सर्वाइकल कैंसर के लक्षण
सर्वाइकल कैंसर एक प्रकार का कैंसर है जो सर्विक्स में शुरू होता है। महिलाऔ के गर्भाशय के निचले हिस्से में यूट्रस और वजाइना से जुड़ने वाली सिलेंडर नुमा नाली को सर्विक्स कहा जाता हैं। अधिकांश सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय की बाहरी सतह पर जो सेल्स होते हैं वहा से शुरू होते हैं।
आमतौर पर सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित कई महिलाओं को यह पता ही नहीं चलता कि उन्हें ऐसी कोई बीमारी है, क्योंकि सर्वाइकल कैंसर काफी समय तक लक्षण पैदा नहीं करता है।
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण हैं-
- असामान्य खून का बहाव, जैसे कि मासिक धर्म के बीच में और सेक्सुअल इंटरकोर्स के बाद
- वजाइनल डिस्चार्ज
- पेल्विस में दर्द
- बार बार पेशाब आना
- पेशाब करने के दौरान दर्द होना
सर्वाइकल कैंसर के अधिकांश मामले ह्यूमन पपिल्लोमाविरुस (एचपीवी) के कारण होते हैं। एचपीवी के कैंसर पैदा करने वाले सेल से संक्रमित होने का मतलब यह नहीं है कि आपको सर्वाइकल कैंसर हो जाएगा। एचपीवी महिलाओं और पुरुषों में अन्य कैंसर भी पैदा कर सकता है। इसमे शामिल है:
- वुल्वर कैंसर
- वजाइनल कैंसर
- पनीले कैंसर
- एनल कैंसर
- रेक्टल कैंसर
- गले के कैंसर
सर्वाइकल कैंसर के पहले स्टेज में, कैंसर सर्विक्स में होता हैं और आस-पास के अन्य अंगों में नहीं फैलता है। स्टेज 1A – सर्वाइकल कैंसर में, ट्यूमर इतना छोटा होता है कि इसे केवल कोल्पोस्कोप या माइक्रोस्कोप से ही देखा जा सकता है। स्टेज 1B – सर्वाइकल कैंसर में, ट्यूमर बड़ा होता है, लेकिन फिर भी सर्विक्स में ही होता है।
सर्वाइकल कैंसर का पता निम्नलिखित परीक्षणों से किया जा सकता है-
- बिमानुअल पेल्विक टेस्ट और स्टेराइल स्पेक्युलुम टेस्ट
- पैप टेस्ट
- एचपीवी टाइपिंग टेस्ट
- कोल्पोस्कोपी
- बायोप्सी
सर्वाइकल कैंसर का आमतौर पर इलाज संभव है, खासकर अगर इसका इलाज तब किया जाता है जब कैंसर शुरुवाती स्टेज में होता है।