टाइफाइड पेशेंट को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं
ठंड का मौसम शुरू हो गया है और अब हर रोज टाइफाइड बुखार के मामले सामने आ रहा हैं। अगर आप टाइफाइड के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो यह ब्लॉग आपके लिए है। इस ब्लॉग में टाहम इफाइड के कारण, लक्षण और खानपान के बारे में विस्तार से जानेंगे।
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टाइफाइड कैसे और क्यों होता है ?
टाइफाइड (Typhoid) एक बैक्टीरियल इंफ्केशन है जो मुख्य रूप से साल्मोनेला टाइफी नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। हालाँकि, यह अन्य कारणों से भी हो सकता है जैसे कि:
- इन्फेक्टेड व्यक्ति से छुआ छुई हुई चीज़ों का सेवन करना
- सीवरेज से दूषित यानी गंदा पानी पीना
- प्रदूषित पानी से बने बर्फ का सेवन करना
- बिना पाश्चराइज्ड दूध या जूस का सेवन करना
- इन्फेक्टेड व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल किसी वस्तु को छूना और उसके बाद हाथ न धोना
इन सबके अलावा, उन जगहों पर जाना जहां बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जैसे कि लेबोरेट्री या हॉस्पिटल।
टाइफाइड के क्या लक्षण होते हैं ?
टाइफाइड होने पर आप बुखार के अलावा खुद में अन्य लक्षणों को भी अनुभव कर सकते हैं। इसमें सामान्य तौर पर निम्न शामिल हो सकते हैं:
- कमज़ोरी और थकान महसूस करना
- भुखार का धीरे-धीरे बढ़ना
- ठंड लगना और कपकपी होना
- मांसपेशियों में दर्द होना
- सिर और पेट में दर्द होना
- खांसी की शिकायत होना
- कभी-कभी मल्टी और उल्टी होना
- कब्ज और कभी-कभी दस्त की शिकायत होना
इन सबके अलावा, आप अन्य लक्षण भी अनुभव कर सकते हैं जैसे कि चक्कर आना और चलने-फिरने में असमर्थ होना आदि। आमतौर पर टाइफाइड के लक्षण बैक्टीरिया के सम्पर्क में आने के 1-3 सप्ताह के बाद शुरू होते हैं।
टाइफाइड में क्या खाना चाहिए?
टाइफाइड में डाइट बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसलिए इस दौरान आपको अपनी डाइट यानी खानपान का ख़ास ध्यान रखना चाहिए। टाइफाइड होने पर डॉक्टर आमतौर पर निम्न का सेवन करने का सुझाव देते हैं:
- प्रोटीन: प्रोटीन से भरपूर चीज़ें जैसे कि दालें, उबला हुआ चिकन, अंडे और मशरूम आदि को अपनी डाइट में शामिल करें।
- उबली हुई चीज़ें: जो चीज़ें आपको आसानी से हजम हों जैसे कि केले, पपीता, उबली हुई मिक्स्ड सब्जियां और चावल और सूप आदि का सेवन करें।
- दही और छाछ: टाइफाइड होने पर आपको कैल्शियम की आवश्यकता होती है जिसे पूरा करने के लिए दही और छाछ का सेवन करें।
- लिक्विड: लिक्विड यानी तरल पदार्थ जैसे कि नारियल का पानी, लेमोनेड (निम्बू का रस, अनार का जूस और मिक्स्ड फ्रूट जूस और रूहअफजा आदि पीएं।
ये सब आपको आपके शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं जिससे कमज़ोरी दूर होती है और आपको जल्दी ठीक में मदद मिलती है।
टाइफाइड में क्या नहीं खाना चाहिए?
टाइफाइड होने पर आपको कुछ चीज़ों से परहेज़ करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इससे आपके लक्षण बेहतर होते हैं और जल्दी रिकवरी में मदद मिलती है। इसमें मुख्य रूप से निम्न शामिल हैं:
- फाइबर से भरपूर चीज़ें जैसे कि साबुत अनाज और उससे बानी चीज़ें एवं साबुत दाल आदि का सेवन से परहेज़ करें।
- ताली हुई खानपान की चीज़ें जैसे कि समोसा, मोमोज, पकोड़े, हलवा, लड्डू और फास्ट फूड्स आदि से बचें।
- मसाले से भरपूर खानपान के पदार्थ जैसे कि चटनी, अचार, चाउमिंग और मिर्च, मिर्च का सॉस, सिरका और लहसून को न कहें।
- उन सभी खानपान की चीज़ें जैसे कि कटहल और अनानास आदि से परहेज़ करें जिससे गैस की समस्या पैदा हो सकती है।
साथ ही, मीठी चीज़ें, गाढ़ी मलाई, घी, मक्खन, चिप्स, बिस्कुट आदि का सेवन करने से बचें। खानपान को लेकर अगर आपके मन में कोई प्रश्न हो तो डॉक्टर से बात करें।
टाइफाइड में किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए?
