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मिर्गी केंद्रीय तंत्रिका तंत्र से संबंधित एक विकार है जिसकी स्थिति में मस्तिष्क की तंत्रिका कोशिका की गतिविधि बाधित होती है। नतीजतन, मरीज को दौरे पड़ते हैं, वह बेहोश हो सकता है या कुछ समय तक असामान्य व्यवहार कर सकता है।
मिर्गी कोई संक्रमण बीमारी नहीं है। यह मानसिक बीमारी या मानसिक कमजोरी के कारण नहीं होता है। अधिकतर मामलों में मिर्गी के कारण पड़ने वाले दौरों से मस्तिष्क पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है, लेकिन कभी-कभी दौरों के कारण मस्तिष्क को क्षति पहुंच सकती है।
मिर्गी के कई कारण और लक्षण होते हैं। मिर्गी किसी भी व्यक्ति को हो सकता है, लेकिन अधिकतर मामलों में यह छोटे बच्चों और अधेड़ उम्र के लोगों में देखने को मिलता है। मिर्गी का इलाज करने के कई अलग-अलग तरीके मौजूद हैं। मिर्गी के उपचार में मेडिटेशन, सर्जरी और दवा आदि शामिल हैं।
इस ब्लॉग में हम मिर्गी के कारण, लक्षण और उपचार के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं। इस ब्लॉग को पढ़ने के बाद मिर्गी से संबंधित जो भी प्रश्न आपके मन में हैं आपको उनके जवाब मिल जाएंगे।
बार-बार दौरा पड़ना मिर्गी के मुख्य लक्षणों में से एक है। अगर किसी मरीज में मिर्गी के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
दौरा पड़ने के आलावा, मिर्गी के अन्य लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:-
इन सबके अलावा, मिर्गी के दूसरे भी अन्य लक्षण हो सकते हैं। मिर्गी का लक्षण मरीज और मिर्गी के प्रकार के आधार पर अलग-अलग हो सकता है।
अगर आप खुद में या अपने परिवार के किसी सदस्य में ऊपर दिए गए किसी भी लक्षण का अनुभव करते हैं तो जल्द से जल्द विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
मिर्गी की शिकायत अनेक कारणों से हो सकती है। इसके मुख्य कारणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:
ऊपर दिए गए कारणों के अलावा, मरीज की उम्र और समग्र स्वास्थ्य एवं मिर्गी के प्रकार के आधार पर मिर्गी के अन्य कारण हो सकते हैं।
निम्नलिखित कारक मिर्गी के खतरे को बढ़ा सकते हैं:-
ऊपर दिए करक मिर्गी को ट्रिगर कर सकते हैं। मिर्गी के उचित इलाज के लिए मरीज को मिर्गी के दौरे को ट्रिगर करने वाले कारक और दौरे के पैटर्न को नोट डाउन करके रखना चाहिए, क्योंकि इससे डॉक्टर को निदान और इलाज में मदद मिलती है।
मिर्गी का प्रबंधन किया जा सकता है। मिर्गी का उपचार मरीज की उम्र और समग्र स्वास्थ्य एवं लक्षणों की गंभीरता पर निर्भर करता है। मिर्गी का इलाज करने के लिए डॉक्टर निम्न का इस्तेमाल कर सकते हैं:-
इन दवाओं का सेवन करने से मिर्गी के कारण पड़ने वाले दौरों की संख्या कम होती है और कुछ लोगों में दोबारा दौरे आने का खतरा भी खत्म हो जाता है। इस दवा का सेवन डॉक्टर द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश के मुताबिक ही करना चाहिए।
दौरों को रोकने के लिए इस उपकरण का इस्तेमाल किया जाता है। इसे शल्य चिकित्सा द्वारा छाती पर पर त्वचा के नीचे लगाकर बिजली द्वारा गर्दन से होते तंत्रिका को उत्तेजित किया जाता है।
जिन लोगों पर दवाओं का असर नहीं होता है डॉक्टर उन्हें उच्च वसा और कम मात्रा में कार्बोहाइड्रेट वाले आहार लेने का सुझाव देते हैं।
मस्तिष्क का जो हिस्सा दौरों का कारण बनता है उसे सर्जरी के दौरान हटाया या बदल दिया जाता है।
मिर्गी के सबसे शुरुआती इलाज के तौर पर डॉक्टर एंटी-सीज्यूर दवाएं निर्धारित करते हैं। ये दवाएं दौरों की आवृति और गंभीरता को कम करने में मदद करती हैं।
इन दवाओं से गंभीर दौरों को रोका नहीं जा सकता है और नाही इनसे मिर्गी का पूर्ण रूप से इलाज किया जा सकता है। अगर आपको मिर्गी है, मिर्गी का दौरा आता है या खुद में इसके लक्षणों का अनुभव करते हैं तो जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलकर उचित निदान और उपचार करना चाहिए ताकि उससे उत्पन्न होने वाली गंभीर समस्याओं को रोका जा सके।