एसीएल इंजरी (चोट) का कारण, लक्षण और उपचार
घुटना शरीर के मुख्य जोड़ों में से एक है। यह आपको चलने-फिरने, उठने-बैठने, सोने और दैनिक जीवन के दूसरे अनेक कामों को बिना किसी परेशानी का सामने किए पूरा करने में मदद करता है।
जब किसी कारण घुटने में चोट आती है तो घुटने का इस्तेमाल करना मुश्किल हो जाता है। घुटने में आने वाली चोटों में एक है एसीएल इंजरी। एसीएल उन चार खास लिगामेंट्स में से एक है जिनसे घुटना बना होता है।
एसीएल में किसी प्रकार का दबाव पड़ने या चोट लगने की स्थिति को एसीएल इंजरी या एसीएल चोट कहते हैं। अधिकतर मामलों में एसीएल इंजरी खिलाडियों में देखने को मिलती है, क्योंकि खेल के दौरान अक्सर उनके घुटनों में चोट आती रहती है।
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एसीएल चोट (इंजरी) क्या है — What is Anterior Cruciate Ligament (ACL) Injury in Hindi
एसीएल में चोट लगने की स्थिति को मेडिकल की भाषा में एसीएल इंजरी या एसीएल चोट कहते हैं। एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट को आम बोलचाल कि भाषा में एसीएल कहा जाता है।
घुटने में चार लिगामेंट्स होते हैं जिसमें एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट (एसीएल), पोस्टीरियर क्रूसिएट लिगामेंट (पीसीएल), मेडियल कोलैटरल लिगामेंट (एमसीएल) और लेटरल कोलैटरल लिगामेंट (एलसीएल) शामिल हैं।
क्रूसिएट लिगामेंट घुटने के अंदर और पोस्टीरियर लिगामेंट घुटने के नीचे होता है। ये लिगामेंट्स घुटने की गति को कंट्रोल और बैलेंस रखते हैं। लिगामेंट मुलायम उत्तक है जिसकी वजह से हड्डियां एक दूसरे से जुड़ी होती हैं।
एसीएल इंजरी (चोट) के कारण — Causes of Anterior Cruciate Ligament (ACL) Injury in Hindi
एसीएल इंजरी का मुख्य कारण चोट लगना है। अधिकतर मामलों में खेलकूद के दौरान या किसी प्रकार की शारीरिक गतिविधि के दौरान घुटने में चोट आ सकती है। क्योंकि इन खेलों या गतिविधियों के दौरान घुटने पर तनाव बढ़ जाता है।
इन सबके अलावा, एसीएल चोट के दूसरे भी कारण हो सकते हैं जैसे कि:-
- खेल के दौरान घुटने से टकराना
- छलांग लगाने के बाद नीचे गिरना
- टूटी-फूटी सड़क पर चलते समय पैर मुड़ना
- तेज चलते समय अचानक से रुकना या दिशा बदलना
ऊपर दिए गए कारणों को ध्यान में रखते हुए कुछ सावधानियां बरतकर एसीएल इंजरी (चोट) के खतरा को कम या ख़त्म किया जा सकता है।
एसीएल इंजरी (चोट) के लक्षण — Symptoms of Anterior Cruciate Ligament (ACL) Injury in Hindi
एसीएल में चोट लगने यानी इंजरी होने पर कुछ लोगों को चटकने की आवाज सुनाई देती है। एसीएल इंजरी होने पर आप खुद में अनेक लक्षण अनुभव कर सकते हैं जिसमें निम्न शामिल हैं:-
01. दर्द होना
एसीएल में हल्की चोट आने पर शायद आपको दर्द महसूस न हो। लेकिन गंभीर चोट आने पर घुटने के जोड़ के आसपास तेज दर्द हो सकता है।
कुछ लोगों को खड़े होने में कठिनाई हो सकती है। साथ ही, चोट से प्रभावित पैर पर भार देने पर भी तकलीफ हो सकती है।
02. सूजन होना
