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ट्राइग्लिसराइड्स क्या होता हैं – ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ने के कारण, लक्षण और इलाज

ट्राइग्लिसराइड्स क्या होते हैं in Hindi
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दिल की बीमारियां दुनियाभर में मृत्यु के सबसे बड़े कारणों में से एक है। आंकड़ों के मुताबिक, 2019 में दिल की बीमारी के कारण दुनियाभर में लगभग 1 करोड़ 80 लाख लोगों की मौत हुई। इसमें लगभग 85% मौतें केवल हार्ट अटैक और स्ट्रोक के कारण हुई थीं।

दिल की बीमारियों से होने वाली मौतों का तीन चौथाई से अधिक निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होता हैं। दिल की बीमारियां कई कारणों से होती हैं। ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ना (High triglycerides in Hindi) भी उन्हीं में से एक है।

ट्राइग्लिसराइड्स क्या होते हैं (What is triglycerides in Hindi)

ट्राइग्लिसराइड एक प्रकार का वसा (फैट) है जो हमारे खून में मौजूद होता है। हमारा शरीर इस वसा का इस्तेमाल करके ऊर्जा का निर्माण करता है। बेहतर स्वास्थ्य के लिए ट्राइग्लिसराइड्स का सामान्य स्तर शरीर में आवश्यक है। लेकिन स्तर बढ़ने पर अनेको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ने पर धमनियां ब्लॉक हो जाती है जिसके परिणामस्वरूप दिल से संबंधित अनेको बीमारियां और हाई ब्लड प्रेशर एवं ब्लड शुगर एक साथ होने तथा जान जाने का खतरा हो सकता है।

Image showing triglycerides levels for normal high levels

ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ने के कारण (Reasons for high triglycerides in Hindi)

इससे धनियां ब्लॉक होने, स्ट्रोक आने, दिल का दौरा पड़ने के साथ-साथ दिल से संबंधित दूसरी बीमारियों का खतरा भी बढ़ता है। 

ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर कई कारणों से बढ़ सकता है जिसमें मुख्य रूप से निम्नलिखित शामिल हैं:-

  • आनुवंशिक कारण
  • डायबिटीज होना
  • शराब का सेवन
  • सिगरेट का सेवन 
  • अधिक वसायुक्त चीजों का सेवन 
  • अधिक मात्रा में चीनी का सेवन
  • मोटापा होना
  • अस्वस्थ्य डाइट लेना
  • किडनी की बीमारी होना
  • हाइपोथायराइडिज्म
  • शारीरिक रूप से अक्रिय होना

ऊपर दिए गए कारणों के अलावा, कार्बोहाइड्रेट आहार का ज्यादा सेवन करने और किसी खास बीमारी या दवाओं के प्रभाव के कारण भी ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ सकता है।

ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ने के लक्षण (High triglycerides symptoms in Hindi)

डॉक्टर का मानना है कि आमतौर पर ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ने पर इसके लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। लेकिन अगर इसका कारण आनुवंशिकी है तो त्वचा के नीचे फैटी डिपॉजिट्स दिखाई दे सकते हैं।

हाई ट्राइग्लिसराइड्स (triglycerides in Hindi) का पता लगाने और इसके कारण उत्पन्न होने वाले जोखिमों से बचने का सबसे सही तरीका है समय-समय पर डॉक्टर के पास जाकर इसकी जांच कराना। जांच की मदद से डॉक्टर ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर की पुष्टि कर सकते हैं।

ट्राइग्लिसराइड्स का इलाज (Triglycerides high treatment in Hindi)

Image showing cholesterol blocked arteries vs normal artery

ट्राइग्लिसराइड्स का इलाज (how to reduce triglycerides in hindi) कई तरह से किया जाता है। डॉक्टर इलाज के कौन से माध्यम का चयन करते हैं यह हाई ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर, मरीज की उम्र और समग्र स्वास्थ्य, पहले से चल रही दवाओं और एलर्जी आदि पर निर्भर करता है।

ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ने पर डॉक्टर कुछ खास दवाएं निर्धारित कर सकते हैं, जीवनशैली में बदलाव लाने का सुझाव देते हैं और साथ-साथ कुछ घरेलू नुस्खों का भी सुझाव दे सकते हैं। हाई ट्राइग्लिसराइड्स का इलाज करने के लिए कुछ खास आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों (high triglycerides treatment in ayurveda in hindi) का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने के घरेलू उपाय (Home remedies for high triglycerides in hindi)Home remedies for high triglycerides in hindi

ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कुछ खास घरेलू उपायों की मदद से काफी हद तक कम कर सकते हैं। हाई ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल कम करने वाले घरेलू नुस्खों में निम्न शामिल हैं:-

1. वजन को नियंत्रित रखें

अपने वजन को नियंत्रित रखने की कोशिश करें। वजन को नियंत्रित करने के लिए अपनी डाइट और जीवनशैली पर खास ध्यान दें। शोध से इस बात की पुष्टि हुई है कि 5-10 प्रतिशत वजन कम करने से लगभग 20 प्रतिशत तक ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम किया जा सकता है

