पुरुषों में हार्ट अटैक का कारण, लक्षण और बचाव
पुरुषों को हार्ट अटैक तब आता है जब हार्ट यानी हृदय के एक हिस्से में खून का प्रवाह बाधित होता है। इसके सामान्य लक्षणों में सीने में दर्द या बेचैनी, सांस लेने में तकलीफ, मतली और चक्कर आना शामिल हैं। पुरुषों को बांहों, गर्दन, जबड़े या पीठ में भी दर्द का अनुभव हो सकता है।
पुरुषों में हार्ट अटैक के जोखिम कारकों में धूम्रपान, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, मोटापा, व्यायाम की कमी और हृदय रोग का पारिवारिक इतिहास शामिल हैं। हार्ट फेल होने के खतरे को कम करने के लिए तत्काल मेडिकल सहायता महत्वपूर्ण है। इस ब्लॉग में हम पुरुषों में हार्ट अटैक के कारणों, लक्षणों और बचाव के बारे में जानेंगे।
हार्ट अटैक के कारण
पुरुषों में हार्ट अटैक विभिन्न कारणों से होता है:
धमनियों में फैट जमना:
समय के साथ धमनियों में फैट जमा हो जाता है, जिससे हार्ट में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है जो हार्ट अटैक का कारण बनता है।
खून का थक्का बनना:
धमनियों में जमा फैट फटने पर थक्का बना जाता है जो हार्ट तक खून को जाने से रोकता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा होता है।
हाई ब्लड प्रेशर:
लंबे समय तक हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होने से धमनियों को नुकसान पहुंचाता है, जिससे उनमें खून का थक्का बनने और धमियों के सिकुड़ने की संभावना बढ़ जाती है।
हाई कोलेस्ट्रॉल:
खून में अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल धमनियों में खून का थक्का बनने में योगदान कर सकता है, जिससे खून का प्रवाह बाधित होता है।
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धूम्रपान:
सिगरेट में मौजूद रसायन हृदय और रक्त वाहिकाओं (Blood Vessels) को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे थक्का बनने और हार्ट अटैक आने का खतरा बढ़ जाता है।
मोटापा:
वजन अधिक होना यानी मोटापा के कारण हार्ट पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी स्थितियां पैदा हो सकती हैं।
मधुमेह:
हाई ब्लड शुगर, रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है और हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।
तनाव:
दीर्घकालिक तनाव से रक्तचाप और हृदय संबंधी अन्य समस्याएं बढ़ सकती हैं।
अनहेल्दी डाइट:
सैचुरेटेड फैट, नमक और चीनी से भरपूर आहार मोटापा, उच्च कोलेस्ट्रॉल और उच्च रक्तचाप में योगदान कर सकता है।
इन सबके अलावा, आनुवांशिकी हृदय रोग विकसित होने की संभावना को प्रभावित कर सकती है, जिससे कुछ पुरुषों को हार्ट अटैक का खतरा अधिक होता है।
हार्ट अटैक के लक्षण
पुरुषों में हार्ट अटैक के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन इसके सामान्य लक्षणों में निम्न शामिल हैं:
सीने में दर्द या बेचैनी:
यह सबसे आम लक्षण है। यह छाती के मध्य या बाईं ओर दबाव महसूस हो सकता है। यह कुछ मिनटों से अधिक समय तक रह सकता है या आता-जाता रह सकता है।
सांस लेने में तकलीफ:
यह सीने में दर्द के साथ या उसके बिना भी हो सकता है। ऐसा महसूस हो सकता है कि आप सांस नहीं ले पा रहे हैं या सांस लेने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
अन्य क्षेत्रों में दर्द:
पुरुषों को बाहों (आमतौर पर बाएं हाथ), पीठ, गर्दन, जबड़े या पेट में दर्द या असुविधा का अनुभव हो सकता है। यह दर्द अचानक या धीरे-धीरे हो सकता है।
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मतली और उल्टी:
कुछ पुरुषों को हार्ट अटैक आने पर पेट खराब हो सकता है या उल्टी हो सकती है।
सिर घूमना या चक्कर आना:
बेहोशी या सिर घूमना हार्ट अटैक आने का संकेत हो सकता है, खासकर अगर यह सीने में दर्द या सांस की तकलीफ के साथ हो।
थकान:
अत्यधिक थकान, खासकर अगर यह अचानक या गंभीर हो, तो एक संकेत हो सकता है हार्ट अटैक अटैक का।
इन लक्षणों को पहचानना और तुरंत मेडिकल सहायता लेना महत्वपूर्ण है। शीघ्र उपचार से जान बचाई जा सकती है और हार्ट को फेल होने से रोका जा सकता है। अगर आप इन लक्षणों का अनुभव करते हैं तो ह्रदय रोग विशेषज्ञ से परामर्श करें।
हार्ट अटैक से बचाव
पुरुषों में हार्ट अटैक को रोकने में स्वस्थ जीवनशैली अपनाना और जोखिम कारकों का प्रबंधन करना शामिल है:
स्वस्थ आहार:
फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और स्वस्थ वसा से भरपूर संतुलित आहार खाएं। सैचुरेटेड फैट, नमक और चीनी का सेवन सीमित करें।
नियमित व्यायाम:
हफ्ते में कम से कम चार दिन हल्का-फुल्का व्यायाम करें जैसे कि तेज चलना और दौड़ना आदि।
स्वस्थ वजन बनाए रखें:
हार्ट पर दबाव कम करने के लिए स्वस्थ वजन बनाए रखें। मोटापा से बचें।
धूम्रपान छोड़ें:
हार्ट हेल्थ में सुधार और हृदय रोग के जोखिम को कम करने के लिए धूम्रपान बंद करें।
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करें:
अगर आवश्यक हो तो आहार, व्यायाम और दवा के माध्यम से ब्लड प्रेशर की निगरानी और प्रबंधन करें।
कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करें:
स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और यदि निर्धारित हो तो दवाओं से कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कंट्रोल में रखें।
शराब सीमित करें:
शराब कम मात्रा में पियें या फिर इसका सेवन बंद कर दें।
तनाव को प्रबंधित करें:
मेडिटेशन और योग एवं व्यायाम आदि से तनाव कम करें।
नियमित जांच:
जोखिम कारकों का शीघ्र पता लगाने और उन्हें प्रबंधित करने के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए अपने डॉक्टर से मिलें।
जीवनशैली में इन बदलावों को लागू करने से पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाऐं भी हार्ट अटैक से बच सकती हैं।