कमर शरीर के मुख्य हिस्सों में से एक है। यह आपको चलने, दौड़ने, उठने, बैठने, सोने या दैनिक जीवन की दूसरी अनेको गतिविधियों को आसानी से पूरा करने में मदद करता है। जब किसी कारणवश कमर में दर्द (Back Pain in Hindi) होता है तो उन गतिविधियों को करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
कमर दर्द, विशेष रूप से कमर के निचले हिस्से में दर्द (lower back pain) बहुत आम है। यह आमतौर पर कुछ हफ्तों के भीतर ठीक हो जाता है, लेकिन कभी-कभी यह लंबे समय तक बना रह सकता है या वापस आ सकता है। आज से कुछ साल पहले, कमर दर्द या पीठ दर्द केवल बुजुर्गों को ही परेशान करता था, लेकिन वर्तमान में यह समस्या नौ-जवानों में भी देखने को मिलती है।
जिसका मुख्य कारण निष्क्रिय जीवनशैली, कार्य संस्कृति (Work Culture), नौकरी की मांग और पोषण की कमी के कारण आज यह समस्या युवाओं में अधिक देखने को मिल रही है जिसमें लड़के और लड़कियां दोनों शामिल हैं।
कमर में दर्द (Kamar Ke Nichle Hisse Me Dard Hona) होना एक आम समस्या है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कमर दर्द का कारण कोइ गंभीर बीमारी नहीं है तो इसे कुछ ख़ास घरेलू नुस्खों की मदद से आसानी से दूर किया जा सकता है।
Table of Contents
कमर दर्द या पीठ के निचले हिस्से में दर्द (back bone pain in hindi) दुनिया भर में एक बहुत ही आम स्वास्थ्य समस्या है।यह समस्या इतनी ज्यादा आम है कि यह 80% वयस्कों को उनके जीवन में कभी न कभी प्रभावित करती है। पीठ दर्द या पीठ के निचले भाग में दर्द (lower back pain) कई कारणों से हो सकता है, जैसे मांसपेशियों में खिंचाव, लिगामेंट पर मोच, हर्नियेटेड डिस्क, गठिया और ऑस्टियोपोरोसिस शामिल हैं। इसकी तीव्रता हल्के से गंभीर मामलों तक होती है। यह विकलांगता का मुख्य कारण है जो काम में प्रदर्शन और सामान्य कल्याण को बुरी तरह प्रभावित करता है।
पीठ के निचले हिस्से का दर्द तीव्र, सूक्ष्म या जीर्ण हो सकता है। हालांकि, इसके कई जोखिम कारकों की पहचान की गई है जिसमें व्यावसायिक मुद्रा, अवसादग्रस्त मनोदशा, मोटापा, शरीर की ऊंचाई और उम्र ) आदि शामिल हैं।
हालांकि कुछ व्यायाम (back pain exercises) है, जिसकी सहायता से कुछ समय के लिए आराम मिल जाता है, लेकिन दर्द के सटीक कारण और उनका इलाज प्राप्त करने के लिए हम आपको एक अच्छे डॉक्टर से मिलने की सलाह देंगे। पीठ दर्द के लिए कई प्रभावी उपचार है, लेकिन कौन सा उपचार आपके लिए सटीक है इसका पता डॉक्टर के साथ परामर्श के बाद ही लगेगा।
इसे भी पढ़ें: जानिए प्रेगनेंसी में संबंध बनाना चाहिए या नहीं ?
