अस्वस्थ जीवनशैली, गलत पान-पान, फ़ास्ट फूड्स, कोल्ड ड्रिंक्स, निष्क्रियता आदि हमारे जीवन का एक अहम् हिस्सा बन चुके हैं। इन सबकी वजह से हमें कई तरह के प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ता है जिसमें से एक है पित्त की पथरी। वैसे तो यह समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है।
लेकिन अधिकतर मामलों में यह महिलाओं और अधिक उम्र के लोगों में देखने को मिलता है। पित्त की पथरी एक गंभीर समस्या है जिसका समय पर उचित निदान और उपचार कराना आवश्यक है, क्योंकि एक समय के बाद यह असहनीय दर्द, सूजन, संक्रमण और दुर्लभ मामलों में कैंसर का कारण भी बन सकता है।
पित्त की पथरी के दो प्रकार होते हैं जिसमें पहला कोलेस्ट्रॉल स्टोन और दूसरा पिगमेंट स्टोन है।
पित्त की पथरी होने पर कभी-कभी मरीज को कई महीनों या 1-2 सालों तक लक्षण अनुभव नहीं होते हैं। लेकिन जैसे-जैसे पथरी का आकार बढ़ता है, इसके कारण पित्ताशय में सूजन और दूसरी समस्याएं शुरू होती हैं – मरीज खुद में अनेक लक्षणों को अनुभव करना शुरू कर देते हैं।
पित्त की पथरी के मुख्य लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:
इन सबके अलावा, आप अन्य लक्षण भी अनुभव कर सकते हैं। अगर आप ऊपर दिए गए लक्षणों को खुद में अनुभव करते हैं तो आपको बिना देरी किए विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। आमतौर पर डॉक्टर पित्त की पथरी का निदान करने के बाद उपचार की प्रक्रिया शुरू करते हैं।
पित्त की पथरी का निदान करने के लिए डॉक्टर सबसे पहले मरीज से उनके लक्षणों के बारे में कुछ प्रश्न पूछते हैं, मरीज का शारीरिक परीक्षण करते हैं और फिर कुछ विशेष जांच करने का सुझाव देते हैं। पित्त की पथरी का निदान करने के लिए निम्न जांच किए जाते हैं:
इस जांच के दौरान, डॉक्टर मरीज का ब्लड सैम्पल लेकर उसे लैब में जांच करने के लिए भेजते हैं। खून जांच के दौरान, पित्त की पथरी के कारण संक्रमण, पीलिया, अग्नाशयशोध (पैंक्रियाटाइटिस) या दूसरी जटिलताओं के बारे में पता लगाया जाता है।
इस दौरान, डॉक्टर पित्त की पथरी की तस्वीर प्राप्त करते हैं जिनकी मदद से पित्ताशय के मोटापा और सूजन की पुष्टि करने में मदद मिलती है।
जब अल्ट्रासाउंड के दौरान छोटी पथरी की पुष्टि नहीं हो पाती है तो उसके बारे में पता लगाने के लिए डॉक्टर एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड का सुझाव देते हैं। इस जाँच के दौरान, डॉक्टर एंडोस्कोप नामक उपकरण का इस्तेमाल करके छोटी आकार की पथरी को आसानी से देख पाते हैं।
इमेजिंग परीक्षण के दौरान डॉक्टर सिटी स्कैन, ओरल कोलेसिस्टोग्राफी, हेपेटोबिलरी एमिनो डायसोटिक एसिड स्कैन, मैग्नेटिक रेजोनेंस कोलेजनोपैंटोग्राफी या एंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड कोलेजनोपैनोग्राफी आदि जांच प्रक्रियाएं करते हैं।
आवश्यकता होने पर, ऊपर दिए गए जांचों के आलावा डॉक्टर अन्य भी जांच करने का सुझाव दे सकते हैं। सभी जांचों के परिणामों के आधार पर डॉक्टर उपचार करते हैं। पित्त की पथरी के उपचार में घरेलू नुस्खे, आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां, होम्योपैथिक दवाएं, एलोपैथिक दवाएं और सर्जरी आदि शामिल हैं।
सर्जरी ही पित्त की पथरी का एकमात्र सफल और परमानेंट इलाज है। उपचार के दूसरे माध्यमों से पित्त की पथरी के लक्षणों को कम किया जा सकता है। अगर आप खुद में पित्त की पथरी के लक्षणों को अनुभव करते है या इससे पीड़ित हैं तो हमारे डॉक्टर के साथ परामर्श कर उचित उपचार प्राप्त कर सकते हैं।
प्रश्न 1. क्या पित्ताशय की पथरी अपने आप घूल सकती है?
पित्त पथरी अपने आप दूर हो सकती है, लेकिन आमतौर पर ऐसा नहीं होता है और उपचार की आवश्यकता हो सकती है। पित्ताशय की पथरी हमेशा लक्षणों का कारण नहीं बन सकती है, और उन मामलों में, जटिलताओं को रोकने के लिए केवल आहार परिवर्तन ही आवश्यक हो सकते हैं। लोग पित्ताशय की थैली के बिना सामान्य जीवन जी सकते हैं।
प्रश्न 2. पित्त की पथरी के क्या कारण हैं?
पित्ताशय में पथरी बनने के अनेक कारण होते हैं। इसमें मुख्य रूप से अस्वस्थ जीवनशैली, गलत खान-पान, मोटापा, कम मात्रा में पानी पीना, तेजी से अजान कम करना, जंक फूड्स और कोल्ड ड्रिंक्स आदि का सेवन आदि।