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  5. किडनी स्टोन का निदान कैसे किया जाता है?
CK Birla Hospital
Category:
Urology
December 30, 2022Author:
Dr. Samir Khanna
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गुर्दे की पथरी को अंग्रेजी में किडनी स्टोन कहते हैं। यह पेशाब में पाए जाने वाले सॉल्ट और मिनरल्स जैसे रसायनों से बानी होती है। आज के समय में किडनी स्टोन होना एक सामान्य समस्या का रूप ले चूका है। पूरी दुनिया में लाखों की संख्या में मरीज इससे पीड़ित हैं।

गुर्दा यानी किडनी का मुख्य काम अपशिष्ट और तरल पदार्थों की अधिक मात्रा को शरीर से बाहर निकालना है। किडनी का काम पेशाब के जरिए सोडियम, पोटाशियम आदि अपशिष्ठ पदार्थों को शरीर से बाहर निकालकर खून का शुद्धिकरण करना है।

हालांकि, जब आपकी डाइट में कैल्शियम, पोटेशियम आदि खनिजों की अधिक मात्रा होती है तो इनकी मात्रा अधिक होने के कारण कई बार यह किडनी से पूरी तरह बाहर नहीं निकल पाते हैं। अंतत यही अपशिष्ट पदार्थ धीरे-धीरे एक जगह जमा होकर पत्थर यानी स्टोन जैसी आकृति की संरचना कर लेते हैं जिसे मेडिकल भाषा में किडनी स्टोन या गुर्दे की पथरी के नाम से जाना जाता है।

आमतौर पर किडनी स्टोन की शुरुआती स्टेज में इसके लक्षण अनुभव नहीं होते हैं। लेकिन जैसे-जैसे इसकी संख्या बढ़ती है या इसका आकार बड़ा होता है – लक्षण अनुभव होने शुरू हो जाते हैं। किडनी स्टोन के लक्षणों में पेशाब से खून आना, बार-बार पेशाब लगना, पेशाब से बदबू आना, पेशाब के रंग में बदलाव आना, बुखार और उल्टी होना, यूरिन मार्ग में संक्रमण होना, पेशाब के साथ खून आना, कमर के निचले हिस्से में तेज और असहनीय दर्द होना आदि शामिल हैं।

किडनी स्टोन का निदान

किडनी स्टोन के लक्षण अनुभव होने पर मरीज को तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। मरीज से उसकी परेशानियों के बारे में पूछने के बाद, डॉक्टर मरीज का शारीरिक परीक्षण करते हैं और फिर लक्षणों के आधार पर किडनी स्टोन का निदान करने के लिए कुछ जांच का सुझाव देते हैं जिनमें निम्न शामिल हो सकते हैं:

  • खून जांच

इस दौरान डॉक्टर मरीज के खून का सैम्पल लेकर लैब में जांच करते हैं। खून जांच के दौरान, खून में मौजूद मिनरल्स के बारे में पता लगाया जाता है। जाँच के दौरान, खून में मिनरल्स या यूरिक एसिड की अधिक मात्रा की पुष्टि होना किडनी हेल्थ में किसी प्रकार की गड़बड़ी को दर्शाता है। खून जाँच के परिणाम के आधार पर निदान की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाता है।

  • मूत्र परीक्षण

मूत्र परीक्षण यानी यूरिन टेस्ट जिसके दौरान डॉक्टर मरीज के पेशाब का सैंपल लेकर लैब में जांच के लिए भेजते हैं। अगर टेस्ट के दौरान, मूत्र में पथरी बनाने वाले पदार्थों की मात्रा सामान्य से अधिक पायी जाती है तो यह किडनी स्टोन की ओर इशारा करते हैं।

  • इमेजिंग टेस्ट

जब ऊपर दिए गए जांचों से किडनी स्टोन की पुष्टि हो जाती है तो डॉक्टर आगे इमेजिंग टेस्ट यानी इमेजिंग परीक्षण करने का सुझाव देते हैं। किडनी स्टोन को विस्तृत रूप से देखने और समझने के लिए डॉक्टर सिटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड करते हैं।

  • सिटी स्कैन

इस जाँच के दौरान एक्स-रेज का इस्तेमाल करके डॉक्टर कंप्यूटर स्क्रीन पर किडनी को देखते हैं।

  • अल्ट्रासाउंड

इस जांच के दौरान हाई फ्रीक्वेंसी रेडियो वेव्स का इस्तेमाल करके किडनी स्टोन की तस्वीर प्राप्त की जाती है जिससे उसके आकार एवं प्रकार को समझने में मदद मिलती है।

इन सबके अलावा, कुछ मामलों में कुछ मरीजों को पेशाब के साथ स्टोन बाहर आ जाता है। ऐसे में डॉक्टर, बाहर निकले हुए स्टोन का आकलन करते हैं। जांच के बाद, डॉक्टर स्टोन के प्रकार, आकार और मरीज की उम्र एवं समग्र स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उपचार के प्रकार और पद्धति का चयन करते हैं।

अगर आप खुद में किडनी स्टोन के लक्षणों का अनुभव करते हैं या आपको इस बात की आशंका है कि आपको किडनी स्टोन है तो आप हमारे विशेषज्ञ डॉक्टर के साथ परामर्श कर सकते हैं। हमारे डॉक्टर के साथ अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए आप इस पेज के ऊपर दिए गए फोन नंबर या बुक अपॉइंटमेंट फॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. कितने एमएम की पथरी अपने आप निकल जाती है?

विशेषज्ञ डॉक्टर का कहना है कि अगर किडनी स्टोन का आकर 5-6 मिलीमीटर है तो वह बिना ऑपरेशन के अपने आप ही पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकल सकती है। हालाँकि, अगर ऐसा नहीं होता है और लक्षण गंभीर रूप लेने लगते हैं तो मेडिकल उपचार की आवश्यकता पड़ सकती है।

प्रश्न 2. क्या किडनी स्टोन अपने आप घुल सकती है?

किडनी की छोटी पथरी अक्सर शरीर से अपने आप बाहर निकल जाती है। जब तक वे गंभीर दर्द या जटिलताओं का कारण नहीं बनते, उपचार आवश्यक नहीं है। किडनी स्टोन का आकार बड़ा होने पर आमतौर पर इलाज करने की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 3. पथरी में चाय पीनी चाहिए क्या?

आमतौर पर किडनी स्टोन से पीड़ित मरीज को डॉक्टर चाय के सेवन से मना करते हैं। काली चाय में ऑक्सालेट भरपूर मात्रा में मौजूद होता है। ऑक्सालेट एक यौगिक है जो अनेक खान-पान की चीजों में पाया जाता है। शरीर में इसकी मात्रा अधिक होने पर किडनी स्टोन का खतरा बढ़ जाता है।

प्रश्न 4. क्या पथरी में दूध पीना चाहिए?

आपको उन खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित करना चाहिए जो कैल्शियम ऑक्सालेट स्टोन बनाते हैं जो किडनी स्टोन का प्रमुख प्रकार है। भोजन के दौरान कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे दूध, दही, और कुछ पनीर और ऑक्सलेट युक्त खाद्य पदार्थ एक साथ खाएं और पिएं।

गाय के दूध में ऑक्सालेट नहीं होता है और इसमें आपके लिए आवश्यक कैल्शियम होता है, इसलिए यह आपके लिए एक अच्छा विकल्प है। कैल्शियम ऑक्सालेट से बनी गुर्दे की पथरी तब बनती है जब मूत्र में इन पदार्थों की मात्रा अधिक होती है।