गुदा क्षेत्र की नसों में सूजन आना और उसके कारण मस्सों का निर्माण होना मेडिकल भाषा में बवासीर कहलाता है। बवासीर को अंग्रेजी में पाइल्स कहते हैं। समय पर बवासीर का निदान होने पर सटीक उपचार की मदद से इसे बढ़ने यानी गंभीर रूप लेने से रोका एवं हमेशा के लिए ख़त्म किया जा सकता है।
बवासीर के दो प्रकार होते हैं जिसमें आंतरिक बवासीर और बाहरी बवासीर शामिल हैं। साथ ही, बवासीर के चार अलग-अलग चरण होते हैं जिसमें ग्रेड 1, ग्रेड 2, ग्रेड 3 और ग्रेड 4 शामिल हैं।
बवासीर कई कारणों से होता है जिसमें मुख्य रूप से लंबे समय तक एक ही जगह बैठना, पुरानी कब्ज की शिकायत होना, कम पानी का सेवन करना, गुदा क्षेत्र में चोट लगना, रेक्टल प्रोलैप्स होना, फाइबर-युक्त भोजन नहीं करना, सिगरेट और शराब का सत्याधिक सेवन करना, अत्याधिक तैलीय और मसालेदार चीजों का सेवन करना, फ़ास्ट फूड्स और ड्रिंक्स का सेवन करना आदि शामिल हैं।
बवासीर होने पर आप खुद में अनेक लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं जैसे कि बैठते समय गुदा क्षेत्र में दर्द होना, गुदा क्षेत्र में सूजन, जलन और दर्द होना, मल त्याग के समय मल के साथ खून आना और गुदा क्षेत्र में खुजली होना आदि। अगर आप इन लक्षणों को खुद में अनुभव करते हैं या आपको इस बात का संदेह है कि आपको बवासीर है तो जल्द से जल्द विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
आपके लक्षणों के आधार पर डॉक्टर कुछ जांच करके लक्षणों के पीछे के सटीक कारण का पता लगाते हैं। बवासीर का निदान करने के लिए डॉक्टर निम्न का सुझाव दे सकते हैं:
शारीरिक परीक्षण बवासीर की नैदानिक प्रक्रिया का सबसे शुरुआती चरण है। शारीरिक परीक्षण के दौरान, डॉक्टर मरीज से उसकी मेडिकल हिस्ट्री से संबंधित कुछ प्रश्न पूछते हैं। साथ ही, मरीज के गुदा क्षेत्र के बाहरी हिस्से का परीक्षण भी करते हैं।
यह आमतौर पर आंतरिक बवासीर का निदान करने के लिए किया जाता है। डिजिटल रेक्टल एग्जाम के दौरान डॉक्टर ग्लव्स एवं लुब्रिकेटेड उंगली से गुदा के क्षेत्र की जांच करते हैं। साथ ही, वे उसे गुदा मार्ग के अंदर डालकर वहां के टिशू के असामान्य विकास एवं आंतरिक बवासीर की जांच करते हैं।
इस परीक्षण के दौरान डॉक्टर मरीज के गुदा मार्ग के अंदर एनोस्कोप नामक उपकरण को डालकर कंप्यूटर स्क्रीन पर गुदा के भीतरी हिस्सों को अच्छी तरह से देखते हैं। एनोस्कोप एक पतली ट्यूब की तरह होता है जिसका एक छोर पर कैमरा और लाइट लगा होता है जिसकी मदद से डॉक्टर को गुदा के आंतरिक हिस्सों को कंप्यूटर स्क्रीन पर देखने में मदद मिलती है।
यह प्रक्रिया भी बिलकुल एनोस्कोपी की तरह है, लेकिन इसमें मलाशय के अस्तर और कोलोन(colon) की जांच करने के लिए प्रॉक्टोस्कोप नामक मेडिकल उपकरण का इस्तेमाल किया जाता है।
इस प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर कोलोनोस्कोप नामक मेडिकल उपकरण का इस्तेमाल करके मलाशय और कोलोन के आंतरिक हिस्सों को देखते हैं। कोलोनोस्कोप एक पतली ट्यूब की तरह है जिसका एक छोर पर एक छोटी सी लाइट और कैमरा लगा होता है।
जब डॉक्टर को इस बात का संदेह होता है कि मरीज को पाचन संबंधित कोई अन्य बीमारी है, कोलोरेक्टल कैंसर होने का खतरा है या फिर मरीज मध्य आयु वर्ग का है और उसने हाल में कोई कोलोनोस्कोपी नहीं कराई है। इन सभी जांच के परिणाम के आधार पर यह तय किया जाता है बवासीर का कारण क्या है, वह किस चरण में हैं और आगे किस प्रकार की जटिलताओं का खतरा है आदि। बवासीर का निदान करने के बाद डॉक्टर को इसके लिए प्रभावशाली उपचार और पद्धति का चयन करने में मदद मिलती है।
अगर आप खुद में बवासीर के लक्षणों का अनुभव करते हैं या आपको इस बात का संदेह है कि आपको बवासीर है तो आप हमारे डॉक्टर के साथ अपॉइंटमेंट बुक करके अपनी बीमारी उचित निदान और सटीक उपचार करवा सकते हैं। हमारे विशेषज्ञ के साथ अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए आप इस पेज के ऊपर दिए गए फोन नंबर या अपॉइंटमेंट बुक फ्रॉम का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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