बवासीर को अंग्रेजी में पाइल्स (Piles) कहते हैं। यह एक गंभीर बीमारी है जिससे पीड़ित मरीज के मलाशय और गुदा में सूजन आ जाती है। बवासीर दो प्रकार के होते हैं जिसमें पहला आंतरिक बवासीर और दूसरा बाहरी बवासीर है।
आंतरिक बवासीर में मल के साथ खून आता है और बाहरी बवासीर में गुदा के आसपास सूजन आ जाती है तथा तेज दर्द एवं खुजली होती है। बवासीर के मुख्य कारणों में पुरानी डायरिया या कब्ज होना, सिगरेट या शराब का सेवन करना, लंबे समय तक टॉयलेट में बैठना, मल त्याग के दौरान जोर लगाना, वजन बढ़ना, भारी सामान उठाना, प्रेगनेंसी और एनल सेक्स करना आदि शामिल हैं।
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अगर बवासीर अपनी शुरूआती स्टेज में है तो बिना ऑपरेशन के भी ठीक हो सकता है। पाइल्स की समस्या में आपको अपनी डाइट प्लान में फल, सब्जियों और फाइबर से भरपूर खान-पान की चीजों को शामिल करना चाहिए।
जानें बवासीर से पीड़ित होने की स्थिति में आपको क्या खाना और किन चीजों से परहेज करना चाहिए।
पेट से संबंधित किसी भी बीमारी के इलाज में पानी एक अहम् भूमिका निभाता है। अगर आप बवासीर से पीड़ित हैं तो आपको पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए, क्योंकि यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है।
दिन भर में कम से कम 3-4 लीटर पानी पीने की कोशिश करें। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर हाइड्रेट रहता है और कब्ज की समस्या दूर होती है। साथ ही, मल त्याग में भी आसानी होती है।
पानी पीने के साथ-साथ आप सेब, केला, संतरा, खीरा, गाजर या पालक का जूस भी पी सकते हैं। यह भी बवासीर में बहुत फायदे मंद होते हैं।
साबुत अनाज में फाइबर अधिक मात्रा में पाया जाता है जो बवासीर में बहुत फायदेमंद होता है। बवासीर से पीड़ित मरीज को डॉक्टर साबुत अनाज जैसे कि ओट्स, ब्राउन राइस और होल व्हीट आदि को डाइट में शामिल करने का सुझाव देते हैं।
साबुत अनाज का सेवन करने से कब्ज की समस्या खत्म होती है और मल नरम होता है जिसके कारण मल त्याग के दौरान दर्द या ब्लीडिंग में कमी आती है।
फलों का सेवन बवासीर के लक्षणों को कम करने में बहुत लाभकारी साबित होता है। केला, सेब, अंगूर और संतरा को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। इन फलों में विटामिन, मिनरल्स और फाइबर पाए जाते हैं जो पाईल्स में फायदेमंद होते हैं।
हरी और पत्तेदार सब्जियों में कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स और मिनरल्स मौजूद होते हैं जो बवासीर के लक्षणों को कम करते हैं। आप हरी और पत्तेदार सब्जियां जैसे कि पालक, गाजर, खीरा, पत्ता गोभी और ब्रोकली का सेवन कर सकते हैं।
छाछ पीने से शरीर में ठंडक महसूस होती है जिसके कारण उत्तेजित नसें शांत हो जाती है। छाछ शरीर से सूजन और गुदा मार्ग में हुए इंफेक्शन का दूर करने में मदद करता है। साथ ही, यह बवासीर के लक्षणों को प्रभावशाली रूप से कम कर सकता है।
हर्बल चाय बवासीर में बहुत मददगार साबित होता है। हर्बल चाय का सेवन सूजन और मल त्याग के दौरान आने वाले खून को कम करता है। बाजार में कई प्रकार के हर्बल चाय उपलब्ध हैं। अपने डॉक्टर से परामर्श करने के बाद आप किसी एक हर्बल चाय का चयन कर सकते हैं।
इन सबके अलावा, आप दूसरे भी अन्य चीजों का सेवन कर सकते हैं जिसमें मुख्य रूप से निम्न शामिल हैं:-
अनाज व दाल | सब्जी | फल | अन्य |
जौ | कद्दू | अमरुद | शहद |
गेंहूं | जायफल | सेब | नींबू |
मुंग | करेला | अंगूर | जीरा |
मसूर दाल | बथुआ | प्रून | हल्दी |
अरहर दाल | परवल | जामुन | पुदीना |
गेहूँ के ज्वारे | लौकी | पपीता | सौंफ |
तोरई | |||
मूली के पत्ते | |||
मेथी का साग | |||
टिंडा | |||
सेम |
ऊपर दिए गए खान-पान की चीजों को अपनी डाइट में शामिल कर बवासीर के लक्षणों को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
अगर आप बवासीर के साथ-साथ दूसरी भी किसी बीमारी से पीड़ित हैं तो आपको डॉक्टर से परामर्श करने के बाद ही किसी भी चीज का सेवन करना चाहिए।
बवासीर से पीड़ित होने पर अपने मन मुताबिक किसी भी चीज का सेवन करना कुछ मामलों में हानिकारक भी साबित हो सकता है। इसलिए यह आवश्यक है कि आप पहले डॉक्टर से परामर्श करें, उन्हें अपने बवासीर और दूसरी बीमारियों के बारे में बताएं ताकि वह सभी बातों को ध्यान में रखते हुए आपके लिए बवासीर का बेस्ट डाइट प्लान (Piles Diet Chart in Hindi) तैयार कर सकें।
