कान में कई तरह की समस्याएं होती हैं, कान में दर्द होना भी उन्हीं में से एक है। आमतौर पर कान में दर्द के साथ-साथ भारीपन की समस्या होती है। अगर आप भी कान में दर्द से परेशान रहते हैं तो यह ब्लॉग आपके लिए है।
इस ब्लॉग में हम कान में दर्द क्यों होता है, कान दर्द के क्या लक्षण होते हैं और कान में दर्द का घरेलू उपाय क्या है आदि के बारे में विस्तार से बात करेंगे।
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कान का दर्द कान से शुरू होकर धीरे-धीरे मुंह, गले और सिर तक भी जा सकता है। कान में दर्द कई कारणों से होता है।
कान दर्द के कारण मरीज का सोना, एक जगह चैन से बैठना या दैनिक जीवन के किसी भी काम को करना मुश्किल हो जाता है। कान के दर्द का इलाज इसके कारण और गंभीरता पर निर्भर करता है।
कान दर्द का इलाज करने से पहले डॉक्टर मरीज से उसके लक्षणों के बारे में पूछते हैं और कुछ सामान्य जांच करते हैं। उसके बाद, जांच के परिणाम के आधार पर उपचार प्रक्रिया को शुरू करते हैं।
कान में दर्द का सबसे बड़ा लक्षण खुद ‘दर्द’ है। इसके अलावा आप दूसरे भी लक्षण अनुभव कर सकते हैं।
अगर आप नीचे दिए गए कान में दर्द के लक्षणों को खुद में अनुभव करते हैं तो आपको जल्द से जल्द एक विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
कान में दर्द के साथ-साथ भारीपन भी महसूस हो सकता है। कान दर्द से पीड़ित मरीज में अक्सर कान में भारीपन की समस्या देखी जाती है।
कान शरीर के मुख्य अंगों में से एक है। जब किसी कारण से कान में दर्द होता है तो मरीज को आवाज साफ-साफ सुनाई नहीं देती है जिसके कारण उन्हें बेचैनी और घबराहट महसूस हो सकती है।
लंबे समय तक कान में दर्द रहने के कारण सुनने की क्षमता प्रभवित होती है। नतीजतन, मरीज को कम सुनाई देने लगता है। इस स्थिति में मरीज को जल्द से जल्द कान के विशेषज्ञ डॉक्टर से मिलकर इस बारे में बात करनी चाहिए।
कान में दर्द होने के कारण अक्सर कान से द्रव का स्राव यानी डिस्चार्ज देखने को मिलता है। अगर इस डिस्चार्ज को लंबे समय तक नजरअंदाज किया गया तो आगे कान में इंफ्केशन होने का खतरा बढ़ सकता है।
जी मिचलाना कान में दर्द के लक्षणों में से एक है। कुछ मामलों में जी मिचलाना किसी गंभीर समस्या की और इशारा कर सकता है।
अगर आप ऊपर दिए गए लक्षणों को खुद में अनुभव करते हैं तो बिना देरी किए एक अनुभवी और विशेषज्ञ डॉक्टर से अपने कान का जांच और इलाज कराना चाहिए ताकि आगे होने वाली जटिलताओं की संभावना को कम या ख़त्म किया जा सके।
कान में दर्द कई कारणों से होता है। अगर कान का दर्द के कारण बारे में पहले से पता हो तो कुछ सावधानियां बरतकर कान में दर्द के खतरे को कम किया या रोका जा सकता है।
निम्न कान में दर्द होने का कारण हो सकते हैं:-
आमतौर पर हम अपने शरीर के सभी अंगों की साफ-सफाई का खास ध्यान रखते हैं, लेकिन जब बात कान की आती है तो हम पीछे छूट जाते हैं।
नियमित रूप से कान की सफाई नहीं करने से कान में मैल जमा हो जाता है जिसके कारण कान में दर्द हो सकता है।
साइनस से पीड़ित मरीज को कान में दर्द होने का खतरा अधिक होता है। साइनस से पीड़ित मरीज को कान में दर्द होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।
कई बार कान का पर्दा कान में दर्द का कारण बन सकता है। कान के पर्दे में चोट लगने, कान का पर्दा फटने या दूसरी किसी बीमारी या समस्या होने पर कान में दर्द की शिकायत हो सकती है।
कान में दर्द का कारण कान में पनपा फुंसी भी हो सकता है। फुंसी कई कारणों से हो सकता है।
अगर कान में दर्द का कारण फुंसी है तो जल्द से जल्द इसका उपचार कराना चाहिए ताकि भविष्य में होने वाली जटिलताओं का खतरा कम किया जा सके।
अक्सर नहाते समय कान में पानी या शैम्पू चला जाता है। कान में दर्द के सामान्य कारणों में नहाते समय कान में पानी या शैम्पू जाना भी शामिल है।
इससे बचने के लिए आप नहाते समय अपने कान में कॉटन डाल सकते हैं।
