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डेंगू एक आम संचारी रोग है जिससे पीड़ित होने पर आप खुद में अनेक लक्षणों को अनुभव कर सकते हैं जैसे कि, तेज बुखार, शरीर और सिर में तेज दर्द आदि। यह एडीज मच्छर के काटने से होता है। डेंगू माइल्ड या गंभीर हो सकता है।
डेंगू का सटीक उपचार संभव नहीं है। हालांकि, उपचार की मदद से इसके लक्षणों में सुधार किया जा सकता है। गंभीर डेंगू होने पर मरीज को हॉस्पिटल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ती है। भारत में डेंगू बरसात और उसके तुरंत बाद के महीने में सबसे अधिक फैलता है।
डेंगू के लक्षण इसकी गंभीरता के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। बच्चों और किशोरों में माइल्ड डेंगू होने पर लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। संक्रमित होने के बाद आमतौर पर 4-7 दिनों के अंदर डेंगू के लक्षण नजर आने लगते हैं।
डेंगू के मुख्य लक्षणों में तेज बुखार (104° F) शामिल है। अन्य लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:
गंभीर डेंगू होने पर रक्तस्रावी बुखार या डीएचएफ होने का खतरा बढ़ जाता है। इस स्थिति में रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं और खून में प्लेटलेट की संख्या कम हो जाती है। इस दौरान कुछ लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जैसे कि:
डेंगू का सटीक उपचार उपलब्ध नहीं है, लेकिन उपचार के कुछ खास माध्यमों की मदद से इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है। डेंगू के कारण उत्पन्न बुखार और दर्द को नियंत्रित करने के लिए डॉक्टर दर्दनिवारक दवाओं का इस्तेमाल करते हैं।
डेंगू को नियंत्रित रखने के लिए शरीर को हाइड्रेट रखना एक महत्वपूर्ण तरीका है। शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए डॉक्टर मरीज को पर्याप्त मात्रा में स्वच्छ पानी पीने की सलाह देते हैं। साथ ही, मामला गंभीर होने पर मरीज की नसों के जरिए इंट्रावेनस फ्लूइड या इलेक्ट्रोलाइट सप्लीमेंट दी जाती है।
कुछ मामलों में मरीज की उम्र और समग्र स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग और खून चढ़ाकर (ब्लड ट्रांसफ्यूजन) इलाज किया जाता है। डेंगू होने पर आपको बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी दवा का सेवन करने से बचना चाहिए।
कुछ खास घरेलू उपायों की मदद से डेंगू के लक्षणों में सुधार किया जा सकते हैं जैसे कि:
इन सबके अलावा, आप दिन में कितनी बार पेशाब करते हैं इसकी संख्या और पेशाब के रंग को नोट करें और डॉक्टर से बताएं।
अनेक ऐसे कारक हैं जो डेंगू के जोखिम यानी खतरे को बढ़ाते हैं। इसमें मुख्य रूप से निम्न शामिल हो सकते हैं:
गंभीर डेंगू होने पर यह लिवर, फेफड़ों और दिल को प्रभावित कर सकता है जिसके कारण ब्लड प्रेशर काफी कम हो सकता है। डेंगू संबंधित जटिलताओं में निम्न शामिल हो सकते हैं:
अमेरिकी खाद्य और औषधि प्रशासन (US Food and Drug Administration) ने 2019 में 9-16 वर्ष की उम्र वाले बच्चों में डेंगवैक्सिया नामक एक डेंगू के टीके का उपयोग करने की मंजूरी दी थी। हालांकि, भारत में इस टीके को इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी गई है।
डेंगू एक संचारी बीमारी है जो मच्छरों द्वारा एक से दूसरे इंसान में फैलती है। इसका टीका नहीं होने के कारण, इससे बचने का एकमात्र उपाय है मच्छरों से खुद को बचाकर रखना। इसके लिए आप मॉस्किटो रेप्लेंट्स या मच्छरदानी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
इसके अलावा, शाम होने से पहले अपने घर की खिड़कियों को बंद कर दें, शरीर को पूरी तरह ढककर रखें, अपने घर में या उसके आसपास पानी जमा न होने दें, पानी को ढककर रखें, अगर कोई पानी का स्रोत है तो उसे हटा दें या ढक दें या उपयुक्त कीटनाशक का इस्तेमाल करें।
प्रश्न 1. गंभीर डेंगू होने पर क्या होता है ?
गंभीर डेंगू होने से फेफड़े, लिवर और दिल को नुकसान पहुंचता है जिससे दूसरी गंभीर समस्याओं का खतरा बढ़ता है।
प्रश्न 2. डेंगू का बुखार कितने दिन में ठीक होता है?
आमतौर पर 5-7 दिनों के अंदर डेंगू बुखार ठीक हो जाता है, लेकिन यह हर मरीज में अलग-अलग हो सकता है।
प्रश्न 3. डेंगू बुखार की पहचान क्या है?
तेज बुखार डेंगू की प्रमुख पहचान है। डेंगू होने पर 102-103º F तक बुखार आना आम बात है।
प्रश्न 4. क्या डेंगू एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है?
डेंगू एक संक्रामक रोग है जो एक से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।
प्रश्न 5. डेंगू एक से दूसरे व्यक्ति में कैसे फैलता है?
मच्छर जब डेंगू से पीड़ित मरीज को काटता है तो वह उसका खून चूसता है। खून में शामिल डेंगू का वायरस मच्छर को भी संक्रमित करता है। उसके बाद, जब यह संक्रमित मच्छर दूसरे व्यक्ति को काटता है तो उसे भी संक्रमित करता है जिससे यह बीमारी फैलती है।