2. नियमित रूप से व्यायाम करें

नियमित रूप से व्यायाम करना अधिकतर बीमारियों की संभावना को ख़त्म कर देता है। व्यायाम करने, पैदल चलने, नाचने, साइकिल चलाने क्रिकेट या फुटबॉल खेलने जैसी शारीरिक गतिविधियां आदि करने से ट्राइग्लिसराइड्स के लेवल को कम करने में मदद मिलती है। 

3. शराब से दूर रहें

शराब का सेवन करने से शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ता है। यही कारण है कि डॉक्टर इस समस्या से पीड़ित होने पर सबसे पहले शराब का सेवन बंद करने का सुझाव देते हैं।

शराब के सेवन से शरीर में ऊर्जा की मात्रा बढ़ती है जो वसा यानी फैट में बदलता है और आगे जाकर ट्राइग्लिसराइड्स संश्लेषण को बढ़ा सकता है।

4. खान-पान पर खास ध्यान दें

  • अपनी डाइट में मीठी चीजों को कम करें, क्योंकि मीठी चीजों के सेवन से ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ सकता है।
  • रिफाइंडस कार्बोहाइड्रेट जैसे कि सफ़ेद चावल, सफेद आटा, मैदा, सेमोलिना और बेक्ड चीजों के सेवन से भी ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ने का खतरा बढ़ता है।
  • ओमेगा 3 फैटी एसिड को अपनी डाइट में शामिल करें। इसे अच्छा फैट माना जाता है जो ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करने में मदद करता है।
  • अपनी डाइट में सुखी बिन्स, मटर, सोय जैसे दूसरे प्लांट-बेस्ड चीजों को शामिल करें। इनमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है जो ट्राइग्लिसराइड्स में फायदेमंद होता है।
  • फाइबर से भरपपोर चीजों का सेवन करने से ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल कम होता है। अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियों, फलों और साबुत अनाज को शामिल करें।

हाई ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने वाली दवाएं (Medicines to control high triglycerides in Hindi)

कुछ मामलों में स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और खान-पान पर ख़ास ध्यान देने के बाद भी ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर कम नहीं होता है। ऐसी स्थिति में दवाओं की आवश्यकता होती है।

अधिकतर मामलों में हाई ट्राइग्लिसराइड्स वाले लोगों को दूसरी भी अन्य बीमारियां होती है। इसलिए कई बार डॉक्टर के लिए किसी खास एक दवा का चयन करना मुश्किल होता है।

हाई ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल कम करने के लिए डॉक्टर कुछ दवाएं निर्धारित करते हैं जिसमें मुख्य रूप से निम्न हो सकते हैं:-

  • फाइब्रेटस (Fibrates): फैब्रिकोर (Fibricor), लोपीड (Lopid) और ट्राइकोर (Tricor)
  • निकोटिनिक एसिड (Nicotinic Acid)
  • ओमेगा 3 (Omega 3)

एपानोवा (Epanova), लोवाजा (Lovaza) और वासेपा (Vascepa) ओमेगा 3 के प्रिस्क्रिप्शन फॉर्म्स हैं। इन सबके अलावा, कोलेस्टेरॉल को कम करने के लिए आपके डॉक्टर स्टैटिन (Statin) नामक दवा निर्धारित कर सकते हैं।

ध्यान देने वाली बात यह है कि ऊपर दी गई किसी भी दवाओं का सेवन डॉक्टर से परामर्श करने और उनकी सलाह पर ही करना है। डॉक्टर आपके ओवरऑल स्वास्थ्य, पहले से चल रहे इलाज, एलर्जी और दूसरी बातों को ध्यान में रखते हुए दवा और उसकी खुराक निर्धारित करते हैं।

ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करने की नियत से अपने मन मुताबिक या बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी तरह की दवा का सेवन करना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। 

FAQs


Q1. ट्राइग्लिसराइड्स लेवल को कैसे कंट्रोल करें (how to control high triglycerides in hindi)

ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर संतुलित होने के लिए आपकी जीवनशैली स्वस्थ और संतुलित होनी चाहिए। सबसे पहले आपको अपने दैनिक जीवन में कुछ सुधार करने की आवश्यता होगी जिसमें सुबह हल्का-फुल्का व्यायाम करना, मीठी चीजों को अपनी डाइट में कम करना, अपना वजन संतुलित रखना, संतुलित आहार लेना और नशीली चीजों के सेवन से दूर रहना आदि शामिल हैं।

Q2. ट्राइग्लिसराइड कितना होना चाहिए?

ट्राइग्लिसराइड्स का संतुलित स्‍तर(ट्राइग्लिसराइड नार्मल रेंज) 150 mg/dL से कम होता है। लेकिन जब इसका स्तर 200 mg/dL से अधिक होता है तो इसे ट्रिगलीराइड्स का उच्च स्तर माना जाता है।

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