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  5. लू से बचने के 10 रामबाड़ घरेलु उपाय
CK Birla Hospital
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गर्मी के मौसम में चलने वाली बेहद गर्म और सूखी हवा को ‘लू’ कहते हैं। जब तापमान बहुत ज्यादा (40°C से ऊपर) हो और हवा में नमी कम हो, तो लू चलती है। यह शरीर पर बुरा असर डाल सकती है। छोटे बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और जो लोग दिन में बाहर काम करते हैं (जैसे कि मजदूर, रेहड़ी वाले, ट्रैफिक पुलिस) आदि को लू लगने का सबसे अधिक खतरा होता है।

मई और जून के महीनों में, खासकर दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच लू चलने का खतरा अधिक होता है। लू लगने पर मरीज खुद में कुछ लक्षणों को अनुभव कर सकता है जैसे कि:

  • सिर दर्द और चक्कर आना
  • बहुत तेज प्यास लगना
  • त्वचा का लाल और सूखा हो जाना
  • उल्टी या मतली की शिकायत होना
  • कमजोरी और थकावट महसूस होना

कई कारणों से आपको लू लग सकता है। इसके मुख्य कारणों में शामिल हैं:

  • तेज धूप में ज्यादा देर रहना
  • पर्याप्त पानी नहीं पीना
  • गर्मी में भारी काम करना
  • धुप में सिर और शरीर को बिना ढके बाहर निकलना
  • पसीना अधिक आना और नमक की कमी होना
  • शरीर का तापमान कंट्रोल में न होना

लू लगने पर आप कुछ ख़ास उपायों की मदद ले सकते हैं। लू लगने के घरेलू उपचार हैं जिनकी मदद से इस समस्या को दूर किया जा सकता है और इससे बचा भी जा सकता है। इसमें शामिल हैं:

  • प्याज का प्रयोग करना 
  • कच्चे आम का शरबत पीना
  • नींबू पानी और नमक-शक्कर का घोल पीना
  • धूप में निकलने से पहले छाछ या बेल का शरबत पीना
  • धूप में निकलने से पहले सिर और कान ढकना
  • हल्के और ढीले कपड़े पहनना
  • दिन के सबसे गर्म समय (12-3 बजे) में बाहर निकलने से बचना
  • तुलसी और गुलकंद का सेवन करना
  • नारियल पानी और तरबूज का सेवन करना
  • पानी में ओआरएस मिलाकर पीना

कुछ खास उपाए हैं जिन्हें अपनाकर आप खुद को लू लगने से बचा सकते हैं। आइए लू लगने के लक्षण व उपचार के बारे में विस्तार से जानते हैं।

लू लगना क्या है? (Loo lagna kya hai)

गर्मी के मौसम में जब शरीर का तापमान सामान्य से बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और शरीर में पानी की कमी हो जाती है, तो उसे लू लगना कहते हैं। यह एक तरह की हीट स्ट्रोक (heat stroke in hindi) की स्थिति होती है।

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लू लगने के लक्षण (Loo Lagne Ke Lakshan)

जब इंसान को लू लगती है, तो शरीर में कई बदलाव दिखाई देने लगते हैं। इन लक्षणों को पहचानना बहुत जरूरी है ताकि समय रहते इलाज हो सके।

  • तेज बुखार (fever-common causes, symptoms & treatment):

    लू लगने पर शरीर का तापमान बहुत तेजी से बढ़ जाता है, जो अक्सर 104°F या उससे अधिक हो सकता है। यह बुखार सामान्य बुखार से अलग होता है और बिना पसीना आए बढ़ता रहता है।

  • सिर दर्द और चक्कर आना (headache causes, symptoms & treatment in hindi):

    तेज धूप में रहने से दिमाग पर असर होता है। व्यक्ति को तेज सिर दर्द और चक्कर आने लगते हैं। कभी-कभी यह चक्कर बेहोशी तक भी ले जा सकते हैं।

  • बहुत तेज प्यास लगना:

    लू के कारण शरीर का पानी तेजी से बाहर निकल जाता है। इससे व्यक्ति को बार-बार और बहुत अधिक प्यास लगती है।

  • त्वचा का लाल और सूखा हो जाना:

    लू लगने पर त्वचा गर्म और सूखी हो जाती है। पसीना आना बंद हो जाता है, जिससे शरीर का तापमान और बढ़ता है।

  • उल्टी या मतली (vomiting & nausea):

    पेट खराब लगने लगता है और कभी-कभी उल्टी भी हो सकती है। यह शरीर में गर्मी और पानी की कमी के कारण होता है।

  • कमजोरी और थकावट:

    व्यक्ति बहुत कमजोर महसूस करता है, शरीर थका हुआ और सुस्त लगने लगता है। किसी काम में मन नहीं लगता।

कुछ मामलों में व्यक्ति को समझ में नहीं आता कि उसके साथ क्या हो रहा है। वह उल्टा-सीधा बोल सकता है या बेहोश भी हो सकता है।

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लू लगने के क्या कारण हैं? (Loo lagne ke kaaran)

लू लगने के कई कारण होते हैं, जिनमें मुख्य रूप से तेज गर्मी और शरीर में पानी की कमी शामिल हैं। आइए विस्तार से जानते हैं:

  • तेज धूप में ज्यादा देर रहना:

    जून-जुलाई के महीने में जब तापमान बहुत ज्यादा होता है, उस समय बिना छांव या सुरक्षा के बाहर जाना लू का बड़ा कारण बनता है।

  • पर्याप्त पानी न पीना:

    गर्मी के मौसम में शरीर को ज्यादा पानी की जरूरत होती है। अगर आप दिनभर पानी नहीं पीते हैं तो शरीर जल्दी डीहाइड्रेट हो जाता है और लू लग सकती है।