पाइल्स में परहेज बहुत जरूरी है क्योंकि यह पाइल्स को बेहतर या बदतर बना सकता है। ऊपर दिए गए खान-पान की चीजों को शामिल करने के साथ-साथ आपको कुछ चीजों को अपनी डाइट से हटाना भी आवश्यक है।
अगर आप बवासीर के मरीज हैं तो आपको निम्न चीजों से परहेज करना चाहिए:-
तैलीय और मसालेदार चीजों में अधिक मात्रा में फैट पाया जाता है जो बवासीर की स्थिति को गंभीर बना सकता है। अगर आप बवासीर से पीड़ित हैं तो आपको फ्रेंच फ्राइज, तले हुए मोमोज, समोसा, कचौरी और फास्ट फूड्स आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
तेल और मसाले से भरपूर चीजें पाचन तंत्र को कमजोर बनाती हैं जिससे कब्ज की समस्या पैदा होती है। साथ ही, सूजन का खतरा भी बढ़ता है। इसलिए यह आवश्यक है कि आप तैलीय और मसालेदार चीजों से खुद को दूर रखें।
सफेद ब्रेड को हजम करने में काफी परेशानी होती है। साथ ही, इसका सेवन करने से कब्ज की संभावना बढ़ जाती है जो बवासीर के लक्षणों को बदतर बनाने का काम करता है। अगर आप नाश्ते में सफेद ब्रेड खाते हैं तो आपको इसका सेवन तुरंत बंद कर देना चाहिए।
चाय और कॉफी में कैफीन मौजूद होता है जो बवासीर की स्थिति को बिगाड़ने का काम करता है। चाय और कॉफी का सेवन करने से शरीर में पानी की कमी होती है जिसके कारण मल कठोर हो जाता है। नतीजतन, मल त्याग के दौरान दर्द और रक्तस्राव का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए बवासीर में चाय व कॉफी का सेवन नहीं करना चाहिए |
सिगरेट और गुटखा का सेवन भी बवासीर की स्थिति को बिगाड़ सकता है। अगर आप इनका सेवन करते हैं तो आपको तुरंत इनका सेवन बंद कर देना चाहिए।
अधिकतर बीमारियां अस्वास्थ्य जीवनशैली के कारण पैदा होती हैं। अगर लाइफस्टाइल में सकारात्मक बदलाव लाकर इसे बेहतर बनाया जाए तो आधी से ज्यादा बीमारियां पैदा नहीं होंगी और जो पैदा हो चुकी हैं वे गंभीर रूप नहीं ले पाएंगी, बवासीर के साथ भी यही नियम लागू होता है।
अगर आप बवासीर (पाइल्स) के मरीज हैं तो अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव लाकर इसे आसानी से रोक सकते हैं।
इन सभी बिंदुओं को अपने जीवन में लागु कर बवासीर के लक्षणों में सुधार किया और इस बीमारी को आसानी से रोका जा सकता है।
अगर बवासीर अपनी शुरुआती स्टेज में है तो खान-पान और जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लेकर इसे दूर किया जा सकता है। अगर बवासीर गंभीर रूप ले चूका है तो इसका इलाज सर्जरी से ही संभव है।
बवासीर की स्थिति गंभीर होने पर फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, पानी और जूस से बवासीर के लक्षणों में सुधार किया जा सकता है। इसके इलाज के लिए अंतत सर्जरी की आवश्यकता होती है। अगर आप गंभीर बवासीर के रोगी हैं तो सीके बिरला हॉस्पिटल आपके लिए बेस्ट विकल्प है।
हमारे हॉस्पिटल में बवासीर का इलाज मॉडर्न और एडवांस लेजर सर्जरी से किया जाता है। यह बवासीर का बेस्ट इलाज माना जाता है। बवासीर की लेजर सर्जरी के दौरान चीरा नहीं लगता है और टाँके नहीं आते हैं, ब्लीडिंग तथा दर्द भी नहीं होता है।
हमारे हॉस्पिटल में बवासीर की लेजर सर्जरी को एक अनुभवी और कुशल प्रोक्टोलॉजिस्ट द्वारा किया जाता है। हमारे पाइल्स स्पेशलिस्ट को बवासीर की गहरी समझ और लेजर सर्जरी में महारत हासिल है। ये सर्जन अब तक बवासीर की हजारों सफल लेजर सर्जरी कर चुके हैं।
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Q. क्या बवासीर में दूध पीना चाहिए?
डॉक्टर का कहना है कि बवासीर से पीड़ित मरीज दूध पी सकते हैं, लेकिन दूध को उबालकर पीना चाहिए। साथ ही, जिसे कब्ज की समस्या है उसे दूध के सेवन से बचना चाहिए।
Q. क्या बवासीर में बादाम खा सकते हैं?
हाँ. बादाम में अधिक मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो बवासीर में फायदेमंद होता है। साथ ही, इसमें एंटी-इंफ्लामेटरी गुण भी मौजूद होते हैं जो सूजन को प्रभावशाली रूप से कम करते हैं।
Q. बवासीर को जड़ से खत्म कैसे करें?
बवासीर का इलाज इसके प्रकार, गंभीरता और ग्रेड पर निर्भर करता है। डॉक्टर के अनुसार सर्जरी से बवासीर को जड़ से ख़त्म किया जा सकता है। बवासीर की सर्जरी को कई प्रकार से किया जाता है जिसमें ओपन सर्जरी और लेजर सर्जरी शामिल हैं। लेजर सर्जरी एक मॉडर्न और एडवांस प्रक्रिया है जिसके बाद बवासीर के दोबारा होने का खतरा लगभग न के बराबर होता है। आप एक अनुभवी और विश्वसनीय डॉक्टर से परामर्श करने के बाद सर्जरी की मदद से अपने बवासीर को जड़ से ख़त्म कर सकते हैं।