टाइफाइड से पीड़ित मरीज़ को कुछ बातों का ख़ास ध्यान रखने की आवश्यकता होती है ताकि लक्षण और खराब न हों और रिकवरी जल्दी हो। अगर आपको टाइफाइड है तो निम्न बातों का ध्यान रखें:
- आराम करें: टाइफाइड होने पर आपका शरीर कमज़ोर हो जाता है। इसलिए आपको आराम की आवश्यकता होती है। स्कुल, कॉलेज या काम पर जाने से बचें। जितना हो सके घर पर रहकर आराम करने की कोशिश करें। काम करने से आपको थकान हो सकती है जिससे टाइफाइड का बुखार और बढ़ सकता है।
- साफ सफाई रखें: शरीर के साथ-साथ अपने आसपास साफ-सफाई का ख़ास ख्याल रखें। साबुन और हल्का गर्म पानी से अपना हाथ धोएं, अपने कपड़े, तौलिये, चादर और पर्दा आदि को साफ रखें। इससे दूसरों में संक्रमण फैलना का खतरा नहीं होता है। साथ ही, आपको फ्रेश और एनर्जेटिक महसूस करते हैं जो रिकवरी में मददगार होते हैं।
- हल्का भोजन करें: दिन भर में तीन बार खाना खाने के बजाय 4-5 बार छोटे-छोटे हल्के मील लें। इससे आपकी पाचन तंत्र पर कम प्रेशर पड़ेगा और हाजमे की क्रिया आसानी से पूरी होगी। साथ ही, अधिक तेल या मसाले का इस्तेमाल करने से बचें। डॉक्टर से परामर्श करने के बाद कुछ दिनों तक नॉनवेज खाने से भी परहेज करें।
- समय पर दवा लें: डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाओं का समय पर सेवन करें। लक्षणों राहत मिलने के बाद भी दवा की कोर्स को पूरा करें। अगर आपको दवा से किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट हो तो दवा का सेवन बंद करके अपने डॉक्टर से इस बारे में बात करें।
टाइफाइड के उपचार में दवाओं के सेवन के साथ-साथ डॉक्टर लाइफस्टाइल में भी कुछ बदलाव लाने का सुझाव देते हैं। डॉक्टर की दिशानिर्देशों का पालन करें और किसी भी तरह की कोई समस्या होने पर बिना देरी किए अपने डॉक्टर से मिलें। टाइफाइड होने पर प्लेटलेट्स बहुत तेज़ी से कम होते हैं, ऐसे में इन सभी बातों का ध्यान रखना आवश्यक है, ताकि किसी भी संभावित गंभीर समस्या को रोका जा सके।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
टाइफाइड कितने दिन तक रहता है?
अगर टाइफाइड के लक्षण अनुभव होने के तुरंत बाद ही उपचार शुरू हो जाए तो यह आमतौर पर 10 दिनों तक रहता है, लेकिन उपचार में देरी होने पर यह 3-4 सप्ताह या उससे अधिक समय तक रह सकता है। इस दौरान उसके लक्षण खराब भी हो सकता हैं और आपको अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
टाइफाइड में चाय पीना चाहिए या नहीं?
टाइफाइड होने पर सीमित मात्रा में चाय का सेवन करने का सुझाव दिया जाता है। आमतौर पर इस दौरान डॉक्टर हर्बल चाय पीने की सलाह देते हैं, क्योंकि इससे शरीर का दर्द कम होता है और यह आपकी बॉडी को हाइड्रेट रखता है। चाय के अलावा, आप काढ़ा भी पी सकते हैं।
टाइफाइड में दूध पीना चाहिए या नहीं?
हाँ, टाइफाइड होने पर दूध का सेवन कर सकते हैं। दूध में मौजूद प्रोटीन आपको ताकत प्रदान करता है। दूध को पीने से पहले उसे हल्का गर्म कर लें। अगर आपको दूध से एलर्जी है या इससे कब्ज या गैस का खतरा है तो इससे परहेज़ करें।