एसिडिटी का कारण और इलाज | Acidity Causes & Treatment in Hindi
एसिडिटी आम स्थिति है जिसमें पेट के ऊपरी हिस्से में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। इसके कारण आपको अनेक समस्याओं का सामना करना पद सकता है जैसे कि अपच, उल्टी, पेट में तकलीफ, त्वचा में जलन आदि। एसिडिटी के मुख्य कारणों में अत्याधिक खान-पीना, भोजन के समय अधिक पानी पीना, डाइट में तीखी मसालों और चाय जैसी चीजों को करना आदि।
एसिडिटी का इलाज में डाइट में बदलाव और जीवनशैली में व्यायाम आदि शामिल हैं। एक चिकित्सक द्वारा निर्धारित दवाओं और घरेलू नुस्खे भी एसिडिटी के इलाज में मदद कर सकते हैं।
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एसिडिटी में क्या खाना चाहिए?
एसिडिटी होने पर आपको ऐसे आहार का सेवन करना चाहिए जो आपको अधिक ऊर्जा और पोषण प्रदान और एसिडिटी के लक्षणों को कम करें। एसिडिटी में निम्नलिखित आहार के सेवन का सुझाव दिया जाता है:
- सलाद, गाजर, गोभी, शिमला मिर्च, खीरा, अंगूर, खरबूजा और पपीता जैसे फल आदि
- अंडे, दूध, दही, पनीर, सोया आदि जैसे प्रोटीन युक्त आहार
- ब्राउन चावल, ओट्स, ब्रेड, मक्का, रोटी और बेसन जैसे अनाज का सेवन
- दाल, चना, लोबिया और मूंगफली जैसे फलौलीय भोजन का सेवन
- एसिडिटी में हरी चाय का सेवन करना फायदेमंद होता है। इससे पेट की गर्मी भी कम होती है।
इसके अलावा, आपको अधिक पानी पीना चाहिए और खाने के बाद अधिक पानी पीने से बचना चाहिए। साथ ही, भोजन के बाद जल्दी सोने से बचना चाहिए और खाना खाने के थोड़े समय के बाद टहलना चाहिए।
एसिडिटी में क्या नहीं खाना चाहिए?
एसिडिटी होने पर आपको कुछ चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए, क्योंकि ये आपके लक्षणों को और गंभीर बना सकते हैं। एसिडिटी होने पर निम्न चीजों से परहेज करने का सुझाव दिया जाता है:
- मसालेदार और तली हुई चीजें एसिडिटी को बढ़ा सकती हैं, इसलिए उन्हें खाने से बचें।
- कॉफी और चाय में कैफीन और अन्य उत्तेजक तत्व होते हैं, जो एसिडिटी को बढ़ा सकते हैं। इसलिए, इन दोनों की मात्रा कम से कम रखें।
- फास्ट फूड में तेल और मसाले होते हैं, जो एसिडिटी को बढ़ा सकते हैं। इसलिए, इन्हें खाने से बचें।
- चिप्स और फ्रेंच फ्राइज अधिक मसालेदार होते हैं और तले हुए होते हैं, जो एसिडिटी को बढ़ा सकते हैं। इसलिए, इन्हें खाने से बचें।
इन सबके अलावा, सिगरेट और सिगरेट से परहेज करें। ये एसिडिटी के मुख्य कारणों में से एक हैं।
एसिडिटी का इलाज
एसिडिटी का इलाज उसके कारण और लक्षणों के आधार पर निर्भर करता है। यदि एसिडिटी कम होती है, तो इलाज की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन यदि लक्षण गंभीर होते हैं और नियंत्रण में नहीं होते हैं, तो निम्नलिखित उपायों को अपनाना चाहिए:
- एंटासिड दवाएं एसिडिटी के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद करती हैं। डॉक्टर आपको आपके लक्षणों के आधार पर उचित दवा निर्धारित करेंगे।
- आपको खाने की आदतों में बदलाव करने की आवश्यकता हो सकती है। आपको अपने भोजन में तले हुए खाद्य पदार्थों और मसालेदार खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। अधिक मात्रा में भोजन करने से भी एसिडिटी होती है, इसलिए छोटे-छोटे भोजन करें।
- योग और व्यायाम एसिडिटी को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। कुछ योगासन और प्राणायाम एसिडिटी को कम करने में मदद कर सकते हैं।
एसिडिटी एक आम समस्या है जो जलन, पेट में गैस, ऊंचाई के दर्द और भोजन के बाद तकलीफ पैदा करती है। इस समस्या के लिए कुछ घरेलू उपचार निम्नलिखित हैं:
- दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स अपनी पाचन शक्ति को बढ़ाते हैं जो एसिडिटी को कम करने में मदद करते हैं। आप रोज दो या तीन बार एक कप दही का सेवन कर सकते हैं।
- सेब का सिरका एसिडिटी के कारण उत्पन्न होने वाली जलन को शांत करने में मदद करता है। आप एक टेबल स्पून सेब के सिरके को एक कप पानी में मिलाकर पी सकते हैं।
- नारियल पानी अम्लता को नियंत्रित करने में मदद करता है। आप रोज एक गिलास नारियल पानी का सेवन कर सकते हैं।
- टुलसी में पाए जाने वाले विशेष तत्व एसिडिटी को कम करने में मदद करते हैं। आप एक गिलास पानी में 5-6 तुलसी की पत्तियों को उबालकर उस पानी को ठंडा करके पी सकते हैं।
इन सबके अलावा, आप का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। जीरा में मौजूद विशेष तत्व एसिडिटी को दूर करने में मदद करता है। आप पानी में जीरा को हल्का गर्म करने के बाद उसका पानी पी सकते हैं।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
एसिडिटी बढ़ने से क्या होता है?
एसिडिटी बढ़ने से पेट में अधिक अम्ल उत्पन्न होता है जो जलन, पेट में गैस, ऊंचाई के दर्द और भोजन के बाद तकलीफ पैदा करती है। इससे भोजन के पाचन को भी प्रभावित किया जा सकता है जो पेट में तकलीफ का कारण बनता है।
एसिडिटी का दर्द कहाँ होता है?
एसिडिटी के दौरान दर्द अधिकतर ऊंचाई के ऊपरी हिस्से, पेट के उच्च भाग में, सीने के पीछे या छाती के मध्य भाग में होता है।
क्या दही खाने से एसिडिटी होती है?
नहीं, दही एसिडिटी का कारण नहीं होती है। बल्कि ,दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स एसिडिटी और पाचन संबंधी समस्याओं को कम करने में मदद करते हैं।
गैस और एसिडिटी में क्या अंतर है?
गैस और एसिडिटी दो अलग-अलग समस्याएं हैं। गैस उत्पन्न होने से पेट में सूजन, तकलीफ और उच्चार के समय दर्द होता है। एसिडिटी में पेट के ऊपरी हिस्से में जलन, दर्द और पेट फूलने जैसी समस्याएं होती हैं।