प्रतिरोधक क्षमता(इम्यूनिटी) बढ़ाने के लिए क्या खाएं?
कोरोना वायरस प्रकोप के बाद से लगातार दुनिया भर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को लेकर बातें हो रही हैं। बीमारियों से दूर रहने के लिए आपका रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होना आवश्यक है।
शोध के मुताबिक, जिसका रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होता है उन्हें कोरोना और दूसरी बीमारियां होने का खतरा अधिक होता है। अगर आप अपने स्वास्थ्य को लेकर गंभीर हैं तो यह ब्लॉग आपके लिए खास साबित हो सकता है।
आइए, विस्तार से जानते हैं रोग प्रतिरोधक क्षमता के बारे में, यह कौन से कारणों से प्रभावित होता है और इसे कैसे मजबूत बनाया जा सकता है।
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रोग प्रतिरोधक क्षमता क्या है (What is immunity in Hindi)
रोग प्रतिरोधक क्षमता विशेष कोशिकाओं, उत्तकों और शरीर के दूसरे अंगों का एक नेटवर्क है जो शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टीरिया और वायरस से बचाता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को अंग्रेजी में इम्युनिटी कहते हैं। यह शरीर को बीमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता में खान-पान और जीवनशैली की बड़ी भूमिका होती है। जिसका रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होता है वो अधिक बीमार पड़ते हैं। खान-पान और जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाकर रोग प्रतिरोधक क्षमता को आसानी से मजबूत बनाया जा सकता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले पोषक तत्व
अनेको ऐसे पोषक तत्व हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। आप इन्हें अपनी भोजन में शामिल करके रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बना सकते हैं।
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विटामिन ए
इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो शरीर में सूजन को रोकने का काम करते हैं। साथ ही, शरीर में बीमारियों से लड़ने वाली कोशिकाओं की संख्या बढ़ाते हैं।
शरीर में विटामिन ए की मात्रा बढ़ाने के लिए आप गाजर, कद्दू, शकरकंद, दूध, दूध से बने पदार्थ, दही, पनीर, आम, पपीता, खरबूज, संतरा, खुबानी आदि को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
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विटामिन सी
इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर को होने वाले नुकसान और संक्रमण से बचाते हैं। आंवला, पपीता, स्ट्रॉबेरी, अंगूर, संतरा, नींबू, टमाटर, हरी मिर्च और ब्रोकोली में विटामिन सी पाया जाता है।
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विटामिन डी
शोध के मुताबिक, विटामिन डी सांस से संबंधित संक्रमण और वायरल संक्रमण को रोकने में प्रभावशाली साबित होता है। सूरज की रौशनी, अंडे की जर्दी और मशरूम विटामिन डी के बड़े स्रोत हैं।
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विटामिन ई
इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो शरीर को डिटॉक्सीफाई करके रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं। विटामिन ई की पूर्ति करने के लिए ब्रोकोली, कद्दू, शलजम और साग का सेवन कर सकते हैं।
इन सबके अलावा, बादाम, जैतून, मूंगफली, कीवी, खुबानी, गेहूं का बीज और वनस्पति तेल जैसे कि सूरजमुखी, गेहूं, बादाम और सोयाबीन के तेल में विटामिन ई की अधिक मात्रा पाई जाती है।
आयरन, सेलेनियम, ओमेगा 3, जिंक और प्रोबायोटिक भी फायदेमंद होते हैं। इन सब की मदद से रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाकर शरीर में होने वाली क्षति और संक्रमण को रोका जा सकता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए?
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए। फलों में आप निम्न को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं:-
- सेब
- नींबू
- अनार
- आलूबुखारा
इम्यून सिस्टम को सुधारने वाले पेय पदार्थ में निम्न शामिल हैं:-
- ग्रीन टी
- छाछ, लस्सी
- फलों का रस
- नारियल पानी
- हल्दी वाला दूध
- पर्याप्त मात्रा में पानी
- आवश्यकतानुसार हल्का गर्म पानी में शहद
रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए आप निम्न जड़ी बूटियों, मसालों और बीजों का सेवन कर सकते हैं:-
- लौंग
- अलसी
- लहसुन
- अदरक
- इलायची
- दालचीनी
- मेथी दाना
- काली मिर्च
इन सभी का इस्तेमाल आप काढ़ा या सूप तैयार करने में कर सकते हैं। ध्यान रहे कि अगर आपको पहले से सर्दी, जुकाम या बुखार है तो आपको कुछ चीजों से परहेज करना चाहिए। किसी भी वस्तुए का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखने के लिया किन चीजों का सेवन न करें
जैसे रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए आप अनेको खान-पान की चीजों का सेवन करते हैं, वैसे ही आपको कुछ खान-पान की वस्तुओं से परहेज भी करना आवश्यकता होता है।
नीचे हम आपको कुछ ऐसी वस्तुओं के बारे में बता रहे हैं जिससे आपको परहेज करना चाहिए।
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सिगरेट
सिगरेट, बीड़ी, हुक्का या दूसरा किसी भी तरह का धूम्रपान सीधे तौर पर फेफड़ों को बुरी तरह से प्रभावित करता है। नतीजतन, रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है और आपके शरीर में कई तरह की समस्याएं पैदा होनी शुरू हो जाती हैं।
अगर आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको सिगरेट या दूसरे धूम्रपान को बंद कर देना चाहिए।
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शराब
शराब लिवर को प्रभावित करता है जिससे लिवर के साथ-साथ शरीर के दूसरे अंगों में भी कई तरह की बीमारियां पैदा होती हैं। अगर आप शराब का सेवन करते हैं तो इसका सेवन सीमित या बंद कर देना चाहिए।
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जंक फूड्स
सीमित रूप में जंक फूड्स खाने से कोई प्रॉब्लम नहीं है, लेकिन जब इसका सेवन अधिक मात्रा में होने लगता है तो यह पाचन तंत्र को बुरी तरह प्रभावित करता है जिससे आपको गैस, बवासीर और लिवर से संबंधित बीमारियों का सामना करना पड़ता है।
इन सबसे से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है जिसके परिणामस्वरूप आप हमेशा बीमार पड़ते हैं और आपका पर्सनल एवं प्रोफेशनल दोनों जीवन में असंतुलन पैदा होता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर होने से बचाने का एक तरीका यह भी है कि आप जंक फूड्स का सेवन कम से कम या न करें।
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चाय और कॉफी
चाय और कॉफी में कैफीन मौजूद होता है जो आपकी पाचन शक्ति और नींद को प्रभावित करता है। आप सुबह या शाम में चाय या कॉफी का सेवन कर सकते हैं। लेकिन आपको ध्यान रखना चाहिए कि आप इसका ज्यादा और खासकर रात में सोने से पहले सेवन न करें।
रात में सोने से पहले चाय या कॉफी का सेवन करने से आपकी नींद प्रभावित होती है जो आपकी रोग प्रतिरक्षा शक्ति को कमजोर करता है।
इन सबके अलावा, आपको डब्बा में बंद पदार्थों, मैदा, चीनी और रिफाइंड फूड्स आदि के सेवन से भी बचना चाहिए। ये सभी रोग प्रतिरोधक क्षमता पर बुरा असर डालते हैं।