हार्मोनल असंतुलन के कारण पुरुष में कई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं। गाइनेकोमैस्टिया भी उन्हीं में से एक है। यह एक सामान्य बीमारी है जो पुरुषों को यौवन के दौरान और बुढ़ापें में प्रभावित करती है।
गाइनेकोमैस्टिया को मैन बूब्स के नाम से भी जाना जाता है। यह पुरुषों में होने वाली एक आम समस्या है जिससे पीड़ित पुरुष के स्तनों का आकार सामान्य से अधिक बढ़ जाता है। स्तनों का आकार बढ़ने के कारण वे महिलाओं के स्तनों की तरह दिखाई पड़ते हैं।
गाइनेकोमैस्टिया बिलकुल महिलाओं के स्तनों की तरह नहीं होता है, लेकिन कुछ मामलों में उनसे मिलता-जुलता होता है। गाइनेकोमैस्टिया पुरुष के पर्सनल और प्रोफेशनल दोनों जीवन को बुरी तरह से प्रभावित करता है।
शोध के मुताबिक, इस समस्या से पीड़ित लड़के अक्सर अपने ग्रुप में मजाक का पात्र बन जाते हैं। गाइनेकोमैस्टिया के कारण एक लड़के का आत्मविश्वास बहुत कम हो सकता है। यह कोई जानलेवा समस्या नहीं है, लेकिन जीवन की गुणवत्ता को कई तरह से प्रभावित कर सकता है।
यही कारण है कि यह समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। उचित जांच और इलाज की मदद से उसको आसानी से दूर किया जा सकता है।
गाइनेकोमैस्टिया कई कारणों से होता है जिसमें सबसे पहला हार्मोन में असंतुलन होना है। हार्मोन में असंतुलन होने पर एस्ट्रोजन की तुलना में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर काफी कम हो जाता है।
आमतौर पर पुरुष बहुत कम मात्रा में एस्ट्रोजन हार्मोन का उत्पादन करते हैं, लेकिन जब एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर बहुत अधिक होता है तो गाइनेकोमैस्टिया की समस्या पैदा हो सकती है।
गाइनेकोमैस्टिया के कारणों में यौवन यानी 15-18 की उम्र और बुढ़ापा यानी 50-80 की उम्र शामिल हैं। इसके अलावा, ऐसी बहुत सी दवाएं हैं जो गाइनेकोमैस्टिया का कारण बन सकती हैं। इसमें शामिल हैं:-
निम्नलिखित पदार्थों का सेवन गाइनेकोमैस्टिया का कारण बन सकता है:-
कुछ ऐसी भी स्वास्थ्य स्थितियां है जिनके कारण गाइनेकोमैस्टिया की शिकायत हो सकती है। इसमें निम्न शामिल हो सकते हैं:-
गाइनेकोमैस्टिया के लक्षणों में शामिल हैं:-
गाइनेकोमैस्टिया का उपचार इसके ग्रेड पर निर्भर करता है। कुछ मामलों में उपचार की आवश्यकता नहीं पड़ती है। अगर गाइनेकोमैस्टिया अपनी शुरुआती स्टेज में है तो डॉक्टर मरीज को जीवनशैली और डाइट में कुछ सकारात्मक बदलाव लाने का सुझाव देते हैं।
इसमें समय पर नींद सोना और जागना, अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियों और ताजे फलों को शामिल करना, रोजाना सुबह और शाम हल्का-फुल्का व्यायाम करना, शराब, सिगरेट या दूसरी नशीली चीजों के सेवन से बचना शामिल है।
इसके अलावा, डॉक्टर फास्ट फूड और कोल्ड ड्रिंक के अत्याधिक सेवन से बचने का भी सुझाव देते हैं। डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव लाने के बाद फायदा नहीं होने या गाइनेकोमैस्टिया का ग्रेड-3 होने पर डॉक्टर दवाएं और सर्जरी का उपयोग करते हैं।
गाइनेकोमैस्टिया की सर्जरी को दो तरह से किया जाता है जिसमें पहला लिपोसक्शन और दूसरा मेसाटेक्टोमी है। लिपोसक्शन के दौरान, सर्जन एक्स्ट्रा फैट को बाहर निकाल देते हैं। इस सर्जरी के दौरान स्तन की ग्रंथियों को नहीं हटाया जाता है।
हालांकि, मास्टेक्टोमी के दौरान स्तनों की ग्रंथियों को निकाल दिया जाता है। आमतौर पर इस सर्जरी को एंडोस्कोपी की मदद से किया जाता है।
निम्न बातों का पालन करके गायनेकोमैस्टिया को रोका जा सकते है:-
प्रश्न 1. क्या गायनेकोमैस्टिया को ठीक किया जा सकता है?
हां, गायनेकोमैस्टिया को ठीक किया जा सकता है। इसके उपचार के अनेक तरीके मौजूद हैं जिसमें एक्सरसाइज, डाइट, दवाएं और सर्जरी शामिल हैं।
प्रश्न 2. क्या मैन बूब्स का कारण जेनेटिक हो सकता है?
हां, शोध के मुताबिक कुछ लोगों में जेनेटिक कारणों से गायनेकोमैस्टिया हो सकता है।
प्रश्न 3. गाइनेकोमैस्टिया सर्जरी कैसे होती है?
आमतौर पर गायनेकोमैस्टिया की सर्जरी को दो तरह से किया जाता है जिसमें पहला लिपोसक्शन और दूसरा मास्टेक्टोमी है। इस सर्जरी के दौरान , स्तन के आसपास एक छोटा सा चीरा लगाकर वहां मौजूद एक्स्ट्रा फैट को बाहर निकाल दिया जाता है।
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