आजकल की व्यस्त और अस्वस्थ जीवनशैली के कारण दुनिया भर में हाई और लो बीपी (ब्लड प्रेशर) की समस्या बहुत आम हो गई हैं। जैसे-जैसे हम तनावपूर्ण जीवन जीते हैं और असंतुलित डाइट लेते हैं, शरीर में ब्लड प्रेशर (ब्लड प्रेशर) में उतार-चढ़ाव होना स्वाभाविक हो जाता है। उदाहरण के तौर पर, लंबे समय तक काम का दबाव या अनहेल्दी खानपान की आदतें लो बीपी का कारण बन सकती हैं। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि आखिर लो बीपी के कारण क्या होते हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है।
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लो बीपी (लो ब्लड प्रेशर) एक ऐसी स्थिति है जब आपके ब्लड प्रेशर का स्तर सामान्य से बहुत कम होता है। यह शरीर के विभिन्न अंगों तक पर्याप्त खून और ऑक्सीजन पहुंचने में रुकावट डाल सकता है। लो बीपी का मतलब यह नहीं कि हमेशा यह खतरनाक होता है, लेकिन अगर वह अचानक गिर जाए या लंबे समय तक बना रहे, तो यह स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
लो बीपी के लक्षणों में अक्सर सिरदर्द, चक्कर आना, कमजोरी और धुंधला दिखाई देना शामिल हैं। यदि ब्लड प्रेशर बहुत कम हो, तो शरीर के अंगों में खून का संचार सही तरीके से नहीं हो पाता, जिससे ये लक्षण महसूस होते हैं। यदि आपको अचानक बीपी लो होने का अनुभव हो, तो तुरंत आराम करें और पानी पीने की कोशिश करें।
लो बीपी (लो ब्लड प्रेशर) एक आम स्वास्थ्य समस्या है, जो कई कारणों से हो सकती है।
पानी की कमी से ब्लड प्रेशर कम हो सकता है, क्योंकि शरीर में खून की मात्रा घट जाती है। हाइड्रेटेड रहना जरूरी है।
थायराइड, एड्रेनल या शुगर असंतुलन जैसे हार्मोनल बदलाव लो बीपी का कारण बन सकते हैं, जो ब्लड प्रेशर को प्रभावित करते हैं।
दिल की बीमारियां जैसे दिल का दौरा या अनियमित धड़कन खून पंप करने में समस्या पैदा करती हैं, जिससे बीपी कम हो सकता है।
आयरन, विटामिन B12 या फोलिक एसिड की कमी से खून निर्माण में कमी हो सकती है, जिससे लो बीपी हो सकता है।
कुछ दवाइयाँ जैसे एंटी-डिप्रेसेंट्स या बीटा-ब्लॉकर्स लो बीपी का कारण बन सकती हैं, जो ब्लड प्रेशर को घटाती हैं।
अचानक हुई ब्लीडिंग से शरीर में खून की कमी होती है, जिससे लो बीपी हो सकता है और शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है।
इन सबके अलावा, अधिक तनाव से शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जो ब्लड प्रेशर को अस्थायी रूप से बढ़ते हैं और फिर कम होने का कारण बन सकते हैं।
लो बीपी के मुख्य रूप से तीन प्रकार होते हैं:
लो बीपी का निदान सामान्यतः आपके डॉक्टर द्वारा ब्लड प्रेशर की माप करने से किया जाता है। इसके अलावा, डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री और अन्य लक्षणों का भी मूल्यांकन करेंगे। ब्लड प्रेशर को मापने के लिए स्टेथोस्कोप और स्फिग्मोमैनोमीटर का उपयोग किया जाता है।
लो बीपी का इलाज इसके कारणों पर निर्भर करता है। कुछ सामान्य घरेलू उपाय जो आप कर सकते हैं, वे निम्नलिखित हैं:
लो बीपी को रोकने के लिए कुछ आसान उपाय हैं:
लो बीपी के घरेलू उपायों में प्राकृतिक उपचार शामिल हैं जैसे:
बीपी लो के लक्षणों में चक्कर आना, थकान, और सिरदर्द शामिल होते हैं। अगर लक्षण गंभीर हैं तो इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। बीपी लो का इलाज मुख्य रूप से इसके कारणों को दूर करने पर निर्भर करता है, जैसे कि पानी की कमी या विटामिन की कमी को पूरा करना।
लो बीपी में ज्यादा तली-भुनी चीजें, फैट और चीनी से भरपूर चीजें नहीं खानी चाहिए। इससे ब्लड प्रेशर और खराब हो सकता है। साथ ही, कैफीन और शराब का सेवन भी कम करें क्योंकि ये शरीर में पानी की कमी कर सकते हैं।
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लो बीपी कितना होना चाहिए?
लो बीपी 90/60 mmHg से कम माना जाता है, जो शरीर में खून प्रवाह को प्रभावित कर सकता है।
बीपी लो कैसे ठीक होता है?
बीपी लो को ठीक करने के लिए पानी पीना, आहार में नमक बढ़ाना और डॉक्टर से उपचार लेना जरूरी है।
बीपी लो क्यों होता है?
लो बीपी का कारण पानी की कमी, हृदय रोग, दवाइयाँ और हार्मोनल असंतुलन हो सकते हैं।
अचानक बीपी लो क्यों होता है?
अचानक लो बीपी शारीरिक बदलाव, अत्यधिक तनाव, ब्लीडिंग या अत्यधिक शारीरिक गतिविधि के कारण हो सकता है।
बीपी लो होने पर क्या खाना चाहिए?
लो बीपी में नमक, तरल पदार्थ, खट्टे फल और पोषक तत्वों से भरपूर डाइट खाना चाहिए।
बीपी लो होने पर क्या करें?
बीपी लो होने पर आराम करें, तरल पदार्थ लें और डॉक्टर से परामर्श लें।
लो बीपी एक आम समस्या हो सकती है, लेकिन इसे उचित उपचार और देखभाल से नियंत्रित किया जा सकता है। सही आहार, घरेलू उपाय और नियमित डॉक्टर की सलाह से आप इस समस्या का समाधान पा सकते हैं। अगर आप या आपके जानने वाले को लो बीपी के लक्षण महसूस होते हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लें।