कमर दर्द एक विशिष्ट स्थान में स्थानीय दर्द से लेकर पूरे पीठ में फैलने वाले सामान्य दर्द तक हो सकता है। कभी-कभी दर्द कमर से आपके शरीर के अन्य क्षेत्रों, जैसे नितंबों, पैरों या पेट में विकीर्ण हो जाता है। कमर दर्द की तीव्रता प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग-अलग होती है। आपके कमर दर्द के प्रकार, कारणों और स्थान के आधार पर, आप अनुभव कर सकते हैं:
साथ ही, कमर दर्द होने पर आपको चलने, फिरने, उठने, बैठने या अपने पैरों को मोड़ने में काफी तकलीफ हो सकती है।
कमर दर्द कोई बीमारी नहीं बल्कि लक्षणों का एक समूह है। इसके शुरुआती कारण आज भी स्पष्ट नहीं है और इसका निदान करना भी मुश्किल है। कमर दर्द (lower back pain in hindi) बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करता है और यह चिकित्सकीय परामर्श का एक बहुत ही सामान्य कारण है।
यदि कुछ हफ्तों के बाद भी आपके दर्द में सुधार नहीं होता है या यदि आपके कमर दर्द के साथ निम्न लक्षणों में से कोई भी लक्षण दिखाई देता है, तो आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए:
अगर आप खुद में ऊपर दिए गए कमर दर्द के लक्षणों को खुद में अनुभव करते हैं तो हमारे हड्डी रोग विशेषज्ञ (Experienced Orthopedist) के साथ परामर्श कर सटीक उपचार प्राप्त कर सकते हैं।
कमर दर्द कई कारणों (reason of back pain in hindi) से होता है, जो परीक्षण या इमेजिंग अध्ययन में दिखाई देता है। अगर इसके कारणों को ध्यान में रखकर कुछ सावधानियां बरती जाएं तो इसे आसानी से रोका जा सकता है। कमर दर्द के मुख्य कारणों में निम्नलिखित शामिल हैं:-
विशेषज्ञों का मानना है कि तनाव कमर दर्द (पीठ के निचले हिस्से में दर्द) का मुख्य कारण हो सकता है। जब आप तनाव में होते हैं तो आपकी मांसपेशियां अकड़ जाती हैं। ऐसे में पीठ की मांसपेशियों के अकड़ने पर (back pain kyu hota hai in hindi) आपकी कमर यानि पीठ के नीचले हिस्से में दर्द होता है।
अगर आप किसी कारण हमेशा तनाव में रहते हैं तो आपको कमर दर्द की समस्या हो सकती है। इस परेशानी से बचने के लिए आपको तनाव से दूर रहने की कोशिश करनी चाहिए।
आज आप टेक्नोलॉजी से घिरे हुए हैं। बिना मोबाईल या लैपटॉप के कोई भी काम करना या अपना जीवन बिताना काफी मुश्किल है। आवश्यकतानुसार मोबाईल या लैपटॉप का इस्तेमाल करना ठीक है, लेकिन लंबे समय तक एक ही जगह बैठकर इसपर समय बिताने से रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ता है।
रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ने और आपके बैठने का पोस्चर खराब होने के कारण कमर के नीचे (Kamar Ke Niche Dard) दर्द होता है। इससे बचने के लिए आपको अपने पोस्चर का ध्यान रखना चाहिए। साथ ही साथ, यह कोशिश होनी चाहिए कि आप हर एक घंटे के बाद कुछ मिनट के लिए ब्रेक लेकर टहलें।
कई बार बहुत नरम गद्दे पर सोने से पीठ की मांसपेशियां में खिंचाव पैदा होता है जिसके कारण कमर में दर्द हो सकता है। सोते समय एक व्यक्ति का शरीर सबसे ज्यादा संवेदनशील होता है, इसलिए सोते समय शरीर का स्थिर रहना बहुत ज्यादा अनिवार्य है। अगर आप नरम गद्दे पर सोते हैं तो आपको इसका विकल्प ढूँढना चाहिए।
अधिक समय तक हाई हील पहनना भी कमर दर्द का कारण बन सकता है। अगर आप कमर या पीठ दर्द से परेशान हैं तो आपको कुछ दिनों के लिए हाई हील सैंडल नहीं पहनना चाहिए। इससे आपको काफी फायदा हो सकता है।
वजन बढ़ने या मोटापा के कारण कई तरह की बीमारियां और समस्याएं पैदा होती हैं, कमर में दर्द होना भी उन्हीं में से एक है। वजन बढ़ने के कारण रीढ़ की हड्डी पर अधिक भार पड़ता है जिसके कारण कमर दर्द होता है।