  • गर्मियों में भारी काम करना:

    अगर आप खेतों में, निर्माण कार्य में या फैक्ट्री में तेज गर्मी में लगातार काम करते हैं, तो शरीर गर्मी सहन नहीं कर पाता और लू लग जाती है।

  • सिर और शरीर को ढककर बाहर न निकलना:

    सिर को टोपी, गमछा या छतरी से ढके बिना निकलने से सूरज की किरणें सीधे सिर पर लगती हैं। यह लू लगने का बड़ा कारण है।

  • पसीना अधिक आना और नमक की कमी:

    ज्यादा पसीना निकलने से शरीर में नमक की मात्रा कम हो जाती है। इससे शरीर का तापमान कंट्रोल से बाहर हो जाता है।

  • शरीर का तापमान नियंत्रित न होना:

    कुछ लोगों के शरीर में गर्मी सहने की क्षमता कम होती है। ऐसे लोग जल्दी लू की चपेट में आ जाते हैं।

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लू से बचने के 10 घरेलू उपाय (loo se bachne ke gharelu upay)

अगर आप लू से बचना चाहते हैं या किसी को लू लग गई है, तो नीचे दिए गए उपाय बहुत फायदेमंद हैं। लू लगने के घरेलू उपचार में निम्न शामिल हैं:

  1. प्याज का प्रयोग करें:

    कच्चे प्याज को काटकर जेब में रखें या शरीर पर रगड़ें। यह शरीर को गर्म हवाओं से बचाता है। आप प्याज का रस निकालकर माथे पर भी लगा सकते हैं।

  2. कच्चे आम का शरबत:

    कच्चे आम को उबालकर उसके रस में नमक और पुदीना मिलाकर पिएं। यह शरीर को ठंडक देता है और लू से बचाता है।

  3. नींबू पानी और नमक-शक्कर का घोल:

    नींबू पानी में थोड़ा नमक और शक्कर मिलाकर रोज पिएं। यह शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को पूरा करता है।

  4. धूप में निकलने से पहले छाछ या बेल का शरबत पिएं:

    छाछ और बेल का शरबत शरीर को अंदर से ठंडक देता है और लू से बचाता है।

  5. धूप में निकलने से पहले सिर और कान ढकें:

    टोपी, दुपट्टा या गमछा जरूर पहनें। सिर और कान को ढकने से गर्म हवाएं शरीर के अंदर नहीं जातीं।

  6. हल्के और ढीले कपड़े पहनें:

    गर्मियों में सूती और हल्के रंग के कपड़े पहनें। ये पसीना जल्दी सोख लेते हैं और शरीर को ठंडा रखते हैं।

  7. दिन के सबसे गर्म समय (12-3 बजे) में बाहर न निकलें:

    इस समय सूरज की गर्मी सबसे तेज होती है। बहुत जरूरी हो तभी बाहर जाएं।

  8. तुलसी और गुलकंद का सेवन करें:

    गुलकंद (गुलाब की पंखुड़ियों से बना मुरब्बा) और तुलसी शरीर को ठंडक देते हैं और गर्मी से लड़ने में मदद करते हैं।

  9. नारियल पानी और तरबूज खाएं:

    नारियल पानी शरीर को तुरंत ऊर्जा और पानी देता है। तरबूज, खीरा और ककड़ी जैसे फल भी बहुत लाभकारी होते हैं।

  10. पानी में ओआरएस मिलाकर पिएं:

    ओआरएस (ORS) शरीर की खोई हुई नमक और शक्कर की मात्रा को पूरा करता है। ये बाजार में आसानी से मिलता है या घर पर भी बनाया जा सकता है।

गर्मी में लू लगना एक गंभीर समस्या हो सकती है, लेकिन थोड़ी सी सावधानी और सही जानकारी से इससे बचा जा सकता है। लू लगने के लक्षणों को समय पर पहचानना और तुरंत घरेलू या चिकित्सीय उपचार शुरू करना जरूरी है।

ध्यान रखें:

  • खूब पानी पिएं
  • तेज धूप से बचें
  • सिर और कान ढककर ही बाहर जाएं
  • गर्मियों में हल्का खाना खाएं
  • शरीर को ठंडा और हाइड्रेटेड रखें

यदि लू लगने के लक्षण ज्यादा गंभीर हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। समय रहते इलाज होने से जान बचाई जा सकती है।

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FAQs 

लू लगने पर कितनी देर में असर दिखता है?

धूप में 30 मिनट से ज्यादा रहने के बाद शरीर पर लू के लक्षण दिखने शुरू हो सकते हैं। यह व्यक्ति की सहनशक्ति और शरीर में पानी की मात्रा पर भी निर्भर करता है।

क्या छोटे बच्चों को भी लू लग सकती है?

हां, बच्चे, बूढ़े और गर्भवती महिलाएं सबसे जल्दी लू की चपेट में आ सकते हैं। इसलिए इन्हें खास ध्यान देना चाहिए।

क्या लू लगना जानलेवा हो सकता है?

अगर सही समय पर इलाज न हो तो यह जानलेवा भी हो सकता है। खासकर अगर शरीर का तापमान बहुत अधिक हो जाए और बेहोशी जैसी हालत हो।

क्या लू लगने के बाद नहाना सही है?

अगर हल्के लक्षण हैं तो ठंडे पानी से स्नान किया जा सकता है, लेकिन बहुत तेज बुखार या बेहोशी की हालत में तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए।

क्या सिर्फ धूप से ही लू लगती है?

जी नहीं, गर्म और सूखी हवा (लू) भी शरीर को नुकसान पहुंचाती है। इसलिए गर्मी में हवा भी उतनी ही खतरनाक हो सकती है।