हाइड्रोसील (Hydrocele in Hindi) पुरुषों को प्रभावित करने वाली एक सामान्य समस्या है। इससे पीड़ित पुरुष के अंडकोषों में पानी भर जाता है, जिसके कारण अंडकोष में सूजन आ जाती है।
हाइड्रोसील किसी भी पुरुष को हो सकता है, लेकिन अधिकतर मामलों में यह 40 से अधिक उम्र के पुरुषों में देखा जाता है।
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हाइड्रोसील पुरुष के अंडकोष में होने वाली एक आम समस्या है जिसमें अंडकोष में द्रव यानी पानी जमा हो जाता है। हाइड्रोसील के कारण अंडकोष का आकार बढ़ जाता है और उसमें दर्द भी हो सकता है।
डॉक्टर के मुताबिक, छोटे बच्चों को हाइड्रोसील हो सकता है, लेकिन यह कुछ समय के अंदर अपने आप ठीक हो जाता है। हालांकि, वयस्कों में उपचार की आवश्यकता होती है। हाइड्रोसील का उपचार करने के लिए अंडकोष में जमा पानी को बाहर निकाला जाता है।
हाइड्रोसील अंडकोष में चोट लगने, नसों में सूजन आने या स्वास्थ्य से संबंधित किसी प्रकार की समस्या, ज्यादा शारीरिक संबंध बनाने, हेवी एक्सरसाइज करने, भारी वजन उठाने या दूसरे अन्य कारणों से हो सकता है।
हाइड्रोसील दो प्रकार के होते हैं जिसमें पहला कम्युनिकेटिंग हाइड्रोसील और दूसरा नॉन कम्युनिकेटिंग हाइड्रोसील है।
इस तरह का हाइड्रोसील होने पर अंडकोष की थैली पूर्ण रूप से बंद नहीं होती है और इसमें सूजन एवं दर्द होता है। हर्निया से पीड़ित मरीज में कम्युनिकेटिंग हाइड्रोसील का खतरा अधिक होता है।
इस स्थिति में अंडकोष की थैली बंद होती है और बचा हुआ द्रव शरीर में जमा हो जाता है। इस प्रकार का हाइड्रोसील नवजात शिशुओं में अधिक देखने को मिलता है और कुछ समय के अंदर यह अपने आप ही ठीक हो जाता है।
हाइड्रोसील कई कारणों से होता है। हम आपको नीचे हाइड्रोसील के कुछ मुख्य कारणों के बारे में बता रहे हैं।
अधिकतर बच्चों में हाइड्रोसील की समस्या जन्म के समय से होती है। समय से पहले जन्मे बच्चों में इसका खतरा अधिक होता है। इसके अलावा, हाइड्रोसील के अन्य कारणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:-
हाइड्रोसील के अनेक लक्षण (Hydrocele Symptoms) होते हैं जिनकी मदद से आप या आपके डॉक्टर इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि आपको हाइड्रोसील है। हाइड्रोसील के निम्न लक्षण हो सकते हैं:-
अगर आप ऊपर दिए गए लक्षणों को खुद में अनुभव करते हैं या हाइड्रोसील से पीड़ित हैं तो आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
हाइड्रोसील का निदान करने के लिए डॉक्टर मरीज का शारीरिक परीक्षण करते हैं और साथ ही कुछ जांच करने का सुझाव देते हैं।
शारीरिक परीक्षण में निम्न शामिल हैं:-
हाइड्रोसील की जांच करने के लिए डॉक्टर खून और मूत्र परीक्षण एवं अल्ट्रासाउंड करने का सुझाव देते हैं।
इन जांचों की मदद से डॉक्टर यह निर्धारित करते हैं कि मरीज को एपिडिडीमाइटिस जैसा संक्रमण तो नहीं है।
अंडकोष में ट्यूमर और सूजन एवं हर्निया का पता लगाने के लिए डॉक्टर अल्ट्रासाउंड करने का सुझाव देते हैं।
हाइड्रोसील का इलाज (Hydrocele Ka Ilaj) कई तरह से किया जाता है। इसमें मुख्य रूप से एस्पिरेशन और सर्जरी शामिल हैं। हाइड्रोसील की सर्जरी को हाइड्रोसिलोक्टोमी के नाम से भी जाना जाता है।
एस्पिरेशन के दौरान, डॉक्टर इंजेक्शन की मदद से अंडकोष में जमे द्रव को बाहर निकाल देते हैं। यह प्रक्रिया खत्म होने के बाद, डॉक्टर छेद को बंद करने के लिए स्क्लिरोजिंग नामक दवा को इंजेक्ट करते हैं।
ऐसा करने से दोबारा हाइड्रोसील होने का खतरा कम हो जाता है। हाइड्रोसील की सर्जरी के दौरान, डॉक्टर स्क्रोटम में छोटा सा कट लगाकर अंदर जमा हुए द्रव को बाहर निकाल देते हैं।
हाइड्रोसील की सर्जरी को पूरा होने में लगभर 20-30 मिनट का समय लगता है। सर्जरी ख़त्म होने के कुछ ही घंटों के बाद मरीज को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाता है।
हाइड्रोसील की सर्जरी के बाद मरीज को पूर्ण रूप से ठीक होने में लगभग 3-6 दिनों का समय लगता है।
अधिकतर मामलों में हाइड्रोसील को रोका नहीं जा सकता है। लेकिन कुछ बातें हैं जिन पर ध्यान देकर इसके खतरे को कम किया जा सकते हैं, जैसे कि क्रिकेट या दूसरे खेल के दौरान सुरक्षात्मक गियर पहनना ताकि अंडकोष पर चोट न लगे।