर का निर्माण होने लगता है। हालांकि, सभी गांठ या ट्यूमर कैंसर का कारण नहीं बनते हैं। लेकिन कुछ कारणों से यह कैंसर का रूप धारण भी कर सकते हैं। यहीं से वल्वा कैंसर या दूसरे कैंसर की शुरुआत होती है।

वल्वा कैंसर अनेक कारणों से हो सकता है। इसके मुख्य कारणों में निम्न शमिल हो सकते हैं:

  • महिला की उम्र 70 से अधिक होना
  • एचआईवी या एड्स से पीड़ित होना
  • परिवार में मेलेनोमा का इतिहास होना
  • वेजाइनल कैंसर या सर्वाइकल कैंसर होना
  • ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) होना
  • मेलेनोमा या असामान्य तिल (mole) होना
  • लाइकेन स्क्लेरोसस यानी त्वचा संबंधित परेशानी होना
  • सिगरेट का सेवन करना (एचपीवी के साथ सिगरेट का सेवन अधिक हानिकारक होता है)

ऊपर दिए कारणों के अलावा, अन्य कारणों से भी वल्वा कैंसर की समस्या पैदा हो सकती है। हालांकि, ऊपर दिए कारणों को ध्यान में रखकर आप इसके खतरे को कम कर सकती हैं।

वल्वा के कैंसर के लक्षण क्या हैं – Symptoms of Vulvar Cancer in Hindi

वल्वा कैंसर के अनेक लक्षण होते हैं। इससे ग्रसित होने पर आप खुद में निम्न लक्षणों को अनुभव कर सकती हैं:

  • जननांग क्षेत्र में खुजली होना
  • अत्यधिक दर्द होना
  • त्वचा के रंग में बदलाव आना
  • वेजाइनल लिप्स पर गांठ या खुजली होना
  • टॉयलेट के दौरान दर्द महसूस करना
  • योनि से रक्त स्राव होना (यह माहवारी की ब्लीडिंग नहीं होती है)

वल्वा कैंसर अनेक प्रकार के होते हैं, इसलिए उनके लक्षण भी अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ मामलों में इनके लक्षण समझ में भी नहीं आते हैं। यही कारण है कि डॉक्टर महिलाओं को अपने स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहने की सलाह देते हैं।

वल्वा के कैंसर का इलाज कैसे होता है – Treatment of Vulvar Cancer in Hindi

वल्वा कैंसर का उपचार करने के लिए अनेक तरीके मौजूद हैं। इस बीमारी के कारण, लक्षण, प्रकार और मरीज की उम्र एवं समग्र स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर उपचार के प्रकार का चयन करते हैं।

वल्वा कैंसर का इलाज करने के लिए डॉक्टर निम्न का इस्तेमाल कर सकते हैं:

  1. सर्जरी: मुख्य रूप से वल्वा कैंसर का इलाज सर्जरी से किया जाता है। सर्जरी के दौरान, कैंसरयुक्त ट्यूमर को बाहर निकाल दिया जाता है। वल्वा कैंसर की सर्जरी को अलग-अलग तरह से किया जा सकता है जैसे कि:
    • लेजर सर्जरी: इस प्रक्रिया में लेजर बीम का इस्तेमाल करके ट्यूमर को हटाया जाता है।
    • एक्सीजन: इस दौरान, कैंसरयुक्त ट्यूमर को हटाने के साथ-साथ कुछ कैंसर रहित सेल्स को भी काटकर हटा दिया जाता है।
    • स्कीनिंग वल्वेकटॉमी: इस प्रक्रिया में त्वचा की सबसे ऊपरी सतह को हटाया जाता है जहां कैंसर बनना शुरु होता है।
    • रेडिकल वल्वेकटॉमी: इस प्रक्रिया के दौरान, वल्वा को हटा दिया जाता है।
    • रेडिएशन थेरेपी: कुछ मामलों में वल्वा कैंसर का उपचार करने के लिए डॉक्टर रेडिएशन थेरेपी का उपयोग कर सकते हैं। कैंसर की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए रेडिएशन थेरेपी के एक से ज्यादा सेशन की आवश्यकता हो सकते हैं।
  2. कीमोथेरेपी: वल्वा कैंसर का इलाज करने के लिए डॉक्टर कीमोथेरेपी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। कुछ मामलों में कैंसर उपचार के दौरान कीमोथेरेपी के साथ-साथ रेडिएशन थेरेपी की भी मदद ली जा सकती है।
  3. बायोलॉजिक थेरेपी: बायोलॉजिक थेरेपी की मदद से वल्वा कैंसर का उपचार किया जा सकता है। मुख्य रूप से इस प्रक्रिया का इस्तेमाल कैंसर या अन्य संक्रामक बिमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है।

वल्वा कैंसर का उपचार करने के लिए डॉक्टर किस विधि का चयन करते हैं, यह पूरी तरह से वल्वा कैंसर के कारण, प्रकार, गंभीरता और आपकी उम्र एवं समग्र स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।

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