डॉक्टर का कहना है कि शरीर में कैल्शियम की कमी के कारण कमर दर्द की शिकायत होती है। इस स्थिति में आपको डॉक्टर से परामर्श करने के बाद कैल्शियम से भरपूर चीजों का सेवन करना चाहिए।
लंबे समय तक एक ही जगह बैठने के कारण भी कमर दर्द की समस्या पैदा होती है। अगर एक जगह लंबे समय तक बैठने के कारण आपके कमर में दर्द होता है तो आपको थोड़े-थोड़े समय पर ब्रेक लेना चाहिए।
निष्क्रिय जीवनशैली जीने के कारण आधी से ज्यादा बीमारियां पैदा होती हैं। अगर आप सक्रीय जीवनशैली अपना लें तो आधे से ज्यादा बीमारियां पैदा नहीं होगीं और जो पैदा हो चुकी हैं वो दूर हो जाएंगी। निष्क्रिय जीवन जीने से शरीर की मांसपेशियां अकड़ जाती हैं। नतीजतन, कमर दर्द की शिकायत पैदा होती है।
आपके शरीर में लगभग 600 मांसपेशियां हैं और सभी एक दूसरे से जुडी हुई हैं। किसी एक मांसपेशी में समस्या पैदा होने पर वह दूसरी मांसपेशियों को प्रभावित करती है। यही कारण है कि हैमस्ट्रिंग्स में तनाव या पेट की मांसपेशियां कजोर होने पर कमर में दर्द होता है।
रीढ़ की हड्डी के बीच डिस्क मौजूद होता है जो रीढ़ में चोट या झटका लगने से रोकता है। लेकिन गलत पोस्चर में बैठने या किसी कारण इसमें गड़बड़ी आती है तो कमर दर्द की समस्या पैदा होती है। यही कारण है कि डॉक्टर हमेशा सही पोस्चर में बैठने का सुझाव देते हैं।
कई बार कमर दर्द का कारण कुछ गंभीर बीमारियां जैसे कि किडनी इंफेक्शन, अल्सर या पैन्क्रियाटाइटिस, रीढ़ की हड्डी का इंफेक्शन और ऑस्टियोमाइलाइटिस आदि भी हो सकती हैं। यही कारण है कि कमर दर्द होने पर आपको तुरंत डॉक्टर से मिलकर इसके सटीक कारण की पुष्टि करनी चाहिए।
इन सबके अलावा भी कमर दर्द के दूसरे अन्य कारण हो सकते हैं। डॉक्टर लक्षणों और जांच की मदद से इसके सटीक कारण की पुष्टि करते हैं। उसके बाद, इलाज की प्रक्रिया शुरू होती है।
कई बार गैस के कारण भी कमर में दर्द होता है। अगर आपके कमर दर्द का कारण गैस है तो डॉक्टर से परामर्श करने के बाद गैस की दवा का सेवन कर सकते हैं। सुबह खाली पेट हल्का गर्म पानी पीने से गैस यानी कब्ज की समस्या दूर होती है। आप इस उपाय को भी आजमा सकते हैं।
और जाने: प्रेगनेंसी में पीठ दर्द क्या होता हैं
बार-बार भारी सामान उठाने या अचानक अजीब हरकत करने से पीठ की मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी के लिगामेंट्स में खिंचाव आ सकता है। खराब शारीरिक स्थिति वाले लोगों के लिए, पीठ पर लगातार तनाव दर्दनाक मांसपेशियों में ऐंठन पैदा कर सकता है।
डिस्क रीढ़ की हड्डियों के बीच कुशन का काम करती है। एक डिस्क के अंदर की नरम सामग्री उभर या फट सकती है और एक तंत्रिका पर दबाव डाल सकती है। हालांकि, डिस्क का टूटना या अपनी जगह से खिसकना कमर दर्द का कारण हो सकता है। डिस्क रोग अक्सर रीढ़ के एक्स-रे, सीटी स्कैन या किसी अन्य कारण से किए गए एमआरआई पर पाया जाता है।
ऑस्टियोआर्थराइटिस पीठ के निचले हिस्से को प्रभावित कर सकता है। कुछ मामलों में, रीढ़ की गठिया रीढ़ की हड्डी के चारों ओर की जगह को कम कर सकती है, इस स्थिति को स्पाइनल स्टेनोसिस कहा जाता है।
जिसे अक्षीय स्पोंडीलों आर्थराइटिस भी कहा जाता है। यह बीमारी रीढ़ की कुछ हड्डियों को खराब करने का कारण बन सकती है। इससे रीढ़ की हड्डी कम लचीली होती है।
आमतौर गर्भावस्था के पहले और दूसरे तिमाही में महिला को कमर दर्द की शिकायत होती है। इससे बचने के लिए डॉक्टर कुछ व्यायाम का सुझाव दे सकते हैं।
कमर दर्द होने पर आपको अनेक बातों का ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। जहाँ एक तरफ, थोड़ी सी लापरवाही आपकी परेशानियों को बढ़ा सकती है। वहीं दूसरी तरफ थोड़ी सी जागरूकता आपकी समस्या को दूर करने में मदद कर सकती है।