एसीएल में चोट लगने के 24 घंटों के भीतर घुटने के आसपास सूजन आ जाती है। सूजन को कम करने के लिए बर्फ की सिकाई की जा सकती है।
03. चलने में प्रॉब्लम
एसीएल में चोट के कारण घुटने के आसपास सूजन आ जाती है और दर्द भी होता है जिसके कारण आपको चलने-फिरने या पैर का इस्तेमाल करने में प्रॉब्लम हो सकती है।
04. घुटने की गतिशीलता में कमी
एसीएल इंजरी के लक्षणों में घुटने की गतिशीलता कम होना भी शामिल है। एसीएल इंजरी के कारण आपको घुटने को मोड़ने, घुटने पर भार देने या घुटना संबंधित शारीरिक गतिविधि करने में तकलीफ हो सकती है।
एसीएल इंजरी (चोट) का इलाज — Treatment of Anterior Cruciate Ligament (ACL) Injury in Hindi
एसीएल इंजरी (चोट) का उपचार कई तरह से किया जाता है। डॉक्टर एसीएल इंजरी के कारण और गंभीरता के आधार पर उपचार के विकल्प का चयन करते हैं। कई तरह से किया जा सकता है एसीएल इंजरी का इलाज।
इसमें मुख्य रूप से क्रीम, दवा, प्लास्टर और सर्जरी शामिल हैं। एसीएल में हल्की-फुलकी चोट या खरोंच आने पर डॉक्टर तेल, क्रीम या दवा का सुझाव देते हैं।
क्रीम या दवा से कोई फायदा नहीं होने या एसीएल टूट या फट जाने पर डॉक्टर प्लास्टर करते हैं। लेकिन एसीएल में गंभीर चोट आने की स्थिति में सर्जरी का उपयोग किया जाता है।
सर्जरी को एसीएल इंजरी का बेस्ट इलाज माना जाता है। जिस सर्जरी से एसीएल इंजरी का इलाज किया जाता है उसे एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी कहते हैं।
एसीएल इंजरी (चोट) होने पर क्या करें?
एसीएल इंजरी होने आप कुछ उपायों का इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे कि:-
- घुटनों पर ज्यादा भार न दें
- घुटनों पर पट्टी बांधकर रखें
- दर्द और सूजन को दूर करने के लिए आराम करें
- हर 2 घंटे के अंतराल 10-15 मिनट के लिए बर्फ की सिकाई करें
- सोते समय घुटने को सपोर्ट करने के लिए पैर के नीचे तकिया रखें
अगर इन सबसे कोई फायदा न हो तो आपको तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
एसीएल इंजरी (चोट) होने पर क्या न करें?
एसीएल इंजरी होने पर आपको कुछ कामों को करने से बचना चाहिए। ऐसा करने पर दर्द और सूजन से राहत मिलती है।
- हिल्स पहनने से बचें
- गलत साइज की सैंडल या जूते न पहनें
- क्रिकेट, फुटबॉल, बास्केटबॉल और जिमनास्टिक आदि में भाग न लें, क्योंकि इससे घुटनों पर भार पड़ता है।
- खराब या टूटी-फूटी जगहों पर न खेलें या चलें, क्योंकि ऐसे में पैर मुड़ सकता है और एसीएल पर खिंचाव आ सकता है।
एसीएल चोट लगने पर आपको ऊपर दिए गए बिंदुओं का पालन करने के साथ-साथ आपको तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
लिगामेंट ठीक होने में कितना समय लगता है?
लिगामेंट ठीक होने में कितना समय लगता है यह पूरी तरह से इसके इलाज पर निर्भर करता है। लिगामेंट का इलाज कई तरह से किया जाता है जैसे कि क्रीम, दवा, गरम पट्टी, प्लास्टर और सर्जरी आदि। डॉक्टर लिगामेंट में चोट के कारण और गंभीरता के आधार पर उपचार के विकल्प का चुनाव करते हैं।