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गले में खराश होने पर व्यक्ति को कान में दर्द हो सकता है। गले में खराश का मुख्य कारण सर्दी और जुकाम होता है।
इन सबके अलावा अन्य कारणों से भी कान में दर्द हो सकता है जैसे कि दांत या जबड़े में दर्द होना आदि।
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कुछ सावधानियां बरतकर कान के दर्द से बचा जा सकता है। हम आपको नीचे कान दर्द से बचने के कुछ ख़ास उपायों के बारे में बता रहे हैं।
साथ ही, कान दर्द के रोगी को ठंडी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे साइनस या सर्दी हो सकती है जो आगे कान दर्द का कारण बन सकता है।
कान का दर्द घरेलू उपचार से दूर किया जा सकता है। लेकिन अगर इसका कारण कोई गंभीर मेडिकल स्थति है तो फिर डॉक्टर कान दर्द का इलाज करने के लिए दवाओं या सर्जरी आदि का सहारा लेते हैं। आपके कान के दर्द का इलाज बेस्ट तरीके से कैसे किया जा सकता है, यह जांच के बाद ही डॉक्टर पता लगा पाते हैं।
अगर आपके कण के दर्द का कारण कोई सामान्य समस्या है तो डॉक्टर से परामर्श करने के बाद आप निम्न कान का दर्द घरेलू उपचार की मदद ले सकते हैं।
इन सबके अलावा भी कान में दर्द का घरेलू उपचार करने के अनेक उपाय मौजूद हैं जिसमें निम्न का इस्तेमाल शामिल हो सकता है:-
साथ ही आप, कान दर्द का तुरंत इलाज करने के लिए निम्न का भी कर सकते हैं:
ध्यान रहे कि डॉक्टर से परामर्श करने के बाद ही आप कान में दर्द का उपचार करने के लिए ऊपर दिए गए घरेले नुस्खों का इस्तेमाल करें। बिना डॉक्टर की सलाह के कान में किसी भी तरह के पदार्थ को डालना खतरनाक साबित हो सकता है।
अगर आप कान दर्द का तुरंत इलाज पाना चाहते हैं तो सीके बिरला हॉस्पिटल के विशेषज्ञ के साथ अपना अपॉइटमेंट बुक करें। अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए आप इस पेज के ऊपर दिए गए मोबाईल नंबर या बुक अपॉइंटमेंट फॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं।
अगर आपके कान में लंबे समय से दर्द है, कान का दर्द लगातार बढ़ रहा है, घरेलू नुस्खों से कोई फायदा नहीं हो रहा है या दर्द के कारण आपको बेचैनी और घबराहट हो रही है या आवाजें सुनाई नहीं दे रही हैं तो आपको बिना देरी किए जल्द से जल्द कान के विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
कान में कम सुनाई देना गंभीर समस्या की ओर इशारा हो सकते है। ऐसी स्थिति में जल्द से जल्द कान के विशेषज्ञ डॉक्टर से मिलकर अपने कान का उचित जांच और इलाज कराना चाहिए।
कान में भारीपन के कई कारण हो सकते हैं। कान में पानी, तेल, शैम्पू आदि चले जाने के कारण कान में भारीपन हो सकता है। कान में भारीपन के कारण कान और सिर में दर्द भी हो सकता है। इसलिए कान में भारीपन होने पर डॉक्टर से मिलने का सुझाव दिया जाता है।
कान के अधिकांश दर्द तीन दिनों के भीतर ठीक हो जाते हैं, हालांकि कभी-कभी लक्षण एक सप्ताह तक भी रह सकते हैं। यदि आपको या आपके बच्चे को उच्च तापमान है या आप अपनी सामान्य गतिविधियों को करने के लिए पर्याप्त अच्छा महसूस नहीं करते हैं, तो घर पर रहने की कोशिश करें और जब तक आप बेहतर महसूस न करें तब तक अन्य लोगों के संपर्क से बचें। साथ ही, अधिक परेशानी होने पर जल्द से जल्द विशेषज्ञ से परामर्श करें।
अगर कान में दर्द के साथ चक्कर आना, गंभीर सिरदर्द, कान के आसपास सूजन या चेहरे के एक तरफ चेहरे की मांसपेशियों का गिरना आदि अनुभव हो तो आपको जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जाना चाहिए। बच्चों में 104ºF (40 ºC) या इससे अधिक का लगातार बुखार इस बात का स्पष्ट संकेत है कि डॉक्टर से मिलने की आवश्यकता है।
चाय के पेड़ का तेल, अजवायन का तेल, तुलसी का तेल और लहसुन का तेल आदि विशेष रूप से कान के दर्द को कम करने के लिए जाने जाते हैं। आवश्यक तेल की कुछ बूंदों को जैतून के तेल की कुछ बूंदों के साथ मिलाकर सीधे कान के अंदर लगाने की कोशिश करें। लेकिन इन सबसे पहले डॉक्टर से एक अवश्य परामर्श करें। बिना डॉक्टर की जानकारी के कान में तेल डालने से आपकी परेशानियां और बढ़ सकती हैं।