कमर दर्द होने पर डॉक्टर निम्न बातों को ध्यान में रखने का सुझाव देते हैं:
अगर किसी तरह की कोई शंका यानी डाउट है तो विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करें। वे आपको डाइट, व्यायाम और जीवनशैली के संबंध में मदद कर सकते हैं जिससे आपको कमर के दर्द से राहत मिलने में आसानी होगी।
कमर में दर्द होने पर अक्सर लोग पहले घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल करते हैं। हालाँकि, घरेलू नुस्खों से कुछ ही हफ्तों में कमर दर्द से आराम मिल जाता है। लेकिन जब दर्द बहुत तेज होता है या घरेलू नुस्खों से कोई फायदा नहीं तो डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक होता है।
कमर दर्द की निम्न स्थितियों में आपको जल्द से जल्द कमर दर्द स्पेशलिस्ट से परामर्श करना चाहिए:
इन सबके अलावा, शुरुआत में गंभीर पीठ और गर्दन में दर्द होना जिससे अकड़न की समस्या पैदा होती है और पीठ एवं गर्दन की गतिशीलता में कमी आती है। अगर आप खुद में इन लक्षणों को अनुभव करते हैं तो बिना देरी किए कमर दर्द के डॉक्टर से मिलना चाहिए।
अगर कमर दर्द का कारण कोई गंभीर चोट या बीमारी नहीं है तो कुछ ख़ास घरेलू नुस्खों से इसका इलाज किया जा सकता है। बहुत सारे घरेलू उपचार और उपाय है, जिसकी सहायता से कमर दर्द से राहत मिल सकती है। यदि घरेलू उपचार कारगर साबित नहीं होते हैं, तो डॉक्टर से मिलने की सलाह दी जाती है। डॉक्टर विभिन्न विकल्पों के साथ कमर दर्द का इलाज करते हैं, जिसमें दवाएं, नॉन सर्जिकल उपचार और सर्जिकल उपचार शामिल हैं। ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक दवाएं या त्वचा पर लगाए जाने वाले मरहम है। चलिए पहले कमर दर्द से बचने के उपाय और फिर घरेलू उपचार के बारे में जानते हैं।
हल्का गर्म पानी अनेको समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। इससे कमर दर्द में भी बहुत फायदा होता है। हल्का गर्म पानी में नमक मिलाएं और उस पानी में तैलीय को भिगोकर उसे निचोड़ दें और फिर उससे अपने कमर और पीठ की सिकाई करें।
इस बात का ध्यान रहे कि आप सीधे अपनी त्वचा पर गर्म पानी से सिकाई न करें। सिकाई करने से पहले अपनी कमर और पीठ पर एक सूती कपड़ा रख लें। फिर उसके ऊपर तौलिया से सिकाई करें। सीधा त्वचा पर गर्म पानी से सिकाई नहीं करना चाहिए। सूती कपडे की एक लेयर होना आवश्यक है।
नारियल तेल में 4-6 लहसुन की कलियां मिलाकर उसे आग पर अच्छी तरह पकाएं। पकाने के बाद जब तेल ठंडा हो जाए तो उससे अपनी कमर और पीठ की अच्छी तरह मालिश करें। यह तेल कमर के नीचे दर्द का बेहतर उपाय ( kamar ke niche dard ka upay) है।
लहसुन में अनेक गुण पाए जाते हैं जो कमर दर्द को कम करने में मददगार साबित होते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि तैयार किए गए तेल से मालिश करने के कम से कम 30 मिनट बाद नहाएं ताकि आपका शरीर तेल को अच्छी तरह सोख ले।
अगर आपके काम में लगातार लंबे समय तक बैठना शामिल है तो आपको हर एक घंटे में 10-15 मिनट का ब्रेक लेना चाहिए। ऐसा करने से आपके कमर और पीठ की मांसपेशियों को आराम मिलता है और अकड़न का खतरा ख़त्म हो जाता है।
ऑफिस, मेट्रो, बस, बाइक या ट्रेन में बैठते समय अपनी पोस्चर का ख़ास ध्यान रखें। सही पोस्चर में बैठने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है जिसके कारण मांसपेशियों में अकड़ने होने का खतरा कम होता है। सिटिंग पोस्चर सही नहीं होने के कारण अधिकतर लोगों को कमर दर्द की शिकायत होती है।
शरीर में कैल्शियम की कमी (Calcium Defficiancy) के कारण भी कमर दर्द या पीठ के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है। 30-35 वर्ष की उम्र के बाद शरीर में कैल्शियम की कमी आनी शुरू हो जाती है।
