शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए इसमें पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, विटामिन और दूसरे आवश्यक पोषक तत्वों का होना जरूरी है। शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने के कारण कई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं। हीमोग्लोबिन में कमी आना उन्हीं में से एक है।
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हीमोग्लोबिन एक प्रकार का प्रोटीन है जो लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाता है। हीमोग्लोबिन में कमी होने के कारण शरीर में खून की मात्रा घट जाती है। खून की मात्रा घटने पर एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है। कुछ मामलों में एनीमिया जानलेवा भी साबित हो सकता है।
डॉक्टर के मुताबिक, हीमोग्लोबिन के कारण एनीमिया का खतरा बढ़ सकता है। अगर परीक्षण के दौरान पुरुषों में हीमोग्लोबिन की मात्रा 13.5 ग्राम / डीएल और महिलाओं में 12 ग्राम / डीएल से कम आता है तो इस स्थिति को मेडिकल भाषा में एनीमिया कहते हैं। गर्भवती महिलाओं और बूढ़े लोगों में हीमोग्लोबिन की कमी होने का खतरा अधिक होता है। डॉक्टर का कहना है कि हेल्दी डाइट का सेवन कर हीमोग्लोबिन की कमी के खतरे को दूर किया जा सकता है।
इस ब्लॉग में हम आपको हीमोग्लोबिन कम होने के कारण, लक्षण और उपचार के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं।
शरीर में प्रोटीन की मात्रा उचित नहीं होने पर हीमोग्लोबिन की समस्या पैदा होती है। आमतौर पर गर्भधारण करने के बाद एक महिला के शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो जाता है।
अनेक ऐसी स्थितियां है जिनके कारण हीमोग्लोबिन का स्तर कम होता है। इसमें शामिल हैं:-
ऊपर दिया गए कारणों को ध्यान में रखते हुए कुछ सावधानियां बरतकर शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी के खतरे को कम किया जा सकता है।
शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम होने पर आप खुद में अनेक लक्षणों को अनुभव कर सकते हैं। इसमें मुख्य रूप से शामिल हैं:-
अगर आप ऊपर दिए गए लक्षणों को खुद में अनुभव करते हैं तो आपको जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी के कारण अनेक समस्याएं पैदा हो सकती हैं जैसे कि:-
शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी का निदान करने के लिए डॉक्टर सबसे पहले मरीज का शारीरिक परीक्षण करते हैं। साथ ही, मरीज से उसकी मेडिकल हिस्ट्री और शराब की लत से संबंधित कुछ सामान्य प्रश्न पूछ सकते हैं।
उसके बाद, डॉक्टर ब्लड टेस्ट और दूसरे जांच करने का सुझाव दे सकते हैं जिसमें शामिल हैं:-
इन सभी जांचों के परिणामों के आधार पर हीमोग्लोबिन की कमी के सटीक कारण का पता चलता है। उसके बाद, डॉक्टर उपचार के माध्यम का चयन करके इलाज की प्रक्रिया शुरू करते हैं।
हीमोग्लोबिन का उपचार कई तरह से किया जा सकता है। हीमोग्लोबिन का उपचार उसके कारण पर निर्भर करता है। आवश्यकता के अनुसार हीमोग्लोबिन का उपचार करने के लिए डॉक्टर अनेक तरकीब अपना सकते हैं।