कुछ बीमारियां हमारे जीवन का नजरिया बदल देती हैं। इस पीढ़ी और आने वाली पीढ़ियों के लिए COVID महामारी एक महत्वपूर्ण मोड़ बन गई। सालों बाद जब यह महामारी यादों से धुंधली हो गई, एक और वायरस ने दस्तक दी है – ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV in Hindi)। लेकिन सवाल यह है: क्या यह सिर्फ एक मौसमी बीमारी है या चिंता का नया कारण?
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस एक सिंगल-स्ट्रैंडेड RNA वायरस है, जो हल्की से गंभीर लक्षणों का कारण बन सकता है। यह वायरस पैरामिक्सोविरिडी परिवार से संबंधित है, जिसमें RSV और पैराइंफ्लूएंज़ा जैसे वायरस भी शामिल हैं।
यह वायरस कुछ विशेष समूहों में ज्यादा फैलता है, जैसे:
यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से, उनके खांसने या छींकने से बने ड्रॉपलेट्स से, या संक्रमित सतह को छूने के बाद चेहरा छूने (नाक, आंख, या मुंह) से फैलता है।
सावधानी और जानकारी से ही इस वायरस से बचा जा सकता है।
एक विशेषज्ञ डॉक्टर ने एचएमपीवी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह महामारी में बदलने की संभावना बहुत कम है। डॉ. कुलदीप कुमार ग्रोवर (सीके बिरला अस्पताल), जो एक अनुभवी पल्मोनोलॉजिस्ट हैं, के अनुसार, एचएमपीवी महामारी नहीं बनेगा। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि अधिकांश आबादी में पहले से ही इसी तरह के वायरस के संपर्क में आने से कुछ हद तक इम्यूनिटी विकसित हो चुकी है।
इसके अलावा, एचएमपीवी कोरोना वायरस जैसे अधिक संक्रामक वायरस की तुलना में कम प्रभावी माना जाता है। इसकी तेजी से फैलने और बड़े स्तर पर संक्रमण फैलने की क्षमता बहुत कम है। हालांकि, यह वायरस छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है।
एचएमपीवी संक्रमित व्यक्ति के शारीरिक तरल पदार्थों या दूषित सतहों के संपर्क में आने से फैलता है। यह भीड़ भाड़ वाले स्थानों जैसे स्कूल, मॉल और शॉपिंग सेंटर में तेजी से फैल सकता है।
यह श्वसन संबंधी वायरस हाल ही में अपनी बढ़ती उपस्थिति और प्रभाव के कारण ध्यान आकर्षित कर रहा है, खासकर कमजोर समूहों जैसे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में। हालांकि, फिलहाल लक्षण सामान्य हैं, लेकिन ये गंभीर हो सकते हैं।
ज्यादातर मामलों में एचएमपीवी संक्रमण के आम लक्षण होते हैं, जैसे कि:
कुछ मामलों में संक्रमण गंभीर हो सकता है और निम्न समस्याएं पैदा कर सकता है:
अगर लक्षण बढ़ते हैं या सांस लेने में कठिनाई होती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
एचएमपीवी का निदान एक पल्मोनोलॉजिस्ट द्वारा लक्षणों और स्वास्थ्य इतिहास के आधार पर शारीरिक जांच से किया जा सकता है। जांच में नाक या गले से स्वाब लेकर सैंपल लिया जाता है।
यह सैंपल लैब में वायरस और अन्य संक्रमणों की जांच के लिए भेजा जाता है। यदि लक्षण गंभीर हों, तो डॉक्टर निम्नलिखित टेस्ट की सलाह दे सकते हैं:
जल्दी पहचान और सही उपचार कमजोर लोगों में गंभीर जटिलताओं के जोखिम को कम कर सकता है।
फिलहाल एचएमपीवी के लिए कोई एंटीवायरल दवा या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। हालांकि, अधिकतर मामलों में संक्रमण माइल्ड होता है और अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता नहीं पड़ती। अगर लक्षण 3-4 दिनों से अधिक बने रहें, तो डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है। उपचार का उद्देश्य लक्षणों को कम करना और शरीर की संक्रमण से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है।
साथ ही, सूजन को कम करने और लक्षणों को कम करने के लिए स्टेरॉयड और दवाओं का उपयोग किया जा सकता है।
एचएमपीवी संक्रमण से बचने या इसके जोखिम को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाएं:
HMPV वायरस क्या है?
HMPV (ह्यूमन मेटाप्नेयूमोवायरस) एक सिंगल-स्ट्रैंडेड RNA वायरस है जो सामान्य से गंभीर लक्षणों या बिमारियों का कारण बन सकता है। यह पैरामाइक्सोविरिडी परिवार से संबंधित है, जिसमें RSV और पैराइनफ्लुएंजा वायरस भी शामिल हैं।
HMPV वायरस के लक्षण क्या हैं?
HMPV के माइल्ड से गंभीर लक्षण हो सकते हैं। हल्के लक्षणों में खांसी, नाक बंद या बहना, साइनस ब्लॉकेज, गले में खराश, तेज बुखार और थकान शामिल हैं। गंभीर लक्षणों में सांस लेने में कठिनाई, घरघराहट, छाती में जकड़न, गंभीर खांसी आदि शामिल हैं।
क्या भारत में HMPV मौजूद है?
हां, ह्यूमन मेटाप्नेयूमोवायरस (HMPV) भारत में मौजूद है, लेकिन मामलों की संख्या कम है।