अगर आपके कमर दर्द का कारण कैल्शियम की कमी है तो आपको कैल्शियम युक्त चीजों को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। डॉक्टर से परामर्श करने के बाद आप कैल्शियम सप्लीमेंट्स का भी सेवन कर सकते हैं।
अगर कमर दर्द का कारण कोई विशेष रोग है तो घरेलू उपाय से कोई फायदा नहीं होगा। इस स्थिति में आपको हड्डी रोग विशेषज्ञ से परामर्श कर समय पर उचित इलाज पाना चाहिए।
जांच की मदद से डॉक्टर दर्द के सटीक कारण की पुष्टि करते हैं। उसके बाद, कमर दर्द के कारण और गंभीरता के आधार पर इलाज की प्रक्रिया शुरू करते हैं।
जब कमर दर्द अपने आप दूर नहीं होता है या घरेलू नुस्खों से कोई फायदा नहीं होता है तब डॉक्टर मेडिकल सहायता लेते हैं।
कमर दर्द का इलाज करने के लिए डॉक्टर दवाएं, इंजेक्शन, थेरेपी, सर्जरी आदि का इस्तेमाल करते हैं। कमर दर्द का इलाज करने के लिए डॉक्टर उपचार का कौन सा माध्यम चुनते हैं यह कमर के कारण, उसकी गंभीरता और मरीज की उम्र एवं समग्र स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।
कुछ खास चीजों को अपने जीवन में लागू कर आप आसानी से कमर दर्द से बचाव कर सकते हैं। कमर दर्द से बचाव के निम्न तरीके हैं:-
इन सबके अलावा, रोजाना सोने से पहले अपने कमर की हल्की मालिश कर सकते हैं। इस बात का भी ध्यान रखें कि आप अचानक से कोई भारी सामान न उठाएं, क्योंकि इससे कमर में दर्द हो सकता है।
कई घरेलू उपचार कमर दर्द को दूर करने में मदद कर सकते हैं, जिसमें स्ट्रेचिंग और व्यायाम, गर्म और ठंडे पैक का इस्तेमाल, चप्पल या जूते बदलना, मालिश करना और अर्निका लगाना शामिल हैं।
केल, पालक, ब्रोकोली, एवोकाडो; नट्स (अखरोट, बादाम, पेकान और ब्राजील नट्स), चिकन और टर्की; फलियां; और कोको आदि का सेवन कमर दर्द में फायदेमंद माना जाता है।
अगर दर्द कुछ हफ्तों से अधिक समय तक रहता है, दर्द गंभीर है और आराम करने से ठीक नहीं होता है, एक या दोनों पैरों में फैल जाए, खासकर अगर दर्द घुटने के नीचे तक पहुँच जाए तो आपको चिंतित होना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
आराम करें, दर्द वाली जगह पर गर्म या ठंडे पानी से सेक करें, और दर्द निवारक दवा लें। इससे कुछ समय के लिए राहत मिल जाएगी। इसी दौरान डॉक्टर को अपनी स्थिति की सूचना दें।
कमर दर्द होने के कई कारण है। गलत मुद्रा में बैठना, चोट, गर्भावस्था या पुरानी स्थिति के कारण एक व्यक्ति को कमर में दर्द का सामना करना पड़ सकता है।
कमर दर्द को कम करने के लिए इलाज के कई विकल्प मौजूद है, लेकिन स्ट्रेचिंग, व्यायाम (exercises for lower back pain) और योग के साथ स्वस्थ आहार बहुत ज्यादा लाभकारी साबित हो सकता है। यदि स्थिति बहुत ज्यादा गंभीर है या 2 सप्ताह से अधिक समय तक यह स्थिति बनी रहती है, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें।
महिलाओं में कमर के निचले भाग का कारण (lower back pain causes) मासिक धर्म, गर्भावस्था, या मेनोपॉज हो सकता है।
महिलाओं में कमर दर्द का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है। यह कई कारणों से हो सकता है जैसे – पीठ की मांसपेशियों में तनाव, गर्भावस्था (back pain in pregnancy), रीढ़ की हड्डी में समस्या, या गर्भाशय फाइब्रॉएड।
हां, गैस पेट में दबाव डाल सकती है, जिससे कमर में दर्द हो सकता है। कई मामलों में देखा गया है व्यक्ति को गैस की समस्या अधिक होती है, जिसके कारण व्यक्ति को कमर में दर्द का सामना करना पड़ता है।
आराम करें, दर्द वाली जगह पर ठंडा पानी की थैली रखें, और दर्द निवारक दवा लें। इसकी सहायता से कमर के ऊपरी भाग में तेज दर्द हो सकता है।